How to Defeat Addiction- नशा कैसे छोड़ें
वर्तमान समय में नशे की लत के शिकार लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इसने एक विकट समस्या का रूप ले लिया है जिससे समाजशास्त्री और सरकार दोनों चिंतित हैं।
नशाखोरी से न केवल युवा पीढ़ी बल्कि सभी आयुवर्ग के लोग प्रभावित हैं। नशे के लिए शराब, गांजा, भांग और तम्बाकू का प्रयोग किया जाता रहा है, वहीं अब नित नए साधन आजमाए जा रहे हैं। जिसमें प्रतिबंधित कफ सिरप, नशे की गोलियां और सांप के जहर के प्रयोग से लेकर साइकिल ट्यूब के पंक्चर बनाने वाले सॉलूशन को सूंघने जैसे अजीबोगरीब साधन तक आजमाए जा रहे हैं।
लत या व्यसन (Addiction) क्या होता है -
किसी चीज की लत या व्यसन का मतलब है कि जब तक वह वस्तु न मिले, तब तक व्यक्ति पीड़ित बेचैन और असामान्य रहता है। उसके बिना वह अपनी दिनचर्या के काम भी ठीक तरह से नहीं कर पाता। इस कारण वह स्वयं भी इस लत से परेशान होता है कई बार अपनी लत से बाहर निकलने के लिए लोगों से वादे भी करता है। लेकिन अंदर से वह इतना कमजोर हो चुका होता है कि नशे की गिरफ्त से बाहर नहीं निकलता।
शराब, सिगरेट, ड्रग्स या पान मसाला गुटखा का सेवन शुरुवात में किसी दोस्त के कहने पर या "कैसा लगता है" यह अनुभव लेने के लिए थोड़ी मात्रा में किया जाता है। व्यक्ति सोचता है कि मैं इसे ले रहा हूँ और जब चाहूंगा इसे छोड़ दूंगा। परन्तु नशा लेते रहने से थोड़े दिनों बाद स्थिति उसके काबू से बाहर होने लगती है, उसका शरीर और नशे की मांग करने लगता है।
अब यह नशा ही नशेड़ी के शरीर को धीरे धीरे खाने लगता है और उसके शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इसे ही नशे की लत लगना कहते हैं और इसे छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।
अब यह नशा ही नशेड़ी के शरीर को धीरे धीरे खाने लगता है और उसके शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इसे ही नशे की लत लगना कहते हैं और इसे छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।
नशे की लत पड़ने के कारण (Reasons of addiction) -
A. नशा करने की लत पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। परिवार के किसी सदस्य को नशा करते देखकर टीन ऐज वाले इसे लेना सीख जाते हैं।
B. पढ़ाई के उद्देश्य से परिवार से दूर रहने वाले किशोर उम्र के बच्चे अपने सीनियर के कहने पर नशीली दवाओं और सिगरेट, शराब का उपयोग करने लगते हैं। अक्सर बियर और सिगरेट से नशे की शुरुवात होती है जो आगे चलकर व्हिस्की और गांजे की लत में बदल जाती है। अपना बड़प्पन दिखाने के लिए और नयेपन की चाह भी किशोरावस्था में इस तरफ आकर्षित करती है।
C. कुछ विशेष जाति वर्ग और समाज में नशा करना परम्परा में शामिल होता है।खास मौके, जैसे किसी फेस्टिवल या फैमिली फंक्शन आदि में कभी-कभी शराब लेने वाले लोग धीरे-धीरे नशे के करीब आ सकते हैं।
B. पढ़ाई के उद्देश्य से परिवार से दूर रहने वाले किशोर उम्र के बच्चे अपने सीनियर के कहने पर नशीली दवाओं और सिगरेट, शराब का उपयोग करने लगते हैं। अक्सर बियर और सिगरेट से नशे की शुरुवात होती है जो आगे चलकर व्हिस्की और गांजे की लत में बदल जाती है। अपना बड़प्पन दिखाने के लिए और नयेपन की चाह भी किशोरावस्था में इस तरफ आकर्षित करती है।
C. कुछ विशेष जाति वर्ग और समाज में नशा करना परम्परा में शामिल होता है।खास मौके, जैसे किसी फेस्टिवल या फैमिली फंक्शन आदि में कभी-कभी शराब लेने वाले लोग धीरे-धीरे नशे के करीब आ सकते हैं।
D. कुछ लोग इसे शारीरिक श्रम की थकान मिटाने के साधन के रूप में लेते हैं और इसके आदी हो जाते हैं। ख़ुशी और आनंद की तलाश में इसे अपनाने वाले इसकी जकड़ में फंस कर जीवन भर छटपटाते रहते हैं। कुछ लोग इसे गम भुलाने का तरीका समझ कर इसके चंगुल में फंस जाते है।
E. अगर घर में कलह रहती है तो लोगों के किसी नशे का सहारा लेने की आदत पड़ सकती है।
E. अगर घर में कलह रहती है तो लोगों के किसी नशे का सहारा लेने की आदत पड़ सकती है।
नशे की लत के लक्षण -
नशे की लत के शिकार व्यक्ति को नशा न मिलने पर कई तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं जैसे घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, फैसला लेने में परेशानी होना, याददाश्त कमजोर पड़ना, नींद न आना, सिर में तेज दर्द होना, गुस्सा आना, मूड में अचानक बदलाव आना, शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना, धड़कन का बढ़ना, ज्यादा पसीना आना आदि। नशा न मिलने पर जोड़ों में दर्द के अलावा चलना फिरना मुश्किल होने लगता है।
A. नशे की लत के शिकार व्यक्ति का परिवारिक जीवन संकट में रहता है। इससे घर के सदस्यों के आपसी रिश्ते खराब होने लगते हैं और उनके बीच लड़ाई झगड़े और मारपीट की नौबत तक आ जाती है। घरेलू हिंसा का मुख्य कारण नशा ही होता है। पति पत्नी में कलह होनी शुरू हो सकती है और कई बार इसका अंत तलाक से होता है।
B. नशा करने वाले व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है उसे सही गलत का होश नहीं रहता। नशे में व्यक्ति की हरकतें बर्दाश्त के बाहर हो जाती है। उसके गाली गलौज करने के कारण दूसरे लोग परेशान हो जाते हैं। इस आदत के चलते ऐसे लोगों को हेय दृष्टि से देखा जाता है और परिवार में बार बार अपमानित होना पड़ता है।
C. बड़ों को देखकर घर के किशोर भी नशे की ओर उन्मुख हो सकते हैं जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो सकता है। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से बहुत परेशान करने वाला होने के कारण नशा जिंदगी का अभिशाप बन जाता है।
D. स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, शराब के कारण लीवर पर पड़ने वाले बुरे असर के कारण भूख बंद होने के अलावा बुखार, घबराहट, उल्टी , पेटदर्द हो सकते है। इससे इलाज पर अतिरिक्त पैसा खर्च होता है। यह शारीरिक कष्ट देने के साथ आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव डालता है।
इसके अलावा शराब के असर से स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है और नींद भी डिस्टर्ब हो जाती है। दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। इससे साँस लेने में तकलीफ व थकान की समस्या भी हो सकती है।
सिगरेट, बीड़ी, हुक्का या पान मसाला गुटखा में तम्बाकू होता है। शुरू में नुकसान दिखाई ना पड़ने के कारण इसके जाल में फंसना आसान होता है। परन्तु इसे छोड़ना उतना ही मुश्किल होता है और इसका प्रयोग बढ़ता चला जाता है।
नशा करने के नुकसान -
A. नशे की लत के शिकार व्यक्ति का परिवारिक जीवन संकट में रहता है। इससे घर के सदस्यों के आपसी रिश्ते खराब होने लगते हैं और उनके बीच लड़ाई झगड़े और मारपीट की नौबत तक आ जाती है। घरेलू हिंसा का मुख्य कारण नशा ही होता है। पति पत्नी में कलह होनी शुरू हो सकती है और कई बार इसका अंत तलाक से होता है।
B. नशा करने वाले व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है उसे सही गलत का होश नहीं रहता। नशे में व्यक्ति की हरकतें बर्दाश्त के बाहर हो जाती है। उसके गाली गलौज करने के कारण दूसरे लोग परेशान हो जाते हैं। इस आदत के चलते ऐसे लोगों को हेय दृष्टि से देखा जाता है और परिवार में बार बार अपमानित होना पड़ता है।
C. बड़ों को देखकर घर के किशोर भी नशे की ओर उन्मुख हो सकते हैं जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो सकता है। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से बहुत परेशान करने वाला होने के कारण नशा जिंदगी का अभिशाप बन जाता है।
D. स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, शराब के कारण लीवर पर पड़ने वाले बुरे असर के कारण भूख बंद होने के अलावा बुखार, घबराहट, उल्टी , पेटदर्द हो सकते है। इससे इलाज पर अतिरिक्त पैसा खर्च होता है। यह शारीरिक कष्ट देने के साथ आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव डालता है।
इसके अलावा शराब के असर से स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है और नींद भी डिस्टर्ब हो जाती है। दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। इससे साँस लेने में तकलीफ व थकान की समस्या भी हो सकती है।
सिगरेट, बीड़ी, हुक्का या पान मसाला गुटखा में तम्बाकू होता है। शुरू में नुकसान दिखाई ना पड़ने के कारण इसके जाल में फंसना आसान होता है। परन्तु इसे छोड़ना उतना ही मुश्किल होता है और इसका प्रयोग बढ़ता चला जाता है।
तम्बाकू के विषैले तत्व धीरे धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते है। जिसकी परिणति कैंसर जैसे भयानक रोग के रूप में हो सकती है। कैंसर होने पर अत्यधिक शारीरिक कष्ट होने के साथ व्यक्ति आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाता है।
E. आय का एक बड़ा हिस्सा नशे की चीज पर खर्च होने से आर्थिक तंगी बनी रहती है। नशे के लती व्यक्ति को कोई काम पर नहीं रखना चाहता इससे नौकरी से निकाले जाने या फिर काम-धंधा छूट जाने के चांस हमेशा बने होते हैं।
F. पैसे की तंगी होने पर नशे के लिए ऐसे लोग लूट या चोरी जैसे अपराध करते देखे गए हैं। नशे की जरूरत इन्हें विवेकहीन बनाकर किसी भी तरह के गैर-कानूनी काम करने को प्रेरित कर सकती है।
नशे का शिकार व्यक्ति जब तक स्वयं न चाहे तब तक उसका नशा छुड़ाना मुश्किल है। नशेड़ी को उसके जीवन में पड़ने वाले नशे के दुष्प्रभाव के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। जब उसे नशे की व्यर्थता का बोध होगा तभी उसके मन में यह भाव उठेगा कि इससे मुक्त होना आवश्यक है।मन में मजबूती से उठा हुआ यह भाव ही नशे से मुक्ति दिला सकता है।
एक बार दृढ़ निश्चय होने पर व्यक्ति उन उपायों पर अमल करने लगता है जो उसे नशा मुक्ति की ओर जाने में सहायक होते हैं। सबसे पहले स्वयं की और नशे के शिकार दूसरे लोगों की दुर्गति देखकर यह ठान लें कि आप नशा छोड़ना चाहते हैं। फिर अपने संकल्प को और लत छोड़ने की वजहों को दिन में बार-बार मन में दोहराएं।
नशा करने वाले चाहते हैं कि उनके साथ रहने वाले मित्र भी नशे का सेवन करें जिससे उन्हें कंपनी आसानी से मिल सकें। यदि किसी दोस्त कहने पर या उसके दबाव में आकर आपने नशे का प्रयोग शुरू किया था तो उससे दूरी बना लें। अगर मिलते भी हैं तो उसके द्वारा नशा ऑफर करने पर उसे स्पष्ट शब्दों में बता दें कि आपने नशा करना छोड़ दिया है और वह कभी भी उन्हें नशा ऑफर करने की न सोचे।
बेहतर होगा कि आप ऐसे दोस्तों का ग्रुप ज्वाइन करें जो नशे से दूर रहता हो, जिससे आप पर नशा लेने का दबाव नहीं होगा। अपने आस पास किसी ऐसे संगठन का पता लगाकर उसे ज्वाइन करें जहां ऐसे लोग इकट्ठे होते हैं, जो नशा छोड़ चुके हैं। इनका गाइडेंस आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
E. आय का एक बड़ा हिस्सा नशे की चीज पर खर्च होने से आर्थिक तंगी बनी रहती है। नशे के लती व्यक्ति को कोई काम पर नहीं रखना चाहता इससे नौकरी से निकाले जाने या फिर काम-धंधा छूट जाने के चांस हमेशा बने होते हैं।
F. पैसे की तंगी होने पर नशे के लिए ऐसे लोग लूट या चोरी जैसे अपराध करते देखे गए हैं। नशे की जरूरत इन्हें विवेकहीन बनाकर किसी भी तरह के गैर-कानूनी काम करने को प्रेरित कर सकती है।
नशे की लत कैसे छोड़ें (How to Defeat Addiction) -
1. मन में निश्चय करें -
नशे का शिकार व्यक्ति जब तक स्वयं न चाहे तब तक उसका नशा छुड़ाना मुश्किल है। नशेड़ी को उसके जीवन में पड़ने वाले नशे के दुष्प्रभाव के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। जब उसे नशे की व्यर्थता का बोध होगा तभी उसके मन में यह भाव उठेगा कि इससे मुक्त होना आवश्यक है।मन में मजबूती से उठा हुआ यह भाव ही नशे से मुक्ति दिला सकता है।
एक बार दृढ़ निश्चय होने पर व्यक्ति उन उपायों पर अमल करने लगता है जो उसे नशा मुक्ति की ओर जाने में सहायक होते हैं। सबसे पहले स्वयं की और नशे के शिकार दूसरे लोगों की दुर्गति देखकर यह ठान लें कि आप नशा छोड़ना चाहते हैं। फिर अपने संकल्प को और लत छोड़ने की वजहों को दिन में बार-बार मन में दोहराएं।
2. नशेड़ी साथियों से प्रभावी ढंग से निपटें -
नशा करने वाले चाहते हैं कि उनके साथ रहने वाले मित्र भी नशे का सेवन करें जिससे उन्हें कंपनी आसानी से मिल सकें। यदि किसी दोस्त कहने पर या उसके दबाव में आकर आपने नशे का प्रयोग शुरू किया था तो उससे दूरी बना लें। अगर मिलते भी हैं तो उसके द्वारा नशा ऑफर करने पर उसे स्पष्ट शब्दों में बता दें कि आपने नशा करना छोड़ दिया है और वह कभी भी उन्हें नशा ऑफर करने की न सोचे।
बेहतर होगा कि आप ऐसे दोस्तों का ग्रुप ज्वाइन करें जो नशे से दूर रहता हो, जिससे आप पर नशा लेने का दबाव नहीं होगा। अपने आस पास किसी ऐसे संगठन का पता लगाकर उसे ज्वाइन करें जहां ऐसे लोग इकट्ठे होते हैं, जो नशा छोड़ चुके हैं। इनका गाइडेंस आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
3. नशा, तनाव की दवा नहीं है -
जीवन के तनाव या किसी समस्या से निपटने का उपाय नशा नहीं है। इससे केवल कुछ समय की उत्तेजना या मानसिक शून्यता उपलब्ध होती है। फिर नशा उतरते ही वह समस्या अपने और भी विकराल रूप में दिखाई पड़ती है। इसका अर्थ यह है कि कोई भी ड्रग्स या नशा सिर्फ और सिर्फ जीवन को और अधिक तनावपूर्ण बनाते हैं और इससे किसी समस्या का निदान नहीं होता।
हमें नशे का प्रयोग रोकने और तनाव से निपटने के अन्य तरीके खोजने चाहिए। शरीर को रिलैक्स करने के लिए अपना ध्यान एक्सरसाइज करने, कोई अच्छी किताब पढ़ने, बागवानी करने या स्वयंसेवक बन कर जरूरतमंदों की मदद करने में अपना कुछ समय लगा सकते हैं।
कोई भी सकारात्मक गतिविधि तनाव को दूर करने के लिए नशे का उपयोग करने से मन को हटाने में मदद करती है।ध्यान और योग को अपनाएं। ध्यान करने से मन शांत होता है, नियमित रूप से 20 मिनट का ध्यान करना आरम्भ करें। पंचकर्म चिकित्सा को अपनाये जिससे शरीर का शुद्धिकरण होकर आपको शारीरिक तकलीफों निजात मिलेगी।
A. 250 ग्राम अजवाइन लेकर उसमें 5 ग्राम इलायची मिलाकर 2 लीटर पानी में उबालें। जब पानी लगभग आधा लीटर बचे तब इसे कांच की शीशी में भरकर रख लें।
हमें नशे का प्रयोग रोकने और तनाव से निपटने के अन्य तरीके खोजने चाहिए। शरीर को रिलैक्स करने के लिए अपना ध्यान एक्सरसाइज करने, कोई अच्छी किताब पढ़ने, बागवानी करने या स्वयंसेवक बन कर जरूरतमंदों की मदद करने में अपना कुछ समय लगा सकते हैं।
कोई भी सकारात्मक गतिविधि तनाव को दूर करने के लिए नशे का उपयोग करने से मन को हटाने में मदद करती है।ध्यान और योग को अपनाएं। ध्यान करने से मन शांत होता है, नियमित रूप से 20 मिनट का ध्यान करना आरम्भ करें। पंचकर्म चिकित्सा को अपनाये जिससे शरीर का शुद्धिकरण होकर आपको शारीरिक तकलीफों निजात मिलेगी।
4. शराब छुड़ाने के घरेलू उपाय -
A. 250 ग्राम अजवाइन लेकर उसमें 5 ग्राम इलायची मिलाकर 2 लीटर पानी में उबालें। जब पानी लगभग आधा लीटर बचे तब इसे कांच की शीशी में भरकर रख लें।
दिन में 2 बार या जब भी शराब पीने की इच्छा हो तो इसमें से 1 कप पानी पी लें। एक महीने तक ये पानी पीने से शराब की लत छूट जाती है। अपनी शराब छोड़ने की इच्छा शक्ति को मजबूत बनाये रखें।
B. अदरक के छोटे टुकड़े करके उसमें नींबू का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर धूप में सुखा लें फिर इसे किसी डिब्बी में भरकर अपने पास रखें। जब कभी नशे की तलब लगे तब इसमें से अदरक का एक टुकड़ा मुँह में रखकर चूसें। यह प्रयोग 2 -3 महीने लगातार करने से शराब पीने की आदत छूट जाती है।
C. होम्योपैथिक दवा सल्फर-200 (sulphur-200) की 4-5 बूँद प्रतिदिन खालीपेट 1 कप पानी में मिलाकर पीने से नशे की लत छुड़ाने में लाभ मिलता है। ज्यादा पुराने शराबी सल्फर-200 की जगह सल्फ़र -1000 का प्रयोग करें।
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A. अजवाइन, हल्की भूनी सौंफ, दालचीनी का छोटा टुकड़ा और 1 लौंग मिलाकर सुबह शाम सेवन करें। इस प्रयोग से लाभ होगा।
B. 50 ग्राम अजवायन में 50 ग्राम सौंफ और 25 ग्राम काला नमक मिलाकर बारीक पीस लें। फिर इसमें 4 चम्मच नींबू का रस मिलाकर धूप में सुखाकर किसी शीशी या कांच के बर्तन में रख दें। जब भी गुटखा, तम्बाकू या सिगरेट की तलब लगे तब थोड़ा सा चूर्ण मुँह में डाल कर चूसें। कुछ दिनों में तम्बाकू की लत छूट जाएगी।
C. सिगरेट की तलब शांत करने के लिए छोटी हरड़ मुँह में रखकर चूसें।रोजाना 4 चम्मच प्याज का रस पीने से सिगरेट गुटखा या तम्बाकू की तलब लगनी बंद हो जाती है।
यह एक शारीरिक और मानसिक समस्या है। शारीरिक समस्या से निपटने में उपरोक्त उपाय सहायक होंगे परन्तु मानसिक रूप से मजबूत और नशा छोड़ने के लिए दृढ संकल्पित हुए बिना सभी उपाय निष्फल साबित होंगे। अतः जीवन को गर्त में ले जाने वाली इस बुराई से मुक्त होने का संकल्प आज ही करें जिससे स्वयं के साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक दायित्व निर्वहन करने में सफल हो सकें।
आशा है ये आर्टिकल "How to Defeat Addiction- नशा कैसे छोड़ें" आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों और परिवार के अन्य सदस्यों को शेयर करें, जिससे वे भी नशे की बुराई से मुक्त हो सकें। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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B. अदरक के छोटे टुकड़े करके उसमें नींबू का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर धूप में सुखा लें फिर इसे किसी डिब्बी में भरकर अपने पास रखें। जब कभी नशे की तलब लगे तब इसमें से अदरक का एक टुकड़ा मुँह में रखकर चूसें। यह प्रयोग 2 -3 महीने लगातार करने से शराब पीने की आदत छूट जाती है।
C. होम्योपैथिक दवा सल्फर-200 (sulphur-200) की 4-5 बूँद प्रतिदिन खालीपेट 1 कप पानी में मिलाकर पीने से नशे की लत छुड़ाने में लाभ मिलता है। ज्यादा पुराने शराबी सल्फर-200 की जगह सल्फ़र -1000 का प्रयोग करें।
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5. तम्बाकू ,सिगरेट, गुटखा छुड़ाने के उपाय -
A. अजवाइन, हल्की भूनी सौंफ, दालचीनी का छोटा टुकड़ा और 1 लौंग मिलाकर सुबह शाम सेवन करें। इस प्रयोग से लाभ होगा।
B. 50 ग्राम अजवायन में 50 ग्राम सौंफ और 25 ग्राम काला नमक मिलाकर बारीक पीस लें। फिर इसमें 4 चम्मच नींबू का रस मिलाकर धूप में सुखाकर किसी शीशी या कांच के बर्तन में रख दें। जब भी गुटखा, तम्बाकू या सिगरेट की तलब लगे तब थोड़ा सा चूर्ण मुँह में डाल कर चूसें। कुछ दिनों में तम्बाकू की लत छूट जाएगी।
C. सिगरेट की तलब शांत करने के लिए छोटी हरड़ मुँह में रखकर चूसें।रोजाना 4 चम्मच प्याज का रस पीने से सिगरेट गुटखा या तम्बाकू की तलब लगनी बंद हो जाती है।
conclusion -
यहां बचाव ही बेहतर हथियार है। यदि कभी कभी नशा लेते हैं तो उसे पूरी तरह बंद कर दें वरना नशे का शैतान कब आपको पूरी तरह जकड़ लेगा इसका पता भी नहीं चलेगा। अगर इसके चंगुल में फंस गए हैं तो नशे की लत से मुक्ति तभी मिल सकती है जब आप स्वयं इस बुराई से मुक्त होना चाहें।यह एक शारीरिक और मानसिक समस्या है। शारीरिक समस्या से निपटने में उपरोक्त उपाय सहायक होंगे परन्तु मानसिक रूप से मजबूत और नशा छोड़ने के लिए दृढ संकल्पित हुए बिना सभी उपाय निष्फल साबित होंगे। अतः जीवन को गर्त में ले जाने वाली इस बुराई से मुक्त होने का संकल्प आज ही करें जिससे स्वयं के साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक दायित्व निर्वहन करने में सफल हो सकें।
आशा है ये आर्टिकल "How to Defeat Addiction- नशा कैसे छोड़ें" आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों और परिवार के अन्य सदस्यों को शेयर करें, जिससे वे भी नशे की बुराई से मुक्त हो सकें। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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