Spending vs Investing -खर्च और निवेश में अंतर समझकर अमीर बनिये
जिस प्रकार व्यतीत किया गया समय हमारे जीवन के लिए उपयोगी निवेश हो सकता है और व्यर्थ भी हो सकता है। उसी प्रकार जो पैसा हमारे वॉलेट से निकलता है, उसे निवेश या सिर्फ खर्च के रूप में देखा जा सकता है। जब आप धन कमाना शुरू करते हैं तब कमाने के साथ आपके लिए यह जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है कि अपने धन का प्रबंधन कैसे करें।
अपनी वर्तमान कमाई से लेकर अपने खर्च, बचत और निवेश को लेकर आपका दृष्टिकोण विवेकपूर्ण होना चाहिए। आपको इस तरह चीज़ों का चुनाव करना है कि आपकी कमाई व्यर्थ न जाने पाए।अक्सर लोग इसके लिए अपने बड़ों के मार्गदर्शन से दूर रह जाते हैं और केवल गलतियाँ करके सीखते हैं। अपने लिए किसी आर्थिक लक्ष्य का निर्माण किये बिना ये लोग अपना धन अपनी आदतों के अनुसार खर्च करते हैं।
खर्च और निवेश में क्या अंतर है इसे जानने से पहले आइये विश्लेषण करते हैं इन्हें कैसे डिफाइन कर सकते हैं -
खर्च (Spending)
खर्च को "उपयोग या भुगतान करने" के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। आप घरेलू आपूर्ति, भोजन, परिवहन, सेवा, फोन बिल, और डीटीएच या नेटफ्लिक्स जैसे सदस्यता के लिए पैसा खर्च करते हैं। ये खर्च इस प्रकार के हैं जिन्हें अब आप ठीक नहीं कर सकते हैं। परन्तु अक्सर आप अपने आवेगों पर नियंत्रण नहीं कर पाते और बहुत सारे फिजूल खर्च कर बैठते हैं।
खर्च को नियंत्रित करने में एक बड़ी बाधा यह आती है कि खर्च करना बहुत आसान है। अपने खर्च करने की आदतों पर गौर करें, इसमें गैर-विवेकाधीन खर्चों की सूची तैयार करें। निवेश और खर्च करना दोनों ही एक जैसा लगता है, जब आप पैसे खर्च करते हैं तब आप एक नया फोन, कार, शेयर या स्थायी संपत्ति जैसी चीजें खरीदते हैं, यहां अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों ही उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाता है।
खर्च करना कोई बुरा नहीं है, धन कमाया ही इसलिए जाता है कि अपनी जरूरतों को पूरा किया जा सके। परन्तु धन का निरर्थक व्यय नहीं होना चाहिए, यह आपकी मेहनत की कमाई है। आप अपनी कमाई से खुद को पुरस्कृत करने करने के लिए छुट्टी बिताने के लिए हवाई जहाज का टिकट खरीदते है और अगर यह आपके लिए मूल्य लाता है और आपकी बेहतरी को बढ़ाता है, तब कोई समस्या नहीं है।
बात तब आपके हाथ से निकल जाती है जब आप उन चाहतों पर खर्च करना शुरू कर देते हैं जो अनावश्यक हैं या आपके साधन से परे हैं। जैसे महंगी कार, फैंसी कपड़े और जूते, नए गैजेट्स या और भी बहुत सी चीज़ें। हमें देखना है कि क्या या हम केवल आकर्षक डिस्काउंट के कारण चीजें खरीदते हैं?
अपनी खरीदारी की आदत के कारण हम ये भी नहीं सोच पाते कि क्या हमें वास्तव में इन सभी सामान की ज़रूरत है? जबकि ये सब हमारी अलमारी में पहले ही भरा हुआ है। कुछ शोधकर्ताओं ने इस तरह की आदत को नशे की अन्य लत की तरह ही माना है, जिस तरह नशे का आदी व्यक्ति अपने नशे का गुलाम बन जाता है उसी प्रकार खरीदी की आदत या मनोवेग, व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।
धन का निवेश और खर्च, दोनों के बीच एक सामंजस्य का होना जरूरी है तभी हम अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। धन का अविवेकपूर्ण खर्च न सिर्फ हमें आर्थिक परेशानियों में डाल सकता है बल्कि हमारे सामजिक दायित्वों को पूर्ण करने में बाधक हो सकता है। यदि आप अनुशासन के साथ अपने पैसे का प्रबंधन कर सकें तो आप सफलता के पुरस्कारों का आनंद ले सकते हैं।
निवेश (Investing) -
भविष्य के लाभ के लिए या वित्तीय रिटर्न कमाने के लिए खर्च किया गया धन, निवेश को परिभाषित करता है। निवेश एक ऎसी खरीद है जिसका फायदा आप भविष्य में लेते हैं। ये आपके द्वारा की गई स्मार्ट खरीदारी हैं जो अधिक धन ला सकती हैं। इसका अर्थ है अपने धन का उपयोग करके बड़े लाभ और पुरस्कार प्राप्त करना।
आप पैसे का एक बीज बोते हैं, जब ये सही जगह पर बोया जाता है तो उसे बढ़ने का अवसर मिलता है। अमीरी की दिशा में बढ़ने का यह पहला कदम होता है।
अगर आपको विरासत में बड़ी मात्रा में संपत्ति नहीं मिलती है, तब आपका निवेश ही आपको बड़ी पूँजी प्रदान कर सकता है। जिससे आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और अमीर बन सकते हैं। साथ ही यदि समय कठिन हो जाता है और आपको नकदी की आवश्यकता होती है, तब आप अपने निवेश को बेचकर खराब समय से निकल सकते हैं।
जब आप अधिक पैसा कमाने के लिए निवेश करते हैं, तो यहां नुकसान का जोखिम भी साथ आता है। आप अपनी वित्तीय स्थिति, अपने लक्ष्यों और निवेश विकल्पों की समीक्षा करें, जिससे आपकी आवश्यकताओं और वित्तीय स्थिति के अनुकूल सबसे अच्छा विकल्प मिल सके। निवेश करते समय यह महत्वपूर्ण है कि आप अपना पैसा किसी एक निवेश के साधन में नहीं डालेंगे, बल्कि आप समझदारी से एक से अधिक साधनों में निवेश करें।
खर्च और निवेश में अंतर (Difference Between Spending and Investing) -
खर्च, आपके जीवन को बनाए रखने के लिए निश्चित वस्तुओं / सेवाओं में लगे धन को कवर करता है। आप अपनी तत्काल की संतुष्टि के लिए चीजों पर अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा व्यय करते हैं। निवेश भी पैसा खर्च करने का एक और तरीका है, लेकिन भविष्य में अच्छे रिटर्न पाने के लक्ष्य के साथ इसे किया जाता है।
इसके अतिरिक्त निवेश आमतौर पर लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों के लिए किया जाता है, जैसे जीवन बीमा, अचल संपत्ति, सेवानिवृत्ति, और बच्चों की शिक्षा निधि प्राप्त करने के भविष्य के लक्ष्य। आप अभी भी अपने पैसे को "खर्च" कर रहे हैं, भले ही यह भविष्य के लिए आपको वित्तीय रूप से सुरक्षित करने के इरादे से किया गया हो।
अब जब आपके पास खर्च करने और निवेश करने के बीच का अंतर स्पष्ट है, तो इस बात पर ध्यान दें कि आप अपनी सुदृढ़ वित्तीय स्थिति के लिए अपने पैसे को निवेश करने के लिए स्मार्ट वित्तीय निर्णय कैसे ले सकते हैं -
A. अपने खर्च का प्रबंधन करें -
निवेश आप तभी कर पाएंगे जब आप बचत करेंगे, इसके लिए अपने खर्चों पर काबू करना होगा। यदि आपको अपनी आवेगी खर्च की आदतों को नियंत्रित करना कठिन लग रहा है, तो आप अपने क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड को घर की आलमारी में बंद कर दें। केवल अपने दैनिक खर्चे और आपात स्थितियों के लिए थोड़ा नकद अपने पास रखें।
इससे आप अपनी खर्च करने की आदतों को कन्ट्रोल करते हुए बुद्धिमानी से खर्च करने के लिए प्रशिक्षित होंगे और अपना पैसा वहीं लगाएंगे जहाँ इसे लगना चाहिए। यह आपकी निवेश यात्रा को शुरू करने में मददगार होगा।
B. अपने बजट के अनुसार चलें -
अपने मासिक खर्चों को सही करने और अपना बजट निर्धारित करने के लिए अपनी रसीदें, बिल, और अन्य खर्चों के विवरणों को इकट्ठा करें। इसमें जरूरी और गैर जरूरी खर्चों को देखें, अब आपको अपनी फाइनेंसियल योजना बनाकर उसे दृढ़तापूर्वक लागू करने की आवश्यकता है।
इसके लिए आप 50/20/30 बचत और व्यय नियम का पालन कर सकते हैं। इसमें आप अपनी आय का 50% अपने घरेलू खर्चों के लिए, अपने मनोरंजन, यात्रा और अन्य जरूरी चीजों के लिए 20% तथा अपनी बचत और निवेश के लिए 30% राशि अपने बजट में आवंटित करते हैं। आप अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार इसे समायोजित कर सकते हैं।
C. निवेश से आपके धन में वृद्धि हो न कि कटौती-
उन संपत्तियों में निवेश करें जो आपके पैसे को बढ़ाती हैं। पैसे का निवेश करते समय आपको विश्वास होता है कि यहां बढ़कर रिटर्न मिलेगा, न कि कोई कटौती होगी।
जैसे यदि आप एक कार खरीदते हैं तो यह निवेश नहीं होगा बल्कि आप एक लायबिलिटी या उत्तरदायित्व खरीद रहें हैं। आप जानते हैं कि शो रूम से कार के बाहर आते ही उसका मूल्य कम हो चुका है और उसके बीमा, सर्विसिंग और पेट्रोल पर आपका पैसा खर्च होने वाला है।
उसी तरह जब आप अपने रहने के लिए एक मकान खरीदते हैं, जो आपकी जरूरतों से बहुत बड़ा है तब आपको उसकी साफ़ सफाई और टैक्स के रूप में एक बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है। इस तरह आपकी इनकम में वृद्धि तो नहीं होती बल्कि आप एक उत्तरदायित्व (Liability) बढ़ा लेते हैं। सही निवेश तब कहलायेगा जब आप मकान लेकर उसे किराये पर उठाकर मंथली इनकम प्राप्त करते हैं।
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निवेश से रिटर्न मिलता है, कोई खर्च नहीं होता है। जब आप निवेश करते हैं, तो एक बीज लगाते हैं। जब आप खर्च करते हैं, तो फल खा रहे होते हैं और एक बार फल खा लिया तो फिर कुछ नहीं बचता। जब तक कि एक नया बीज लगाने का प्रयास नहीं किया जाता है।
यानि कि कुछ ऐसे उपक्रमों में फिर से निवेश करने की जरूरत होगी जो भविष्य में कुछ फल देंगे।आप अपना पैसा विभिन्न निवेश के तरीके जैसे स्टॉक या म्यूच्यूअल फण्ड, गोल्ड, प्रॉपर्टी में लगाना शुरू कर सकते हैं।
निवेश में भी आपका धन खर्च हो रहा है, परन्तु यह आपके मजबूत वित्तीय स्थिति का निर्माण करने के लिए खर्च हो रहा है। जब आप उन चीजों पर कम खर्च करना शुरू करते हैं जो दीर्घकाल में मायने नहीं रखते हैं, तो आप उस अतिरिक्त धन को सुरक्षित भविष्य के लिए सही निवेश के साधनों में लगा सकते हैं।
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