Natural Ways to Cleanse your Lungs-फेफड़ों की सफ़ाई के घरेलू उपाय
फेफड़े यानी कि लंग्स शरीर का एक बहुत अहम हिस्सा है। शारीरिक क्रियाओं के सही संचालन के लिए फेफड़ों का स्वस्थ रहना आवश्यक है।
एक वयस्क व्यक्ति सामान्य दशा में प्रति मिनट 12 से 20 बार साँस लेता है। जिससे फेफड़ों के स्वस्थ रहने पर पर्याप्त ऑक्सीजन शरीर के अंदर पहुंचती है, जोकि स्वास्थ्य को ठीक रखती है।
फेफड़ों के अस्वस्थ रहने पर इस क्रिया में बाधा पहुँचती है जिससे कई बीमारियां हो सकती है जैसे अस्थमा, दमा, निमोनिया, टीबी, फेफड़ों का कैंसर आदि।
प्रदूषित वातावरण और लोगों के रहन- सहन की गलत आदतों की वजह से फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचता है। सिगरेट - बीड़ी, गांजा और हुक्का पीने जैसी आदतों की वजह से फेफड़े बुरी तरह प्रभावित होते हैं और ठीक से अपना काम नहीं कर पाते हैं।
इस प्रकार के नशे या वायु प्रदूषण से जो विषाक्त पदार्थ फेफड़ों में प्रवेश करते हैं वे पूरे शरीर को प्रभावित कर सकते हैं।इसलिए फेफड़ों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
श्वसन तंत्र के सही तरीके से कार्य करने की दशा में ये विषाक्त पदार्थ अंततः बलगम के अंदर फंस जाते हैं, जिन्हें शरीर प्रभावी ढंग से हटा देता है। जो लोग फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, उनके सिस्टम से बलगम को साफ करने में अन्य लोगों की तुलना में कठिनाई आ सकती है। कुछ लक्षण दिखाई पड़ने पर आप समझ सकते हैं कि फेफड़ों में कोई समस्या है -
A. साँस का फूलना - यदि सीढियाँ चढ़ते हुए या छोटा मोटा कोई श्रम करते हुए आपकी साँस फूलने लगती है।
B. एक अन्य लक्षण है बहुत ज्यादा बलगम बनना यदि खांसते वक़्त बहुत ज्यादा बलगम निकलता है अथवा आपको कुछ सप्ताहों से लगातार खांसी है तो यह भी फेफड़ों में कोई परेशानी होने की ओर इशारा करते हैं।
C. यदि आपको सीने में दर्द की शिकायत है तो यह दिल संबंधी बीमारी की तरफ इशारा है परन्तु यदि छींकते, खांसते हुए सीने में दर्द होता है तो इसका कारण फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है।
A. साँस का फूलना - यदि सीढियाँ चढ़ते हुए या छोटा मोटा कोई श्रम करते हुए आपकी साँस फूलने लगती है।
B. एक अन्य लक्षण है बहुत ज्यादा बलगम बनना यदि खांसते वक़्त बहुत ज्यादा बलगम निकलता है अथवा आपको कुछ सप्ताहों से लगातार खांसी है तो यह भी फेफड़ों में कोई परेशानी होने की ओर इशारा करते हैं।
C. यदि आपको सीने में दर्द की शिकायत है तो यह दिल संबंधी बीमारी की तरफ इशारा है परन्तु यदि छींकते, खांसते हुए सीने में दर्द होता है तो इसका कारण फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है।
फेफड़े की सफाई के लिये डीप ब्रीथिंग, नियमित रूप से व्यायाम करना, स्टीम थेरेपी, और कुछ खाद्य पदार्थ खाने से होने वाले बदलाव आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं।
भाप लेने के लिए स्टीमर का प्रयोग करें या किसी बर्तन में पानी गरम करके भी भाप ली जा सकती है। इसके लिए अपने सिर के ऊपर एक तौलिया इस ढंग से रखें की बर्तन से निकलती भाप बाहर न जाए।
यदि पानी में कुछ बूंदे यूकेलिप्टस आयल की मिला देंगे तो अधिक लाभकारी रहेगा। यह प्रयोग तत्काल राहत प्रदान कर सकता है जिससे श्वसन मार्ग की सफाई होकर अधिक आसानी से साँस लेने में मदद मिलती है।
यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो शरीर को अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने में अधिक कुशल बनाता है।हालांकि फेफड़ों की कमजोर स्थिति वाले लोगों के लिए व्यायाम करना अधिक कठिन हो सकता है परन्तु नियमित व्यायाम करने से शरीर इसके लिए अनुकूल होना शुरू हो जाता है।
गहरी साँस लेकर आप अपने स्ट्रेस को कम करने के साथ शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं। यह शरीर से टॉक्सिन्स को खत्म करता है, जिससे आपके चेहरे में चमक आ जाती है।
यह प्रयोग किसी साफ़ हवा वाले स्थान में कभी भी 5 -10 मिनट तक कर सकते हैं। सबसे पहले धीरे धीरे नाक से साँस लेते हुए अपने फेफड़ों को पूरी तरह हवा से भर लें फिर अपनी क्षमता अनुसार जितनी देर साँस रोकते बनें, रोक लें। बाद में धीरे धीरे साँस छोड़ते हुए फेफड़ों को खाली कर दें। इस प्रयोग को बार बार दुहराएँ।
यदि साँस भरने, रोकने और छोड़ने के समय का अनुपात 1:4:2 रखेंगे तो अधिक लाभ होगा। जैसे साँस भरते समय आपने 1 से 10 तक मन ही मन गिनती की है तो साँस रोकने के लिए 1 से 40 तक गिनती करें फिर साँस छोड़ने के लिए 1 से 20 तक गिनना होगा।
फेफड़ों की सफ़ाई के घरेलू उपाय (Natural Ways to Cleanse your Lungs)
1. भाप चिकित्सा (स्टीम थेरेपी) -
स्टीम थेरेपी, या पानी की भाप में साँस लेने से फेफड़ों के बलगम को बाहर निकालने और श्वसन मार्ग को खोलने में मदद मिलती है। फेफड़े की स्थिति कमजोर होने पर ठंड में परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे समय में भाप की गर्मी से सांस लेने में सुगमता होती है और फेफड़ों के अंदर बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है।भाप लेने के लिए स्टीमर का प्रयोग करें या किसी बर्तन में पानी गरम करके भी भाप ली जा सकती है। इसके लिए अपने सिर के ऊपर एक तौलिया इस ढंग से रखें की बर्तन से निकलती भाप बाहर न जाए।
यदि पानी में कुछ बूंदे यूकेलिप्टस आयल की मिला देंगे तो अधिक लाभकारी रहेगा। यह प्रयोग तत्काल राहत प्रदान कर सकता है जिससे श्वसन मार्ग की सफाई होकर अधिक आसानी से साँस लेने में मदद मिलती है।
2. व्यायाम (Exercise) करें -
नियमित व्यायाम करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। यह स्ट्रोक और हृदय रोग सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करता है। व्यायाम करने से शरीर की श्वास दर बढ़ जाती है, जिससे मांसपेशियों को ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति होती है।यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो शरीर को अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने में अधिक कुशल बनाता है।हालांकि फेफड़ों की कमजोर स्थिति वाले लोगों के लिए व्यायाम करना अधिक कठिन हो सकता है परन्तु नियमित व्यायाम करने से शरीर इसके लिए अनुकूल होना शुरू हो जाता है।
3. गहरी साँस (deep breathing) लें -
उथली साँस लेने से फेफड़ों में पूरी हवा नहीं भर पाती, वे अधिकांशतः खाली रहते हैं। जिससे फेफड़ों की कैपेसिटी धीरे धीरे कम होने लगती है वे अपना कार्य पूरी तरह नहीं कर पाते। डीप ब्रीथिंग का लाभ पूरे शरीर को मिलता है क्योंकि इससे रक्त के जरिये पोषक तत्व और ऑक्सीजन आसानी से शरीर के कोने तक पहुँचता है।गहरी साँस लेकर आप अपने स्ट्रेस को कम करने के साथ शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं। यह शरीर से टॉक्सिन्स को खत्म करता है, जिससे आपके चेहरे में चमक आ जाती है।
यह प्रयोग किसी साफ़ हवा वाले स्थान में कभी भी 5 -10 मिनट तक कर सकते हैं। सबसे पहले धीरे धीरे नाक से साँस लेते हुए अपने फेफड़ों को पूरी तरह हवा से भर लें फिर अपनी क्षमता अनुसार जितनी देर साँस रोकते बनें, रोक लें। बाद में धीरे धीरे साँस छोड़ते हुए फेफड़ों को खाली कर दें। इस प्रयोग को बार बार दुहराएँ।
यदि साँस भरने, रोकने और छोड़ने के समय का अनुपात 1:4:2 रखेंगे तो अधिक लाभ होगा। जैसे साँस भरते समय आपने 1 से 10 तक मन ही मन गिनती की है तो साँस रोकने के लिए 1 से 40 तक गिनती करें फिर साँस छोड़ने के लिए 1 से 20 तक गिनना होगा।
4. फेफड़ों के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थ -
श्वसन मार्ग की सूजन सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है और छाती में भारीपन महसूस हो सकता है। Anti-inflammatory foods खाने से इन लक्षणों को दूर करके सूजन को कम किया जा सकता है। पत्ता गोभी, फूल गोभी, एप्पल, अखरोट और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से फेफड़ों की सेहत बेहतर होती है। नीचे दिए खाद्य पदार्थ विशेष रूप से उपयोगी हैं-
फेफड़ों में संक्रमण के कारण बैक्टीरिया से लड़ने के लिए अनानास का जूस पियें। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके श्वसन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी होता है और आपके फेफड़ों को क्लीन कर सकता है।
इसमें एलिसिन नामक एक यौगिक होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और हमारे फेफड़ों के लिए घातक श्वसन संक्रमण से निपटने में मदद करता है। यह सूजन को कम करने, अस्थमा में सुधार करने और फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करता है।
इसके तत्व फेफड़ों की सूजन और जलन को खत्म करते हैं। साथ ही इन्हें फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए भी जाना जाता है। आप कई व्यंजनों में अदरक को शामिल कर सकते हैं या अदरक की चाय बनाकर इसका लाभ उठा सकते हैं।
इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए जाना जाता है। हल्दी का नियमित प्रयोग फेफड़ों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है।
कोरिया में किये गए एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग प्रति दिन 2 कप ग्रीन टी पीते हैं, उनके फेफड़ों की कार्यप्रणाली उनकी तुलना में बेहतर थी, जो इसका प्रयोग नहीं करते थे।
also read -
1. Natural ways to stay young-युवा रहने प्राकृतिक तरीके
2. Gulab kaise lgayen-gulab ki dekhbhal kaise kren
3. Home remedies for high BP-बीपी ठीक करें- बिना दवा के
2. फेफड़ों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो धूम्रपान न करें। जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके फेफड़ों में कई तरह के हानिकारक पदार्थ जम जाते हैं जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में होने वाली हर 10 मौत में से एक मौत तंबाकू के कारण ही होती है। करीब सात मिलियन लोग दुनिया भर में प्रतिवर्ष तंबाकू के कारण ही मरते हैं।
आशा है ये आर्टिकल "Natural Ways to Cleanse your Lungs-फेफड़ों की सफ़ाई के घरेलू उपाय " पढ़कर आप फेफड़ों (लंग्स) की सफाई के बारे में जान गए होंगे। इस जानकारी को अपने मित्रों एवं परिवार के अन्य सदस्यों को प्रेषित करें, जिससे वे भी इसका लाभ उठा सकें। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
also read -
1. How to sleep well-अच्छी नींद आने के उपाय
2. Upwas kren swasth rhen-उपवास करें स्वस्थ रहें
3. Make money online with google-घर बैठे blogging से पैसा कमाएं
A. विटामिन -C से भरपूर आहार लें -
विटामिन-C से भरपूर फ़लों का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकालने में मदद मिलती है, यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में भी मदद करता है। इसके लिए खट्टे फलों जैसे- संतरा, नींबू, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, अनानास आदि का सेवन किया जा सकता है।फेफड़ों में संक्रमण के कारण बैक्टीरिया से लड़ने के लिए अनानास का जूस पियें। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके श्वसन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी होता है और आपके फेफड़ों को क्लीन कर सकता है।
B. गाजर का उपयोग करें -
गाजर, विटामिन A और C का अच्छा स्त्रोत होते हैं। साथ ही गाजर में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो फेफड़ों की सेहत के लिए उपयोगी होते हैं। इसके सीजन में प्रतिदिन 1 गिलास गाजर का रस पीने से फेफड़ों की सफाई अच्छे से हो सकेगी। गाजर का रस बीटा कैरोटीन का एक अच्छा स्रोत है।C. लहसुन का सेवन करें -
लहसुन का सेवन कफ को खत्म करके छाती को साफ करने में सहायक होता है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो संक्रमण से लड़ते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।इसमें एलिसिन नामक एक यौगिक होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और हमारे फेफड़ों के लिए घातक श्वसन संक्रमण से निपटने में मदद करता है। यह सूजन को कम करने, अस्थमा में सुधार करने और फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करता है।
D. अदरक का प्रयोग करें -
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन पथ से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, बीटा कैरोटीन और जिंक सहित कई विटामिन और खनिज शामिल हैं।इसके तत्व फेफड़ों की सूजन और जलन को खत्म करते हैं। साथ ही इन्हें फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए भी जाना जाता है। आप कई व्यंजनों में अदरक को शामिल कर सकते हैं या अदरक की चाय बनाकर इसका लाभ उठा सकते हैं।
E. हल्दी का प्रयोग करें -
हल्दी को आयुर्वेद में अपने गुणों के कारण बहुत महत्व दिया गया है, क्योकिं यह बहुत सी बीमारियों में फायदेमंद है। हल्दी को गोल्डन स्पाइस कहा जाता है। हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण यह हमारे फेफड़ों को साफ करने में मदद करता है।इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए जाना जाता है। हल्दी का नियमित प्रयोग फेफड़ों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है।
F. पुदीने का प्रयोग करें -
पेपरमिंट या पुदीना न केवल आपके सांस को बेहतर बनाने का काम करता है बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी अद्भुत हैं। यह पेट और सीने के लिए फायदेमंद है। फेफड़ों में संक्रमण होने पर बैक्टीरिया से लड़ने के लिए नियमित रूप से इसकी कुछ पत्तियाँ चबा लें या चटनी के रूप में इसका प्रयोग करें।G. हरी चाय (Green Tea) -
ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्व साँस के जरिये जाने वाले धुएं के हानिकारक प्रभावों से भी फेफड़े के ऊतकों की रक्षा कर सकते हैं।कोरिया में किये गए एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग प्रति दिन 2 कप ग्रीन टी पीते हैं, उनके फेफड़ों की कार्यप्रणाली उनकी तुलना में बेहतर थी, जो इसका प्रयोग नहीं करते थे।
क्या न करें -
1. शरीर में पानी की कमी न होने दें। पानी कम पीने से फेफड़ों के सामान्य कार्य में बाधा उपस्थित होती है और उनके रोगग्रस्त होने का खतरा बना रहता है इसलिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना आवश्यक है।also read -
1. Natural ways to stay young-युवा रहने प्राकृतिक तरीके
2. Gulab kaise lgayen-gulab ki dekhbhal kaise kren
3. Home remedies for high BP-बीपी ठीक करें- बिना दवा के
2. फेफड़ों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो धूम्रपान न करें। जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके फेफड़ों में कई तरह के हानिकारक पदार्थ जम जाते हैं जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में होने वाली हर 10 मौत में से एक मौत तंबाकू के कारण ही होती है। करीब सात मिलियन लोग दुनिया भर में प्रतिवर्ष तंबाकू के कारण ही मरते हैं।
आशा है ये आर्टिकल "Natural Ways to Cleanse your Lungs-फेफड़ों की सफ़ाई के घरेलू उपाय " पढ़कर आप फेफड़ों (लंग्स) की सफाई के बारे में जान गए होंगे। इस जानकारी को अपने मित्रों एवं परिवार के अन्य सदस्यों को प्रेषित करें, जिससे वे भी इसका लाभ उठा सकें। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
also read -
1. How to sleep well-अच्छी नींद आने के उपाय
2. Upwas kren swasth rhen-उपवास करें स्वस्थ रहें
3. Make money online with google-घर बैठे blogging से पैसा कमाएं
No comments:
Post a Comment