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Saturday, 25 April 2020

Wallet in Back Pocket-बैक पॉकेट में पर्स रखना क्यों खतरनाक है

Wallet in Back Pocket-बैक पॉकेट में पर्स रखना क्यों खतरनाक है

घर से बाहर निकलते समय हमें जो सबसे जरूरी चीज़ रखनी होती है वह होता है हमारा पर्स। यदि हम इसे रखना भूल जाते हैं तो हमारे बहुत से काम अटक सकते हैं। डिजिटल और कार्ड पेमेंट के इस दौर में भी पर्स या बटुए की महत्ता बरकरार है। क्योंकि अभी भी अधिकतर छोटे पेमेंट नगद ही करने होते हैं और रूपये रखने के लिए पर्स रखना पड़ता है। 
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   ज्यादातर लोग अपना पर्स, पैंट या जींस की पिछली पॉकेट में ही रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि ऐसा करते हुए आप अपनी पीठ और पैर की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं, यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। 

   विशेषज्ञों के अनुसार जब हम पर्स को पिछली पॉकेट में रखकर बैठते हैं तो इससे हिप जॉइंट और कमर के निचले हिस्से में दर्द होने लगेगा। 

    अध्ययन में ये बात सामने आई है कि पिछली पॉकेट में पर्स रखकर बैठने से आप पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। मोटा पर्स परेशानी का बड़ा कारण बन सकता है। 

    पर्स में रुपयों के अलावा चिल्हर पैसे भी रखे जाते हैं साथ में पहचान पत्र और कई तरह के कार्ड्स होने के कारण यह बहुत मोटा हो जाता है और पर्स का यही बड़ा आकार आपके शरीर में बहुत सी समस्याएं पैदा कर सकता है।

    हम रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर एक चेतावनी भरा बोर्ड देखते हैं -"पॉकिट मारों से सावधान", अगर आप पैसों से भरा पर्स पैंट की पिछली पॉकेट में रखते हैं तो किसी जेबकतरे के लिए उसे निकाल लेना बहुत आसान होता है। इस प्रकार आपके पैसों की सुरक्षा और आपकी सेहत दोनों के लिए पर्स का बैक पॉकेट में रखना ठीक नहीं होता। 
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पिछली पॉकेट में क्यों न रखें पर्स -

मोटे पर्स को बैक पॉकेट में रखकर जब आप बैठते हैं तो यह एक विषमता या असंतुलन पैदा करता है जो आपके रीढ़ और कूल्हों को विकृत करता है।यह एक अस्वाभाविक स्थिति होती है जिससे कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा हो सकती है जिनमें अस्थायी दर्द के अलावा पीठ और तंत्रिका तंत्र की परेशानी के साथ हिप पेन हो सकता है। यदि स्पाइन की कोई प्रॉब्लम पहले से हो तो स्थिति और भी जटिल हो जाती है। 

   विशेषज्ञ कहते है कि जब आप विभिन्न प्रकार के कार्डों, बिलों, रूपये  और सिक्कों से भरे मोटे हो चुके पर्स पर बैठते हैं तब इसके दबाव से आपके कूल्हे के जोड़ और पीठ के निचले हिस्से में तनाव पैदा होता है। इससे हमारी कमर से गुजरने वाली साइटिका नस पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से आपके हिप जॉइंट और कमर में दर्द होता है। थोड़े समय तक पर्स में बैठने से समस्या नहीं होती परन्तु ऐसी स्थिति में घंटो बैठने पर आपने भी दर्द का अनुभव किया होगा। 
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   इससे बचने के लिए पेंट की पिछली पॉकेट में पर्स न रखें  (Don't put Purse in back pocket). साइटिका नस शरीर की सबसे लंबी नस होती है जो दिल की धमनियों से कमर और हिप जॉइंट के रास्ते पैरों की एड़ियों तक जाती है। 

  समस्या तब शुरू होती है जब मोटे पर्स से इस नस पर भारी दबाव पड़ता है।  जिससे पैरों की सूजन बढ़ जाती है और आपके पैर के नीचे दर्द हो सकता है।ये आपके कूल्हों से लेकर पैरों तक की मूवमेंट को प्रभावित करती है।


   आपकी पैंट की जेब में एक मोटा पर्स होने पर आप एक तरफ झुक जाते हैं, जिससे आपकी रीढ़ पर अधिक तनाव पड़ता है। इस प्रकार सीधे बैठने के बजाय,  आपका बटुआ जितना बड़ा होगा, उतने ही अधिक तिरछे बैठने के लिए आप मजबूर होंगे।
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पर्स कैसे रखना चाहिए -

1.पर्स में गैर जरूरी कागज, लोगों के दिए हुए विजिटिंग कार्ड्स, अनावश्यक रूप से बहुत अधिक सिक्के आदि रखने से बचें। इनसे पर्स की मोटाई बहुत बढ़ जाती है। पर्स में सिक्के और नोटों को अलग रखें। 

   वास्तु शास्त्र के अनुसार पर्स में किसी प्रकार के बिल या भुगतान से संबंधित कागजात नहीं रखने चाहिए। साथ ही पर्स में नकारात्मक ऊर्जा को संचारित करने वाली चीज़ें नहीं रखनी चाहिए। मृत व्यक्तियों के फोटो भी पर्स में न रखें।   

2. रूपये रखने के लिए पतले स्टाइल वाला वॉलेट रख सकते हैं, जिससे बैक पर दबाव कम पड़े। पतला साइज होने पर इसे आसानी से शर्ट की  पॉकेट में भी रख सकते हैं।

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3. अगर आप ऑफिस में काम करते हैं तो काम के दौरान आप अपना पर्स, बैक पॉकेट में रखने से बचें। इसे किसी बैग या दराज़ में रख सकते हैं। 

4. जब आप कार में हों तो बैक पॉकेट के पर्स से आपको असुविधा हो सकती है। इसलिए सबसे अच्छा यह होगा कि लम्बे समय तक कार में बैठने या ड्राइव करते समय पर्स को अपनी पैंट से बाहर निकालकर रखें। इसे अपनी जैकेट की पॉकेट में भी रख सकते हैं। 

5. मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखते समय अपना पर्स पैंट की साइड पॉकेट में या शर्ट की जेब में रख सकते हैं भले ही आपके शर्ट का पॉकेट फूला हुआ दिखेगा परन्तु बैक पॉकेट में पर्स रखकर दो ढाई घंटे तक असुविधाजनक स्थिति में बैठने से यह बेहतर रहेगा। हॉल से निकलते समय इसे बैक पॉकेट में फिर से रख सकते हैं।

6. बस या ट्रेन में चढ़ते समय अपना पर्स किसी बैग में या पैन्ट की साइड पॉकेट में रखने से आप पॉकेटमारों का निशाना बनने से बच सकते हैं। पैंट की बैक पॉकेट में रखा हुआ पर्स निकालना पॉकेटमारों के लिए सबसे आसान काम होता है। 

    इस प्रकार आपने जाना कि मोटे पर्स को पैंट के बैक पॉकेट में रखकर देर तक बैठना आपके स्वास्थ्य के लिए अनावश्यक रूप से परेशानी का कारण बन सकता है।  
   
 आशा है ये आर्टिकल "Wallet in Back Pocket-बैक पॉकेट में पर्स रखना क्यों खतरनाक है" आपको उपयोगी लगा होगा इसे अपने मित्रों को शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 

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