Importance of Bell-पूजा में घंटी क्यों बजाते हैं?
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा या अनुष्ठान में घंटी के उपयोग किए जाने का विशेष महत्व है। देवालय या मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना करने से पहले घंटा बजाकर प्रवेश करने की परम्परा रही है। भक्त मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाते हैं, जो दर्शन का एक अनिवार्य हिस्सा है।
हमारे ऋषि-मुनियों ने घंटा ध्वनि के फायदों को समझकर इसे शुरू किया था।पुरातन काल से हिन्दू मंदिरों में घंटी या घंटा लगाए जाते रहे हैं। बाद में जैन मंदिरों में घंटी और बौद्ध स्तूपों में घंटी, घंटा, समयचक्र आदि लगाने की परंपरा शुरू की गई, फिर ईसाई धर्म ने इसे अपनाया।
घंटी बजने से शुभ ध्वनि उत्पन्न होती है। हिंदू मंदिरों में प्रवेश द्वार पर कम से कम एक पीतल या कांसे की घंटी होती है, जिसमें कॉपर, जिंक, निकल, मैग्निसियम जैसी धातुएं होती हैं। इसे किसी चैन या सांकल के जरिये लटकया जाता है।
पूजा, यज्ञ, आरती के दौरान पुजारियों और भक्तों द्वारा घंटी बजाई जाती है। देवता के स्नान के साथ उनके सामने धूप अगरबत्ती लगाई जाती है, फल पुष्प अर्पित किये जाते हैं और भोग लगाया जाता है साथ ही घंटी बजाई जाती है।
1. गरूड़ घंटी - गरूड़ घंटी छोटी-सी होती है जिसे एक हाथ से बजाया जा सकता है।
2. द्वार घंटी - यह द्वार पर लटकी होती है। यह बड़ी और छोटी दोनों ही आकार की होती है।
3. हाथ घंटी - पीतल की ठोस एक गोल प्लेट होती है जिसके ऊपर एक छेद होता है, जिसमें हुक लगाकर इसे पकड़ा या लटकाया जाता है। लकड़ी की एक हथोड़ी से ठोककर इसे बजाते हैं।
4. घंटा - यह बहुत बड़े आकार का और वजनी होता है, इसे मंदिर की छत से लटकाया जाता है। इसके मध्य में लटकते पेंडुलम को हाथ से अथवा रस्सी के सहारे हिलाकर इसे बजाया जाता है।
घंटियों के प्रकार -
घंटियां 4 प्रकार की होती हैं - 1. गरूड़ घंटी, 2. द्वार घंटी, 3. हाथ घंटी और 4. घंटा।1. गरूड़ घंटी - गरूड़ घंटी छोटी-सी होती है जिसे एक हाथ से बजाया जा सकता है।
2. द्वार घंटी - यह द्वार पर लटकी होती है। यह बड़ी और छोटी दोनों ही आकार की होती है।
3. हाथ घंटी - पीतल की ठोस एक गोल प्लेट होती है जिसके ऊपर एक छेद होता है, जिसमें हुक लगाकर इसे पकड़ा या लटकाया जाता है। लकड़ी की एक हथोड़ी से ठोककर इसे बजाते हैं।
4. घंटा - यह बहुत बड़े आकार का और वजनी होता है, इसे मंदिर की छत से लटकाया जाता है। इसके मध्य में लटकते पेंडुलम को हाथ से अथवा रस्सी के सहारे हिलाकर इसे बजाया जाता है।
इन घंटियों को विशेष रूप से इस प्रकार बनाया जाता है कि इनसे एक सकारात्मक दिव्य ध्वनि पैदा होती है। मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि इसका एक वैज्ञानिक आधार भी है। आइये जानते हैं घंटी बजाने के कौन से फायदे हैं।
घंटी बजाने के फायदे (Benefits of ringing bell) -
1. वातावरण शुद्ध होता है -
घंटी बजाने से निकलने वाली ध्वनि तरंगे वातावरण में उपस्थित सूक्ष्म कीटाणुाओं का नाश करती है। इस प्रकार घंटी बजाना हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। हानिकारक कीटाणु नष्ट होने से वातावरण को शुद्ध बनाने में मदद मिलती है। पूजा के समय लगातार एक लय में घंटी बजने से वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायु के माध्यम से दूर तक फ़ैल जाता है। वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि इस कंपन के क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
2. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है -
घंटी की पवित्र ध्वनि से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। घंटियों की आवाज से व्यक्ति सकारात्मक महसूस करता है। देवी-देवताओं की आरती के समय विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं, इनमें घंटी सबसे महत्वपूर्ण होती है। भगवान की आरती घंटी के बिना पूर्ण नहीं होती है। घंटी की ध्वनि से मन, मस्तिष्क एक प्रकार की ऊर्जा से सराबोर हो जाते हैं और व्यक्ति स्वयं को तनाव मुक्त महसूस करता है।
3. एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है -
घंटी या घंटा बजाने पर जो विशेष ध्वनि उतपन्न होती है, वह देर तक गूंजती है। इस आवाज़ से मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही यह गूंज, शरीर के सभी 7 चक्रों को सक्रिय बनाती है। जिससे जीवन में संतुलन आता है और शांति बढ़ती है। घंटी की आवाज से दिमाग में चल रहे अनेक विचार शांत होने लगते हैं फलस्वरूप दिमाग अधिक ग्रहणशील होता है। इस प्रकार घंटी बजने पर हमेशा भटकने वाले दिमाग को नियंत्रित करने और शांत होने में मदद मिलती है।
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ऐसी प्रतिमाओं की पूजा अधिक प्रभावशाली और शीघ्र फल प्रदान करने वाली होती है। इससे हमें मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। विचारों की भीड़ मस्तिष्क से हटने के कारण ध्यान लगने में सहायता मिलती है और व्यक्ति ब्रम्हांड में उपस्थित दिव्य ऊर्जा से जुड़ाव महसूस कर पाता है।
आशा है ये आर्टिकल "Importance of Bell-पूजा में घंटी क्यों बजाते हैं?" आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों एवं परिवार के अन्य सदस्यों को शेयर कर सकते हैं, जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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4. जीवन में दिव्यता आती है -
घंटी की आवाज को शुभ माना जाता है, जो देवत्व का स्वागत करती है और बुराई को दूर करती है। यह हमें आध्यात्मिकता की तरफ ले जाती है और हमारे धार्मिक संस्कारों को मजबूत बनाती है। घंटी की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा जिसमें बुरी आत्माएं भी शामिल हैं, वे दूर भागती हैं। इस प्रकार घंटा ध्वनि से घर की सफाई की जा सकती है। जिससे जीवन में दिव्यता आती है।also read -
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5. उपचार की शक्ति -
घंटियों की आवाज़ में तन और मन के उपचार की शक्ति होती है। मंदिरों में आरती के समय एक निश्चित गति और लय के साथ घंटा ध्वनि की जाती है। यह कर्णप्रिय होती है, इसे सुनकर व्यक्ति सम्मोहित हो जाता है। यह ध्वनि एक निश्चित अवधि के लिए गर्भगृह के भीतर कंपन करती है और मूर्ति द्वारा भी अवशोषित होती है।ऐसी प्रतिमाओं की पूजा अधिक प्रभावशाली और शीघ्र फल प्रदान करने वाली होती है। इससे हमें मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। विचारों की भीड़ मस्तिष्क से हटने के कारण ध्यान लगने में सहायता मिलती है और व्यक्ति ब्रम्हांड में उपस्थित दिव्य ऊर्जा से जुड़ाव महसूस कर पाता है।
आशा है ये आर्टिकल "Importance of Bell-पूजा में घंटी क्यों बजाते हैं?" आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों एवं परिवार के अन्य सदस्यों को शेयर कर सकते हैं, जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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