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Monday, 7 August 2023

How To Start A Business-व्यवसाय शुरू करने से पहले 8 बातें

How To Start A Business-व्यवसाय शुरू करने से पहले 8 बातें

एक नया छोटा व्यवसाय शुरू कैसे करें? एक व्यवसाय की सफलता के लिए व्यवसाय शुरू करने से पहले किये जाने वाले कार्यों को समझना आवश्यक है। व्यवसाय की स्थापना के लिए आपको एक योजना बनाने की जरूरत होती है। किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के पूर्व उचित योजना होना आवश्यक है, क्योंकि इसी आधार पर आगे चलकर आपका व्यवसाय आकार लेता है।


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   व्यवसाय शुरू करने से पहले एक ही समय में बहुत सी चीज़ों पर विचार करने के साथ उन सभी पर काम करना पड़ता है। नए छोटे व्यापार मालिकों के लिए यह तनावपूर्ण हो सकता है, इस वास्तविकता से इंकार नहीं किया जा सकता है। परन्तु एक व्यावहारिक योजना बनाकर अपने उद्देश्य प्राप्ति की भावना के साथ व्यवसाय की स्थापना के लिए कार्य करना संभव है।


 अपना व्यवसाय शुरू करने से पहले अपने व्यवसाय पर शोध करना व प्रतिस्पर्धियों और जोखिम को समझना आवश्यक है। इसके साथ अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन  करना महत्वपूर्ण है। 


  यह लेख उन लोगों के लिए है जो एक नया व्यवसाय शुरू करने पर विचार कर रहे हैं और इसके बारे में जानना चाहते हैं कि व्यवसाय शुरू करने से पहले क्या करना पड़ता है।


    ध्यान रखें - शुरुआत में सही  निर्णय लेने से व्यवसाय में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है। व्यवसाय की शुरुआत में अपना तन मन धन देने के अलावा, अपनी ऊर्जा को सही कार्यों में लगाना महत्वपूर्ण है।


   व्यवसाय शुरू करने से पहले आपको अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए, लेकिन आपको यह मानकर भी चलना होगा कि सब कुछ वैसा ही नहीं होने वाला जैसा आपने सोच रखा है, कुछ चीज़ें निश्चित रूप से खराब हो सकती हैं। इसलिए एक सफल व्यवसाय चलाने के लिए आपको बदलती परिस्थितियों के अनुकूल व्यवहार करने के लिए तैयार होना चाहिए।

   

   व्यवसाय शुरू करने में योजना बनाना, प्रमुख वित्तीय निर्णय लेना और कानूनी गतिविधियों की एक श्रृंखला को पूरा करना शामिल है। प्रत्येक चरण के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें 


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व्यवसाय शुरू करने से पहले 8 बातें (How To Start A Business)


1. बाजार अनुसंधान करना -


अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको अपने सोचे हुए व्यापार के क्षेत्र पर गहन बाजार अनुसंधान करना आवश्यक है। आपको यह देखना होगा कि निकट भविष्य में इस व्यापार को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और आप उससे किस प्रकार निपट सकते हैं। 


    आपका पहला कदम लोगों की किसी समस्या और उसके समाधान की पहचान करना है। यह जरूरी नहीं है कि आपके पास कोई नया विचार ही हो, आप मौजूदा उत्पादों या सेवाओं को इस ढंग से पेश कर सकते हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए बेहतर हो। 


  व्यवसाय योजना तैयार करने में अपने संभावित ग्राहकों की जनसांख्यिकी को ध्यान में रखना जरूरी है।अगर आप कोई शॉप एक नए विचार के साथ शुरू कर रहे हैं तो उसमें बेचे जाने वाला सामान उस क्षेत्र के लोगों की पसंद और उनकी आर्थिक स्थिति के अनुकूल होना चाहिए।


2.  बिज़नेस प्लान बनाएं -


जब आप यह निश्चित कर लेते हैं कि आप किस उत्पाद या सेवा को लेकर अपना काम शुरू करना चाहते हैं तो आपको एक व्यवसाय योजना बनाने की आवश्यकता होगी जिसमें आपके उत्पादों या सेवाओं का पूरा विवरण हो। 


   इस योजना में आपको सामान प्राप्ति से लेकर उसे बेचने के लिए अपनायी जाने वाली नीति के अलावा अपने बिज़नेस का मैनेजमेंट, पैसे की व्यवस्था और बाज़ार विश्लेषण की जानकारी, कर्मचारियों की भर्ती व आपके व्यवसाय से संबंधित ताज़ा जानकारी प्राप्त करने के माध्यमों की जानकारी शामिल होना चाहिए। 


  अपने बिज़नेस के लिए लोन प्राप्त करना चाहें तो अपनी योजना को लिख लें, जब आपकी योजना लिखित रूप में होगी तो आपको बैंक से ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी क्योकि तब आप उन्हें स्पष्ट रूप से बता सकते हैं कि वे पैसे उपयोग कैसे करेंगे।


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3. बिज़नेस के लिए फंडिंग -


आपको अपने बिज़नेस प्लान के अनुसार पूँजी की आवश्यकता होगी, प्रत्येक बिज़नेस ओनर के लिए स्टार्टअप की लागत अलग-अलग होती है। अगर आपके पास लागत नहीं है तो अपने स्टार्टअप के लिए वित्तपोषण प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए आप किसी पार्टनर को ढूंढ सकते हैं अथवा अपने मित्रों और परिवार से सहयोग प्राप्त करने के अलावा बैंक की मदद ली जा सकती है। 

 

   बैंक से ऋण प्राप्त करते समय आपको  ब्याज दरों सहित अपनी लागत और कैश फ्लो का अनुमान लगाना होगा। इससे आपको अपने खर्चों पर नज़र रखने और बजट पर टिके रहने में मदद मिलेगी।ध्यान रखें कि प्रारम्भिक खर्चों के अलावा आपके पास अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था भी होनी चाहिए। 


    यदि आप अपने व्यवसाय के लिए पर्याप्त धन नहीं जुटा पाते हैं, तो आपको अपना बिज़नेस बंद करना पड़ सकता है। क्योंकि प्रारम्भिक दिनों में व्यवसाय की परिचालन लागत, आय की तुलना में अधिक हो सकती है और आप पूँजी की कमी के चलते भुगतान नहीं कर पाने का जोखिम उठाएंगे। 


  अनुमान लगाया गया है कि लगभग एक तिहाई स्टार्टअप अपने शुरुवात के कुछ महिनों में ही विफल हो जाते हैं, क्योंकि उनके पास परिचालन के पैसे खत्म हो जाते हैं।


4.  स्थान का चयन -


स्टार्टअप शुरू करने के लिए आपको अपने सोचे हुए काम के अनुरूप स्थान का चयन करना होता है। चाहे आपको एक कार्यालय स्थापित करना हो, एक वर्कशॉप खोलना हो या एक स्टोर खोलना हो, आपको यह निश्चित करना होगा कि किराये पर लेना या प्रॉपर्टी खरीदना आपके बजट के अनुकूल है या नहीं।


  अगर आप खरीद सकें तो व्यावसायिक प्रॉपर्टी के मालिक होने पर आपका किराया तो बचता ही है, इसके अलावा कई अन्य लाभ भी हैं -आप प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा किराये पर देकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं और कुछ वर्षों बाद प्रॉपर्टी के बढ़े हुए मूल्य का लाभ भी आपको मिलेगा।


  अपने स्वयं के व्यवसायिक स्थान के मालिक होने का एक लाभ यह भी है कि आप प्रॉपर्टी के स्वरूप में अपने व्यवसाय की जरूरत के अनुसार परिवर्तन भी कर सकते हैं।  

 

   हालाँकि, शुरुआत में स्टार्टअप्स को किराये पर लेने का एक कारण पैसों की कमी के अलावा यह है कि वह पैसा, अपने व्यवसाय के अन्य पहलुओं में निवेश कर सकते हैं। किराये पर स्थान लेना, अपने स्टार्टअप को शुरू करने  के लिए एक सस्ता तरीका हो सकता है। 


   परन्तु किराये पर लेते समय आपको ध्यान रखना होगा कि प्रॉपर्टी का ओनर, रेंट एग्रीमेंट को अवधि समाप्ति के बाद आगे जारी रखने से मना कर सकता है या किराए में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि कर सकता है। ऐसी परिस्थिति आपको अधिक खर्च करने या व्यवसाय को स्थानांतरित करने के लिए मजबूर कर सकती हैं। 


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5. बिज़नेस के लिए सही लोगों का चुनाव करें -


बिना अनुभव के नया बिजनेस शुरू करने में काफी जोखिम हो सकता है, इसीलिए अपनी टीम चुनते समय अनुभवी लोगों को प्राथमिकता दें। लोन लेकर काम शुरू करना चाहते हैं तो आपको एक अच्छे चार्टर्ड अकाउंटेंट की आवश्यकता होगी, यह आपको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के साथ बैंक ऋण दिलवाने में मदद करेगा। 


  व्यवसाय की स्थापना के लिए विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों की जरूरत पड़ती है। छोटे व्यवसायों के शुरुआती चरणों में सही स्टार्टअप टीम का चयन करते समय व्यक्ति की योग्यता को अधिक महत्व दें, भले ही इसके लिए आपको कुछ अधिक वेतन का भुगतान करना पड़े। 


 प्रारम्भिक चरण में व्यवसाय के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होता है इसके लिए इंटीरियर डिज़ाइनर व ठेकेदारों की आवश्यकता पड़ती है। इसके बाद व्यवसाय शुरू करने के लिए कुशल कर्मचारियों की भर्ती सावधानी से करना चाहिए।


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6. आवश्यक कानूनी कदमों का पालन करें -


स्टार्टअप खोलने के लिए शासन की तरफ से निर्देशित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें। चाहे आप किसी वस्तु का निर्माण करने की यूनिट लगाना चाहें अथवा शॉप या अपना कार्यालय स्थापित करना चाहते हों, उससे संबंधित सभी लाइसेंस आदि प्राप्त करने के साथ आधिकारिक तौर पर बाजार में प्रवेश करें। 


  आपको स्थानीय नियमों और कानूनों की जानकारी प्राप्त करने के बाद इस संबंध में जरूरी कदम उठाने की जरूरत होगी, जिसमें शामिल हैं -


A.  अपने व्यवसाय का नाम पंजीकृत करना। 


B. व्यवसाय लाइसेंस के लिए आवेदन करना


C. बैंक में करंट अकाउंट खोलना 


D. GST नंबर प्राप्त करना


E. ट्रेडमार्क बनवाना 


F. श्रम कानून नियमों से स्वयं को परिचित करना


G. अगर पार्टनरशिप में काम शुरू कर रहे हैं तो पार्टनर डीड बनाना 


7. एक मार्केटिंग योजना बनाएं -


प्रत्येक स्टार्टअप को मार्केटिंग के लिए अलग मात्रा में पैसा खर्च करने करने की जरूरत होती है और इसके लिए एक पालिसी की आवश्यकता होती है। यह एक महत्वपूर्ण व्यय है, क्योंकि यह आपकी पहचान बनाने में सहायता करता है -

 

A. अपनी एक ब्रांड पहचान स्थापित करें, बेहतरीन ग्राहक सेवा देने से आपको पहचान बनाने में मदद मिलेगी। ग्राहकों से सीधे फीडबैक प्राप्त करना और उनके अनुसार सुधार करना एक अच्छा तरीका है।


B. प्रतिस्पर्धा से अलग दिखें, ऐसा कुछ करें जो नया और ग्राहकों के लिए अधिक उपयोगी हो।

 

C. ग्राहक से समय -समय पर मेसेज आदि के द्वारा संबंध बनाएं रखें, जिससे जुड़ाव बना रहे। 

 

D. अपने शॉप की दृश्यता बढ़ाएँ, साइन बोर्ड और लाइटिंग आकर्षक रखें, जो ग्राहकों को आकर्षित करे। 


E. वस्तु या उत्पाद के संबंध में ग्राहक की कोई शिकायत हो तो उसका उचित निराकरण करें, ऐसा करने से आपके संस्थान की प्रतिष्ठा मजबूत होती है 


F. अपने स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कूपन जारी करना, पुरस्कार देना जैसी मार्केटिंग गतिविधियाँ करने पर बिज़नेस अधिक बढ़ता है। 


G. अपने स्टोर में आने वाले ग्राहकों को कोई आइटम निःशुल्क प्रदान करना-लोगों को अपने विज्ञापन के जरिये बताएं कि उनके यहां आने वाले ग्राहकों को मुफ्त उपहार दिए जाएंगे।  

H. स्थानीय समुदायों में अपना नाम फैलाने के लिए आयोजनों को प्रायोजित करना- यह भी अपनी पहचान बनाने का एक तरीका है। 


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8. समय के अनुसार बदलाव करते रहें -


 व्यवसाय की स्थापना के बाद उसे निरंतर चालू रखना एक बड़ी चुनौती होती है। इसमें सफलता की कुंजी- अपने व्यवसाय को बाजार के अनुसार विकसित करना और अनुकूलित करना है।


  आज नित नए होने वाले अविष्कारों के कारण, स्टार्टअप संचालन के तरीके कुछ वर्षों में ही काफी बदल जाते हैं।इसलिए मार्केट के रुझानों पर अपडेट रहते हुए आपको समय के अनुसार, अनुकूलन के लिए तैयार रहना चाहिए।


 आपको अपने ग्राहकों के अलावा आपूर्तिकर्ताओं और आपके साथ काम करने वाले लोगों की प्रतिक्रिया भी ध्यान से सुनना चाहिए। याद रखें, जो व्यवसाय  उपभोक्ता अपेक्षाओं के साथ विकसित होने के लिए तैयार होते हैं, वे ही वर्षों तक बाज़ार में खुद को स्थापित रखने में सक्षम होते हैं।


   आशा है ये आर्टिकल "How To Start A Business-व्यवसाय शुरू करने से पहले 8 बातें" आपको पसंद आया होगा। इसे अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को प्रेषित कर सकते हैं, जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।  


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