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Tuesday, 18 January 2022

12 Bollywood Star Kid Who Failed-फ्लॉप स्टार किड्स

12 Bollywood Star Kid Who Failed-फ्लॉप स्टार किड्स 

बॉलीवुड में अक्सर भाई-भतीजावाद (Nepotism) की चर्चा होती है, नए अभिनेता शिकायत करते हैं कि यहां सितारों के परिवार से संबंधित लोगों को आगे बढ़ाया जाता है। इसमें कुछ हद तक सच्चाई जरूर है, कई दिग्गज सितारे ऐसे हुए हैं, जिन्होंने अपने प्रोडक्शन की फिल्मों के जरिये अपने बेटे को लांच किया परन्तु देखने वाली बात यह है कि उनमें से कितने सफल सितारे बन पाए? 


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   वास्तव में स्टार किड्स को बॉलीवुड में लांच होने में मदद जरूर मिल सकती है, लेकिन करियर को आकार देने का काम स्टार किड को स्वयं ही करना होता है। यह सिद्ध हो चुका है कि कोई स्टार पिता अपने दम पर बेटे को सुपर स्टार नहीं बना सकता। वास्तव में बॉलीवुड में सफलता की ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अच्छे अभिनय कौशल और लुक के साथ दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना पड़ता है।  


   अगर किसी स्टार किड की पहली फिल्म सुपरहिट भी हो जाए, तो इसे करियर का अच्छा स्टार्ट तो माना जा सकता है, परन्तु आगे की यात्रा अभिनय क्षमता, फिल्मों के चयन, मेहनत, क्रू के प्रति व्यवहार आदि पर निर्भर करती है। सिर्फ सफल फिल्मी सितारों के परिवार से संबंध होना बॉलीवुड में सफलता की गॉरन्टी नहीं होती। 


    बहुत से ऐसे बॉलीवुड सितारे हुए हैं, जिन्होंने अपने काम से, बिना किसी गॉडफादर के शोहरत की बुलंदियां हासिल की हैं, पर उनके बेटे उनके जैसी सफलता हासिल नहीं कर पाये। यहां हम रुपहले परदे पर नाकाम रहे ऐसे ही 12 स्टार किड्स की चर्चा कर रहे हैं जो सारी सुविधाएँ होने के बावजूद  बॉलीवुड में अपने पिता की तुलना में कुछ खास नहीं कर सके। 


बॉलीवुड स्टार्स के नाकाम बेटे (12 Flop Star Kids) 


1. सुनील आनंद (Suneil Anand)


एवरग्रीन सुपरस्टार और प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक देव आनंद के पुत्र सुनील आनंद का जन्म 1956  में हुआ था। विजय और चेतन आनंद के भतीजे सुनील आनंद ने अमेरिकन यूनिवर्सिटी से बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल करने के बाद अपने पिता के प्रोडक्शन हाउस नवकेतन फिल्म्स को ज्वाइन किया। 


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   उनकी पहली फिल्म का नाम था "आनंद और आनंद "(1984 ), जिसे उनके पिता देवआनंद ने बनाया था। फ़िल्मी दर्शकों को सुनील आनंद जरा भी प्रभावित नहीं कर सके, वे अपने करियर में एक भी हिट फिल्म न दे सके। कार थीफ, मास्टर जैसी कुल 4 फिल्में उनके नाम हैं, जिन्हें दर्शकों ने कभी नोटिस नहीं किया। 


2.  पुरु राजकुमार (Puru Rajkumar) -


अपनी बेहतरीन संवाद अदायगी के लिए प्रसिद्द अभिनेता राज कुमार के बेटे पुरु राजकुमार की पहली फिल्म बाल ब्रम्हाचारी (1996) थी। इनका वास्तविक नाम पुरुरवा पंडित था, एक्टिंग करियर के लिए इसे बदलकर पुरु राजकुमार कर दिया। इनके एक भाई का नाम पाणिनि राजकुमार और बहन का नाम वास्तविकता राजकुमार है।  


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  पुरु राजकुमार की पहली फिल्म कुछ ख़ास न कर सकी। इसके बाद वे हमारा दिल आपके पास है और उमराव जान जैसी कुछ फिल्मों में दिखे लेकिन बॉलीवुड में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान दर्शकों पर कभी भी प्रभाव नहीं डाल सके, जबकि उनके पिता राजकुमार की पर्दे पर एंट्री होते ही सिनेमाहॉल तालियों से गूँज उठता था। 


  1993 में पुरु राजकुमार चर्चा में तब रहे, जब उन्होने बांद्रा, मुंबई में अपनी कार से 4 लोगों को कुचल दिया था जिसमें 2 लोग मारे गए और 2 घायल हुए। इस मामले में उन्हें कंपनसेशन देना पड़ा था। पुरु राजकुमार को लेकर कुछ बड़े निर्माताओं ने फिल्म की घोषणा जरूर की, लेकिन वो फ़िल्में कभी बन न सकीं। 

 

3.  कुणाल गोस्वामी (Kunal Goswami) -


सफल अभिनेता एवं अनुभवी निर्माता- निर्देशक व लेखक मनोज कुमार अपनी देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण फिल्मों के कारण जाने जाते हैं। मनोज कुमार ने शहीद, उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति जैसी सुपरहिट फ़िल्में बनाई, उन्हें भारत कुमार का उपनाम दिया गया था। 


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अपने पुत्र कुणाल गोस्वामी को मनोज कुमार ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में फिल्म क्रांति में प्रस्तुत किया था। इसके बाद हीरो के रूप में कुणाल गोस्वामी 1983 में फिल्म "कलाकार" में श्रीदेवी के साथ आये जिसका गाना नीले नीले अंबर पर...... अपने मधुर संगीत के कारण संगीत प्रेमियों को पसंद आया। 


     इसी वर्ष रिलीज़ फिल्म  "दो गुलाब" भी कुणाल गोस्वामी के करियर को न महका सकी। इनके डूबते करियर को बचाने के लिए मनोज कुमार इन्हें फिल्म "जय हिन्द" में अपने साथ लेकर आये, पर यह फिल्म भी नहीं चली। इस प्रकार कुणाल गोस्वामी का करियर केवल कुछ फिल्मों तक सीमित होकर रह गया।


4. कुमार गौरव (Kumar Gaurav) -


बॉलीवुड में एक दौर ऐसा आया था, जब हीरो राजेंद्र कुमार ने सफल फिल्मों की झड़ी लगा दी। उनकी हिट फिल्मों के कारण उन्हें "जुबली कुमार" कहा जाता था। राजेंद्र कुमार ने अपने बेटे कुमार गौरव को फिल्म लव स्टोरी (1981) से लांच किया था, इस फिल्म की नायिका सुलक्षणा पंडित की बहन विजेता पंडित थीं। राहुल रवैल के निर्देशन में बनी और मधुर संगीत से सजी यह फिल्म एक ब्लॉकबस्टर हिट रही और इस फिल्म ने कुमार गौरव को युवाओं का चहेता बना दिया।  

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  फिल्म "लव स्टोरी" के बाद उनकी फिल्म तेरी कसम (1982 ) अभिनेत्री पूनम ढिल्लो के साथ आयी, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म एवरेज रही। इसी वर्ष उनकी एक म्यूजिकल फिल्म "स्टार" आयी अपने फेमस गानों के बावजूद यह फिल्म फ्लॉप साबित हुयी। इनकी अन्य असफल फ़िल्में हैं -लवर्स, रोमांस, हम हैं लाजवाब आदि। 


  इनके करियर को संवारने के लिए पिता राजेंद्र कुमार ने महेश भट्ट के निर्देशन में फिल्म "नाम" बनाई, इसमें कुमार गौरव के साथ संजय दत्त भी थे। यह फिल्म हिट होने के बावजूद कुमार गौरव को इसका कोई लाभ नहीं मिला और सारा क्रेडिट संजय दत्त ले गए


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    बाद के दिनों में मजहर खान की लेट रिलीज़ फिल्म गैंग (2000) और संजय गुप्ता की फ्लॉप फिल्म कांटे (2002) में कुमार गौरव दिखे। हालांकि कुमार गौरव की फिल्मों की लिस्ट दूसरे कुछ स्टार किड की तुलना में लम्बी है, परन्तु उन्हें अपने पिता राजेंद्र कुमार जैसी सफलता नहीं मिली। फिल्मों में न चल पाने के कारण उन्होंने व्यवसाय क्षेत्र में जाना उचित समझा। कुमार गौरव ने संजय दत्त की बहन और सुनील दत्त की बेटी नम्रता दत्त से विवाह किया।


5. लकी अली (Lucky Ali) -

 

लकी अली, प्रसिद्ध हास्य अभिनेता और निर्माता- निर्देशक महमूद के बेटे हैं। कॉमेडियन के तौर पर  महमूद का बॉलीवुड में लम्बे समय तक जलवा रहा है।  वे परदे पर आते ही दर्शकों के दिलों में छा जाते थे, इस कारण बहुत से हीरो उनके साथ काम करने से घबराते थे। उनकी फीस भी किसी हीरो से कतई कम न थी। 


    एक अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत करने के लिए लकी अली के पास एक अच्छा अवसर था परन्तु अभिनय के क्षेत्र में वे नाम नहीं कमा पाए। उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में ये है जिंदगी (1977), हमारे तुम्हारे (1979) और श्याम बेनेगल की त्रिकाल (1985) जैसी कुछ फिल्मों में अभिनय किया। श्याम बेनेगल ने उन्हें अपने द्वारा निर्देशित टेलीविजन श्रृंखला "भारत एक खोज" में भी अवसर दिया। 


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  अभिनय से एक लंबे ब्रेक के बाद, उन्होंने संजय गुप्ता की काँटे (2002) में वापसी की, जिसमें वे  अमिताभ बच्चन, संजय दत्त और सुनील शेट्टी के साथ थे। अली ने टीवी सीरियल जरा हटके में भी काम किया था। लकी अली अभिनय के बजाय गीत लेखन, गायन और अपने संगीत एल्बम के लिए अधिक जाने जाते हैं।  


6.  करण कपूर (Karan Kapoor) -


बॉलीवुड की चर्चित कपूर फैमिली के सुपरस्टार शशि कपूर के बेटे करण कपूर हिंदी फिल्म उद्योग में अपना नाम करने में सफल नहीं रहे। शशि कपूर ने अपने लम्बे फ़िल्मी करियर में अनेक सुपरहिट फिल्में दीं, वहीं करण कपूर के चचेरे भाई और राजकपूर के बेटे ऋषि कपूर अत्यंत सफल अभिनेता रहे।  


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   करण कपूर ने फिल्म जूनून (1978) से अपना डेब्यू किया। इसके बाद दिल लेके देखो, जलजला, सल्तनत (1986) सहित कुछ फिल्मों में देखे गए, परन्तु दर्शकों पर प्रभाव छोड़ने में असमर्थ रहे। वे फोटोग्राफर और मॉडल भी रहे, मॉडल के रूप में उन्होंने बॉम्बे डाईंग के विज्ञापन में काम किया था। उनके भाई का नाम कुणाल कपूर और बहन संजना कपूर हैं।


7. फरदीन खान (Fardeen Khan)-


स्टाइलिश अभिनेता व निर्माता निर्देशक फिरोज खान के बेटे फरदीन खान का जन्म 1972 में मुंबई में हुआ था। फिरोज खान ने निर्माता निर्देशक के रूप में धर्मात्मा और कुर्बानी जैसी सुपरहिट फ़िल्में बनाई थीं। परन्तु जब उन्होंने अपने बेटे फरदीन खान को लेकर फिल्म प्रेम अगन (1998) बनाई, जोकि उनके बेटे की पहली फिल्म भी थी, तो वह फिल्म नहीं चली। 


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    फरदीन खान की फिल्मों की बात करें तो इनके खाते में एक ही सफल फिल्म "नो एंट्री" (2005) है, जोकि मल्टी स्टारर है। बाकी फ्लॉप फिल्मों की लिस्ट बहुत लम्बी है, इसमें जंगल (2000), एक खिलाडी एक हसीना (2005), प्यारे मोहन, भूत, हम हो गए आपके, ओम जय जगदीश, जानशीं आदि शामिल है। उनकी कोई भी सोलो फिल्म उनके डूबते करियर को बूस्ट देने में सफल न हो सकी और फरदीन खान, हिंदी फिल्म दर्शकों को लुभाने में असफल रहे। 


8. जायेद खान (Jayed Khan) -


फिरोज खान के भाई और अभिनेता-निर्माता-निर्देशक संजय खान के बेटे जायेद खान का जन्म 1980 में हुआ था। अपने कजिन फरदीन खान की तरह वे भी बॉलीवुड में कुछ ख़ास नहीं कर सके, जबकि उनके पिता संजय खान, "एक फूल दो माली" व "मेला" जैसी कई सुपर हिट फिल्मों के हीरो रहे और राजकपूर को लेकर उनकी बनाई फिल्म "अब्दुल्ला" भी बेहद सफल रही थी। 


   जायेद खान ने 2003 में फिल्म "चुरा लिया है तुमने" से शुरुआत की, इस फिल्म में उनकी हीरोइन एक और नई कलाकार ईशा देओल थीं। इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन के बाद इनकी कोई फिल्म अच्छा बिज़नेस न कर सकी। जायेद खान थोड़ी सकारात्मक चर्चा में तब रहे, जब उन्होंने शाहरुख़ खान के साथ फिल्म "मैं हूँ ना" की। 


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  इसके बाद वे शादी नंबर वन, वादा, शब्द जैसी फिल्मों में आये पर दर्शकों पर प्रभाव डालने में असफल रहे, अधिकाँश दर्शकों ने तो इन फिल्मों का नाम भी नहीं सुना होगा। इस प्रकार अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए जायेद खान ने अभिनय के क्षेत्र में हाथ आजमाया, परन्तु असफल रहे।


 9. महाक्षय (मिमोह) चक्रवर्ती (Mimoh Chakraborty) -


बेहतरीन डांसर और सुपर स्टार मिथुन चक्रवर्ती व अभिनेत्री योगिता बाली के बेटे हैं- 1984 में जन्मे महाक्षय या मिमोह चक्रवर्ती। मिथुन चक्रवर्ती, अपने लम्बे करियर में कई हिट फ़िल्में देकर दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे थे। दर्शकों को ऐसी ही उम्मीद उनके बेटे मिमोह चक्रवर्ती से भी थी, परन्तु वे दर्शकों की अपेक्षा में जरा भी खरे न उतर सके।


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    मिमोह चक्रवर्ती हाल की पीढ़ी के स्टार किड्स से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 2008 में राज सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म "जिम्मी" से अपने करियर की शुरुवात की, जिसमें विवाना सिंह, शक्ति कपूर, राहुल देव उनके सह कलाकार थे। यह फिल्म तो बुरी तरह फ्लॉप हुंई, क्रिटिक्स ने भी मिमोह को बहुत ही खराब एक्टर करार दिया। इसके बाद एनिमी, लूट, हॉन्टेड जैसी कुछ फिल्मों में मिमोह चक्रवर्ती ने अभिनय किया, पर सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुँह गिरीं।


10. आर्य बब्बर (Arya Babbar) -

 

1981 में जन्में आर्य बब्बर, अपने पिता अभिनेता राज बब्बर के द्वारा अर्जित लोकप्रियता और  अभिनय की ऊंचाइयों को छू भी न सके, वे कुछ ख़ास नहीं कर पाए। आर्य बब्बर ने बिग बॉस सीजन 8 में बतौर कंटेस्टेंट हिस्सा लिया था। आर्य बब्बर ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 2002 में आई फिल्म "अब के बरस" से की थी। 


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   इसके बाद "जेल", मटरू की बिजली का मन्डोला", "बंगिस्तान", "हीर एंड हीरो"  जैसी कुछ फिल्मों में नजर आए लेकिन प्रभाव छोड़ने में असफल रहे। इन्हें लेकर कुछ और फिल्मों की घोषणा भी की गई, परन्तु उनमें से कुछ बन ही नहीं पाई और कुछ डिब्बाबंद हो गई। 


11.  तुषार कपूर (Tushar Kapoor) -


सामजिक फिल्मों के सफल हीरो जितेंद्र के बेटे, तुषार कपूर भी अपने कई समकक्षों की तरह  बॉलीवुड में अपना मुकाम बनाने में असफल रहे। जबकि बॉलीवुड में उनके करियर बनाने की तैयारी में कोई कमी दिखाई नहीं पड़ती। जहां उन्होंने डेविड धवन को असिस्ट किया, वहीं एक्टिंग सीखने के लिए रोशन तनेजा और महेंद्र वर्मा के एक्टिंग स्कूल को ज्वाइन किया। निमेष भट्ट से उन्होंने डांस भी सीखा। 


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    तुषार कपूर अपनी पहली फिल्म, "मुझे कुछ कहना है"(2001) में करीना कपूर के साथ दिखे, यह एक हिट तेलगु फिल्म का रीमेक था और इसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। परन्तु इसके बाद इनकी फ़िल्में लाइन से पिटती चली गईं। 


    ये फ़िल्में हैं -"क्या दिल ने कहा", "जीना सिर्फ मेरे लिए", ये दिल (2003)  और रामगोपाल वर्मा की गायब (2004) .उनकी सोलो फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, परन्तु रोहित शेट्टी की "गोलमाल" सीरीज की मल्टीस्टारर फिल्म में तुषार कपूर दर्शकों का ध्यान खींचने में आंशिक रूप से सफल रहे। 

    जितेंद्र के बेटे तुषार कपूर भले ही बॉलीवुड में अपने पिता जैसा नाम न कर सकें लेकिन उनकी बहन एकता कपूर टेलीविजन की महारानी कहलाती हैं और एक सफल टेलीविजन सीरियल निर्माता हैं। वे फिल्म निर्माता भी हैं, अपने भाई के डूबते करियर को संवारने के लिए उन्होंने उसे अपनी फिल्म "क्या कूल हैं हम" में लिया लेकिन कुछ न हो सका। 


12.  ईशा देओल (Esha Deol) -


बहुत सी ब्लॉकबस्टर फिल्मों की सफल जोड़ी ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और सुपरस्टार धर्मेंद्र की बेटी हैं -ईशा देओल। 1981 में जन्मी ईशा देओल की एक बहन हैं, जिनका नाम "अहाना" है। हेमामालिनी की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है, वे डांस में निपुण होने के साथ साथ बेहद खूबसूरत भी हैं। वहीं धर्मेंद्र सदाबहार हीरो रहे हैं और बॉलीवुड में इन्होंने लम्बी पारी खेली है।


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  ईशा देओल, माता -पिता की इस विरासत को आगे बढ़ाने में नाकाम रहीं। ईशा ने 2002 में फिल्म "कोई मेरे दिल से पूछे" से शुरुआत की और उन्हें फिल्म फेयर डेब्यू अवार्ड से सम्मानित किया गया परन्तु फिल्म बॉक्स ऑफिस में यह फिल्म फेल साबित हुई। 


  इस फिल्म के बाद उन्होंने कई फिल्में की, परन्तु सफलता उनसे दूर ही रही। ना तुम जानो ना हम, कुछ तो है, चुरा लिया है तुमने, काल जैसी फिल्मों के प्रदर्शन ने उनके करियर को ऊंचाई पर पहुंचाने  की जगह गर्त में ले जाने का काम किया। 


   अगर हिट फिल्म की बात करें तो यश राज की मल्टीस्टारर फिल्म "धूम" का नाम ले सकते हैं। बड़े सितारों से सजी इस फिल्म का ईशा देओल भी एक हिस्सा थीं।  बाद में ईशा देओल ने "संडे" और "मनी है तो हनी है" फिल्मों में आइटम नंबर भी किया। 2012 में वे बिजनेसमैन भरत तख्तानी के साथ विवाह बंधन में बंध गयीं। 


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