Causes Of Money Problems-पैसों की तंगी के कारण
यदि आपके पास अक्सर पैसों की कमी होती है और धन की तंगी से परेशान रहते हैं, तो आपको अपने धनसंकट के कारणों की गहराई में जाकर समीक्षा करने की जरूरत है। वैसे तो पैसों की कमी का सबसे सीधा संबंध आपकी कमाई से है, अगर कमाई से खर्च अधिक है तो पैसों की तंगी होगी ही।
परन्तु अगर सामान्य रूप से आपकी कमाई ठीक है फिर भी पैसों की तंगी रहती हो तो इसके पीछे आपकी आदतें हो सकती हैं। कई बार इसका कारण मानसिक समस्या भी होती है, जिसमें व्यक्ति को अपने पास उपलब्ध धन हमेशा कम लगता है और वह असंतुष्ट बना रहता है।
पैसों की कमी को पूरा करने के लिए कई लोग कर्ज लेते हैं और कर्ज के जाल में एक बार पहुंचने पर फिर स्थितियां सही होने में बहुत दिक्कतें होती हैं, जिससे व्यक्ति क़र्ज़ के चक्रव्यूह में फंस जाता है। इसलिए पैसों की कमी की समस्या से निपटने के लिए पहले तो अपनी आदतों में बदलाव करना होगा और दूसरी बात यह है कि आपको सही वित्तीय सलाह की जरूरत होगी।
यदि आप आर्थिक परेशानी में अक्सर पड़ जाते हैं, तो पहले कारण निर्धारित करें। इससे आपके पास कारण की पहचान करने के लिए एक चेकलिस्ट होगी और फिर आप सबसे अच्छा समाधान निर्धारित करें। अपने पैसे की समस्याओं की भावनात्मक जड़ तक पहुंचना सफलता प्राप्त करने की कुंजी हो सकती है, जिसके लिए आपको बड़े बदलाव करने की आवश्यकता होगी। यहां वित्तीय समस्याओं के शीर्ष कारण दिए गए हैं।
वित्तीय समस्याओं के कारण (Causes Of Money Problems)
1. धन प्रबंधन कौशल की कमी -
सीमित धन प्रबंधन कौशल, वित्तीय समस्याओं का एक कारण है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से अधिकांश लोगों के पास अपने पैसों को व्यवस्थित तरीके से खर्च और उपयोग करने का सीमित कौशल और ज्ञान है। दरअसल हमारी शिक्षा प्रणाली हमें अपने जीवन में मनी मैनेजमेंट का ज्ञान देने में विफल है।
इसलिए धन प्रबंधन का कौशल सीखने के लिए हमें समय निकाल कर उन लोगों की आदतों को अपनाना होगा जो आर्थिक तंगी से मुक्त हैं। इसके साथ हमें यह देखना होगा कि हमारे कौन से कदम बीते समय में वित्तीय घाटे का कारण बने हैं। आपको बुनियादी आर्थिक ज्ञान पर फोकस करते हुए अपने वित्तीय लक्ष्यों की योजना बनाने में काम करना है।
मनी मैनेजमेंट के प्रति लापरवाही से दैनिक जीवन में परेशानी होती है और भविष्य के निवेश के मुद्दे भारी पड़ सकते हैं। परंतु इसके लिए डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप अपने पैसों को सुव्यवस्थित तरीके से खर्च और निवेश करने के तरीकों की तलाश करें।
एक बार जब आप इस ओर ध्यान देकर काम शुरू कर देते हैं, तो आप सीखते जाते हैं और वित्तीय कठिनाइयों पर काबू पा लेते हैं। आपको अपनी आय के अनुरूप खर्च और निवेश का बजट बनाने पर ध्यान केंद्रित करना और उस पर टिके रहना सबसे जरूरी काम है। इसे अपनी आदत में शामिल करना आवश्यक होगा। धन प्रबंधन कौशल सीखने के लिए बहुत सारी अच्छी किताबें, वेबसाइट और वीडियो उपलब्ध हैं। आप इनमें से किसी एक संसाधन को चुन सकते हैं।
2. किसी चीज से भावनात्मक लगाव -
पैसों की तंगी का एक कारण भावना में बहकर कार्य करना भी होता है। धन संबंधी मामले तब ही अच्छे से हल किये जा सकते हैं जब हम अपनी भावनाओं को काबू में रखते हैं। इसके अभाव में प्रैक्टिकल की जगह भावनात्मक निर्णय लेने से वित्तीय संकट और मानसिक तनाव होगा।
उदाहरण के लिए, अगर आपके पिताजी ने किसी संस्थान में काम करके अपने परिवार की जरूरतों को पूरा किया, इसका मतलब यह नहीं है कि आपके लिए भी वही काम ठीक रहेगा।
इसी प्रकार व्यवसाय में भी कई बार विभिन्न कारणों से मार्जिन की कमी होने के साथ अन्य दिक्क्तें बढ़ जाती हैं, ऐसे में विरासत के रूप में प्राप्त इस प्रकार के व्यवसाय से जुड़ना आपको आर्थिक परेशानी दे सकता है। यहां आपको पैतृक व्यवसाय से जुड़ाव की भावना को त्यागना होता है।
इसके अलावा कई लोग एक ऐसे घर में रहने की गलती करते हैं जिसमें रहना और वहां की परेशानियों को बर्दाश्त करना बेहद कठिन होता है, परन्तु पूर्वजों द्वारा बनाये गए उस घर से भावनात्मक रूप से जुड़े होने के कारण वे उसे छोड़ नहीं सकते। यह उनके स्वास्थ्य को खराब करने के साथ उनकी आर्थिक हानि का कारण बनता है।
3. लत (Addiction) -
ड्रग्स, शराब और जुए की लत वित्तीय समस्याओं की जड़ में हो सकती है। अगर आप अपनी लत से छुटकारा पा लेते हैं, तो यह आपके परिवार और आपकी वित्तीय स्थिति की बेहतरी के लिए ठीक रहेगा। स्वाभाविक रूप से कोई भी लत आपके धन को चूसकर आपको हमेशा वित्तीय संकट में रख सकती है।
अगर आप ऐसी किसी लत की गिरफ्त में हैं तो तय करें कि आपको मदद की ज़रूरत है या नहीं। निरीक्षण और कठोर अनुशासन के जरिये आप किसी भी लत से छुटकारा पा सकते हैं परन्तु कई बार इसके लिए किसी विषेशज्ञ की सेवाओं का लाभ लेने की जरूरत पड़ती है। अतः विषेशज्ञ की सलाह लेने से हिचके नहीं क्योंकि लत से छुटकारा मिले बिना पैसों की तंगी दूर नहीं होने वाली है।
4. दिखावा करने की आदत -
अपने अहंकार के कारण दिखावा करने की आदत, आर्थिक समस्याओं का कारण बनती है। जब आपकी वित्तीय स्थिति महंगी कार, बड़े घर और आकर्षक छुट्टियां बिताने का बोझ सहन करने लायक नहीं होती फिर भी केवल दिखावे के लिए जब आप इन चीज़ों पर खर्च करना शुरू करते हैं तो यह पैसों की तंगी का कारण बनता है।
दिखावा करने वाले लोग अनावश्यक सामानों से घर को भरने में लगे रहते हैं साथ ही यात्राओं और होटलों में खानपान में इनका बहुत पैसा खर्च होता है। अधिकतर प्रदर्शन प्रेमी अहंकारी लोग इमरजेंसी फण्ड बनाने में विश्वास नहीं करते हैं, वे जो भी पैसा कमाते हैं उसे पूरा खर्च कर देते हैं, इसलिए सुदृढ़ आर्थिक स्थिति पर कभी नहीं पहुंचते हैं। अतः आर्थिक तंगी में फंसे व्यक्ति को देखना चाहिए की इसके मूल में कहीं उसका अहंकार तो नहीं है?
5. खराब वित्तीय निर्णय -
हम में से अधिकांश लोग ज्ञान की कमी और व्यक्तिगत कारणों से पैसे के निवेश संबंधी मामले में जागरूक नहीं होते जबकि वित्तीय कौशल, जीवन के संचालन के साथ आपके एसेट्स के संबंध में महत्वपूर्ण है। यह सच है कि हम अपने पैसे को घर में दबाकर नहीं रख सकते, लेकिन निवेश के गलत फैसले से आर्थिक परेशानी हो सकती है।
अगर आपको कोई यह सलाह देता है कि वह आपके पैसों को थोड़े समय में कई गुना कर देगा तो सतर्क हो जाइये यह उसकी ठगी की कोई चाल हो सकती है। अक्सर रिटायर्ड लोगों और जमीन बेचकर पैसा प्राप्त किये लोगों पर ठगों की नज़र होती है। अगर ऐसे ठगों के जाल में ये लोग लालचवश फंसते हैं तो उनकी जीवन भर की कमाई नष्ट हो सकती है।
हमें किसी पर भी भरोसा करने से पहले सोच विचार कर निर्णय लेना होगा, यह देखना बहुत महत्वपूर्ण है कि आप किसी पोंजी स्कीम में तो फंसने नहीं जा रहे हैं? इसलिए अपना होमवर्क करें और सही वित्तीय सलाहकार और संस्थाओं को चुनें। हमें पहले सीखना होगा, तभी किसी पोर्टफोलियो में पैसे लगाना चाहिए, लेकिन आपका निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
6. कर्ज के साथ कठिनाइयाँ -
घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया गया ऋण हमारी वित्तीय समस्याओं का अगला बड़ा कारण है और किसी महाजन से उच्च ब्याज दरों में यह ऋण है तो निश्चित रूप से पैसों की तंगी का कारण बनेगा। लापरवाह लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड ऋण भी वित्तीय कठिनाई का कारण बन सकता है।
आज ऋण के जाल में फंसना बहुत आसान है, इसकी शुरुवात स्टूडेंट लाइफ से हो जाती है। स्टूडेंट, हाई स्कूल के बाद कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं और कॉलेज महंगा है इसलिए वे एजुकेशन लोन लेते हैं। इसके बाद बहुत सी चीजें हैं जो वे चाहते हैं- अच्छे कपड़े, नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेश यात्रा और बहुत कुछ।
लेकिन अगर इन सब के लिए पैसे कम हैं, तो लोग अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं और उन चीज़ों को प्राप्त करते हैं जो वे चाहते हैं। फिर इनमें से ज्यादातर लोगों को घूमने के लिए कार की जरूरत होती है, इसके लिए वे अपने ऊपर कार लोन का बोझ बढ़ा लेते हैं।
इसके बाद अपने रहने के लिए सही जगह खोजना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए वे एक हाउसिंग लोन लेते हैं। इस प्रकार 30 साल की उम्र में ही अच्छी जीवन शैली की तलाश में लोग कर्ज में डूबे हुए हैं। अब यदि कोई आपात स्थिति हो या आय का स्रोत नष्ट हो जाए या इसमें कमी हो जाए तो ये सभी ऋण, गंभीर वित्तीय समस्याओं का कारण बनते हैं।
इसलिए कर्ज को हल्के में न लें क्योंकि कर्ज लेते समय ठीक लगता है, परन्तु उसका भुगतान और चक्रवृद्धि ब्याज आसान नहीं होता। इसलिए जब भी आप अपने कर्ज को बढ़ाने पर विचार कर रहे हों तो हर बार गहराई से विचार करें। साथ ही ऋण का बुद्धिमानी से उपयोग करना अपने शीर्ष वित्तीय लक्ष्यों में से एक बनाएं।
बेहतर यही होगा की पहले बचत करें फिर दैनिक उपभोग की चीज़ें खरीदें। इससे आप व्यर्थ तनाव से बचे रहेंगे। शुरुवाती दिनों में थोड़ा कष्ट सहकर भी अपनी बचत को कम न होने दें क्योंकि कम बचत दरें बाद में वित्तीय समस्याओं का कारण बनती हैं।
7. इमरजेंसी फंड का अभाव -
आपातकालीन फण्ड का अभाव पैसों की तंगी के कारण बनता है, इससे बचने के लिए अपने बजट में इमरजेंसी फंड बनाने के लिए प्रावधान करें और अनुशासन रखते हुए प्रति माह इसमें पैसा जमा करें। आप कभी नहीं जानते कि दुर्घटना, बीमारी या नौकरी छूटने जैसा संकट कब आ जायेगा।
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2020 से शुरू कोरोना काल की घटनाओं से सभी को सबक लेना चाहिए, ऐसे समय में लोगों को उनके संचित धन ने ही बचाया क्योंकि प्राइवेट नौकरी और काम धंधे बंद थे। ऐसे किसी समय की भविष्यवाणी कभी नहीं की जा सकती, लेकिन इससे निपटने के लिए हमारे पास आपातकालीन फण्ड का होना आवश्यक है।
वास्तव में ऐसी वित्तीय समस्याओं का कारण है -बचत न करना या बहुत कम बचत होना। कई वित्तीय विशेषज्ञ आपकी कुल आय का कम से कम 20% बचत करने की सलाह देते हैं।
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