Intraday Stock Tips-इंट्राडे के लिए शेयर का चयन कैसे करें
जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं तब आपको बिना समय गंवाएं, हजारों इक्विटी में से शेयरों का चयन करने की आवश्यकता होती है। अक्सर इंट्राडे ट्रेडर प्रॉफिट कमाने में असमर्थ होते हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करने के लिए उपयुक्त शेयरों का चयन करने में विफल होते हैं। यहां आपको बहुत तेजी से निर्णय लेकर कार्य करने की आवश्यकता होती है।
डे ट्रेडर को ऐसे शेयरों का चयन करना चाहिए जिनमें पर्याप्त लिक्विडिटी (तरलता) हो, अर्थात उस स्टॉक में बायर-सेलर पर्याप्त संख्या में हों। डे ट्रेडर को उन शेयरों को खोजना होता है जिनमें उस दिन के लिए पर्याप्त मूवमेंट होने की संभावना हो और इस बीच वह अपना प्रॉफिट बुक करके निकल सके। एक बार जब किसी स्टॉक में ट्रेडिंग का मौका दिखे तब उसके टारगेट और स्टॉपलॉस को देखा जाता है, यह सही लगने पर सौदा लिया जाता है।
इंट्राडे के लिए शेयरों का चयन करने के बाद आपको अपने ट्रेडिंग नियमों का भी पालन करना होगा। अगर एक ऐसे स्टॉक का चुनाव आपने कर लिया है जो लगभग अपरिवर्तित (sideways) है या इंडेक्स और आपकी अपेक्षित दिशा के विरुद्ध चाल दिखा रहा है, तब आपको उससे बाहर निकलना पड़ता है अन्यथा यह आपकी पूंजी को साफ़ कर सकता है।
इस प्रकार सही स्टॉक चयन के साथ आपकी दिन की ट्रेडिंग रणनीतियाँ आपको विजेता बनाती हैं।यहाँ कुछ आसान तरीके हैं जिनसे आप इंट्राडे के लिए शेयरों का चयन कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर का चयन कैसे करें? (How to Select Share for Intraday)
1. ट्रेंड का पालन करें -
सबसे महत्वपूर्ण इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स यह है कि मार्केट के ट्रेंड (Trend) के साथ चलना हमेशा फायदेमंद होता है। स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडर को उस दिन के ट्रेंड का पूरा सम्मान करना चाहिए। अपने किसी भी तेज़ी मंदी के आग्रह को दिमाग से निकालकर मार्केट की दिशा पहचानने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर तेज़ी का मार्केट लगे तो ट्रेडर को उन शेयरों का चयन करना चाहिए जिनमें बढ़त दिखाई पड़े और मार्केट में मंदी का रुख होने पर ऐसे शेयरों की खोज करना चाहिए जिनमें गिरावट, मार्केट के साथ या उससे भी अधिक हो। जब इंडेक्स और मार्केट फ्यूचर्स गिर रहे हैं, तो बाजार से ज्यादा गिरावट वाले स्टॉक को शॉर्ट सेल करना लाभदायक हो सकता है।
वैसे यह जरूरी नहीं है कि सभी शेयर मार्केट की दिशा का अनुसरण करें। तेज़ी के मार्केट में कुछ शेयर्स में मंदी और मंदी के बाज़ार में कुछ शेयर्स में तेजीं बनी रहना साधारण बात है। परन्तु मार्केट की दिशा से मेल खाते हुए शेयर चुनने पर प्रॉफिट कमाने के अवसर अधिक होते हैं।
बाजार में हमेशा ट्रेंड नहीं होता है। एक स्थिति Sideways मार्केट की भी होती है जब निफ़्टी या सेंसेक्स बहुत सीमित दायरे में समय बिता देता है।
कभी-कभी, इंट्राडे ट्रेंड्स इतनी बार रिवर्स हो जाते हैं कि सौदे लेने के लिए दिशा स्थापित करना कठिन होता है। ऐसे समय में कोई ट्रेड किसी स्टॉक में तभी लें, जब किसी न्यूज़ के प्रभाव से उस स्टॉक में विशेष चाल दिखाई पड़े, अन्यथा ट्रेड न करें।
Sideways मार्केट में ट्रेड करने से लाभ के बजाय, हानि होने की संभावना अधिक होती है, इसलिए इसे नो ट्रेड टाइम मानकर चलें।
2. प्रमुख सेक्टरोरियल इंडेक्स को देखें -
सेंसेक्स या निफ़्टी की तेज़ी मंदी में किस सेक्टर का सबसे अधिक योगदान है, यह देखें। यह सेक्टर आयल एंड गैस, बैंकिंग, फार्मा या जो भी हो उस पर नज़र डालकर देखें कि उसमेँ कौनसा स्टॉक सबसे अधिक तेज़ी या मंदी दिखा रहा है, उसे या उसके पहले वाले स्टॉक का चयन करें।
एक अन्य विधि में NSE की साइट पर जाकर टॉप गेनर्स और टॉप लूज़र्स की लिस्ट देख लें एवं मार्केट के ट्रेंड को देखते हुए इस लिस्ट से किसी शेयर को ट्रेडिंग के लिए चुनें। बेहतर होगा कि जिस शेयर का आप चुनाव करें उसमें कम से कम 1% की चाल पॉजिटिव या नेगेटिव दिशा में आ चुकी हो।
3.स्टॉक की चाल को देखें -
जब आपको किसी सेक्टर विशेष के स्टॉक का चयन करना हो तो उसकी ओपनिंग पॉइंट को देखें। तेज़ी के मार्केट में यदि उसका ओपनिंग पॉइंट ही उसका लो पॉइंट भी हो, तो उस स्टॉक को डे ट्रेडिंग के लिए Buy कर सकते हैं। अगर मंदी का मार्केट हो तब किसी ऐसे स्टॉक का चयन करें जो खुलने के बाद नीचे जा रहा हो, अर्थात उसका ओपनिंग पॉइंट ही उसका हाई भी हो।
4. चार्ट पैटर्न देखें -
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए टेक्निकल चार्ट का बहुत अधिक महत्व है। एक इंट्राडे ट्रेडर को तकनीकी चार्ट पर बहुत अधिक भरोसा करने की आवश्यकता है। आपको चार्ट पढ़ने की क्षमता विकसित करनी होगी, इसमें परिपक्वता, धीरे धीरे अनुभव के साथ आती जाएगी।
अपना एक ट्रेडिंग सेटअप बनाएं। जिस इंडिकेटर को आप अपने अनुभव से अपने लिए ठीक पाते हैं उसे स्टॉक चार्ट में एप्लाई करके देखें कि रिस्क-प्रॉफिट रेश्यो कैसा है। स्टॉक के पिछले पैटर्न को देखकर समझ सकते हैं कि यह आगे कैसी मूव दे सकता है और फिर इन पैटर्न को दोहराने के लिए ट्रेड कर सकते हैं।
5. ट्रेडिंग के लिए कुछ शेयर्स चुनकर रखें -
ट्रेडिंग के लिए स्टॉक लिस्ट बनाएं। यदि कोई ट्रेडर प्रतिदिन 2 -3 स्टॉक में ही ट्रेड करता है, तो उसके सफलता के चान्सेस बढ़ जाते हैं क्योंकि उसे इन शेयर्स की रेंज और व्यवहार का अंदाज़ा होता है कि इसकी एवरेज मूवमेंट कितनी होती है? इंडेक्स की तुलना में इसका व्यवहार कैसा होता है? आदि बातों की जानकारी होने से ट्रेड करना सरल हो जाता है। इसलिए ट्रेडिंग के लिए डेली एक नए शेयर का चुनाव करने की बजाय कुछ सलेक्टेड शेयर्स पर ध्यान देना बुद्धिमानी है।
6. शेयर्स की संख्या -
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय नए ट्रेडर को अधिक संख्या में शेयर नहीं लेना चाहिए। उसे अपनी पूँजी बचाकर रखना आवश्यक है, ऐसा न हो कि किसी एक ट्रेड में वो अपनी पूँजी का बड़ा हिस्सा खो दे और फिर ट्रेड करने में असमर्थ हो जाए। क्योंकि शेयर मार्केट में पैसा नहीं, तो ट्रेड नहीं। इसलिए यहां बने रहने के लिए आवश्यक है कि पहले छोटी सँख्या में शेयर लेकर ट्रेडिंग का अनुभव प्राप्त करें फिर धीरे धीरे संख्या बढ़ाई जा सकती है।
7. किन शेयरों से बचें -
यहां ज्यादातर उन शेयरों में ट्रेडिंग करने की सिफारिश की जाती है, जिनमें वॉल्यूम हाई रहता है। उन शेयर्स से बचें जिनमें वॉल्यूम कम रहता है, क्योंकि यदि आपने लो वॉल्यूम वाले शेयर में Buy या Sale करके ट्रेड ले लिया तो आपको इससे निकलने में परेशानी जा सकती है। कम वॉल्यूम वाले शेयर्स में बायर्स और सेलर्स के रेट का अंतर बहुत अधिक रहता है।
इसके अलावा हाई वोलेटाइल (अधिक अस्थिर) शेयर्स से बचने की सलाह दी जाती है। ये हाई बीटा स्टॉक्स मार्केट की तुलना में बहुत अधिक प्रतिक्रिया देते हैं। नए ट्रेडर को इसे संभालना कठिन होता है और उनका स्टॉपलॉस आसानी से कट जाता है।
छोटे शेयर्स मार्केट से अलग चाल भी दिखाते है, इसमें नए ट्रेडर के ट्रैप होने की संभावना अधिक रहती है। शुरुवाती दौर में निफ़्टी 50 और एफएंडओ में शामिल स्टॉक में ही अपना फोकस बनाएं। बाद में अपना दायरा बढ़ा सकते हैं।
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8. एंट्री और एग्जिट रणनीती -
जब आपने एक अच्छे स्टॉक का चयन कर लिया है, तब इससे मुनाफा लेना आपकी रणनीति और कुशलता पर निर्भर करेगा। आप किसी स्टॉक में एंट्री और एग्जिट कब लेते हैं, इसी के आधार पर आपका प्रॉफिट और लॉस तय होता है। इसके लिए चार्ट पर इंडिकेटर लगाए जाते हैं, महत्वपूर्ण बात यह है कि चार्ट पर Buy या Sell का सिग्नल मिलते ही उसका दृढ़तापूर्वक पालन करना।
अपने भय और लालच पर नियंत्रण करके इंट्राडे ट्रेडिंग संकेतों का पालन करने पर ही आपके सफल होने की अधिक संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडर के पास सीमित समय है, इसलिए अपने लॉस वाले या गलत दिशा में बढ़ने वाले शेयर से जितना संभव हो उतना शीघ्र निकल जाएं। प्रॉफिट वाले शेयर्स में अचानक तेज़ी आने पर मुनाफा बुक करते रहें या मुनाफे को पकड़ने के लिए ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का सहारा ले सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप क्या रणनीति अपनाते हैं, यहां ट्रेडिंग के दौरान अनुशासित होकर तत्काल निर्णय लेना और उसे इम्प्लीमेंट करना अति आवश्यक होता है। यदि आप ऐसा करने में असमर्थ होते हैं, तो आप शेयर बाजार से इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसा कमाना मुश्किल है।
यहां टिके रहने के लिए आपको मनी मैनेजमेंट या रिस्क मैनेजमेंट की समझ होनी चाहिए। किसी एक ट्रेड में अपनी रकम का 10% से अधिक हिस्सा न लगाएं जिससे गेम गलत पड़ने पर आप आगे भी दांव लगा सकें। अन्यथा अपनी पूरी रकम खोकर आप शेयर मार्केट में सिर्फ दर्शक बनकर रह जायेंगे।
कहते हैं -"अनुभव ही आपका सबसे बड़ा शिक्षक है". शेयर बाज़ार में भी यही बात लागू होती है।उपरोक्त बातें भी मैंने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के अपने अनुभव के आधार पर कहीं हैं। शेयर बाजार में किया गया हर ट्रेड आपको एक पाठ सिखाता है, जरूरत इस बात की है कि आप उस पाठ को याद रखें और अपनी गलतियों को न दोहराएं। इसके लिए दिन के अंत में अपने ट्रेड की समीक्षा करें।
एक और बात -शेयर बाजार में शेर बनने की कोशिश न करें, अर्थात कभी अपनी तेज़ी मंदी की धारणा पर अडिग रहते हुए ट्रेड न करें। जब सौदा आपके विपरीत जाता है, तो मौका देखकर उससे निकल जाएं।
अगर आपने जिद पकड़ ली कि- देखता हूँ यह सौदा कब तक मेरी दिशा में नहीं चलेगा? और उसी एक स्टॉक मे पैसा लगाते रहे, तो आपका पूरा पैसा साफ़ होने में देर नहीं लगेगी। शेयर बाज़ार का शेर, ऐसे जिद्दी लोगों को बड़ी कठोर सज़ा देता है।
आशा है ये आर्टिकल "Intraday Stock Tips- इंट्राडे के लिए शेयर का चयन कैसे करें" आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। शेयर मार्केट की ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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