Home Remedies for High BP- बीपी ठीक करें -बिना दवा के
आज के मॉडर्न लाइफ स्टाइल और प्रतियोगिता से भरे जीवन की देन है ब्लड प्रेशर की बीमारी। इस बीमारी का कारण, हमारे खान पान में बदलाव और जीवन में बढ़ता तनाव भी है। फ़ास्ट लाइफ स्टाइल के कारण लोगों के पास स्वास्थ्यप्रद भोजन लेने का समय नहीं रहा और वे इसकी जगह फ़ास्ट फ़ूड को अपना रहे हैं, जो शरीर के लिये हानिकारक है।
आज के समय में अधिकतर लोग स्ट्रेस में रहते हैं। स्ट्रेस का कारण अति महत्वाकांक्षा, काम का अत्यधिक दबाव, बेरोजगारी, पारिवारिक समस्या आदि कुछ भी हो सकता है। यही वजह है कि आज उच्च रक्तचाप या हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप का मतलब हमारे शरीर की रक्त वाहिनियों पर रक्त के दबाव का बढ़ जाना होता है। इससे हमारे हार्ट यानि हृदय तंत्र पर अधिक जोर पड़ता है और उसका आकार भी बढ़ जाता है।ब्लड प्रेशर (BP) का अचानक बढ़ना शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर आपका बीपी लेवल 120/ 80 आता है तो यह आइडियल है। इससे कम होने पर लो ब्लड प्रेशर और इससे ज्यादा होने पर इसे हाई बीपी कहा जाता है।
हाई बीपी में आमतौर सरदर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होना व सीढियाँ चढ़ने जैसे थोड़े परिश्रम में ही सांस फूलने की शिकायत होना, नींद ना आना, शरीर में शिथिलता, दिल के आसपास दर्द रहना और सुबह उठने पर गर्दन के पीछे दर्द होना जैसी शिकायतें होती हैं।
लगातार बढे हुए ब्लडप्रेशर के दुष्प्रभाव से गुर्दे की बीमारियाँ, ह्रदय रोग और ब्रेन हेमरेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर की वजह से लकवा (पेरेलेसिस) और हार्ट अटैक की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है।
हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी के शिकार लोग इसे ठीक करने के लिए मेडिसिन लगातार खा रहे हैं, लेकिन बीमारी खत्म नहीं हो रही है। क्योंकि एलोपैथिक दवाइयां लक्षणों (सिम्टम्स) पर काम करती हैं, बीमारी की जड़ पर असर नहीं दिखा पाती। इसलिए मरीज़ को इन दवाइयों का लगातार सेवन करना होता है जो कुछ समय बाद कई तरह के साइड इफेक्ट हमारे शरीर में पैदा करके दूसरे अन्य रोग पैदा करती है।
दवाइयों की जगह लाइफस्टाइल में बदलाव करके और नेचुरल तरीके अपनाकार इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। शरीर में जमे दूषित पदार्थो को बाहर निकालने और बढ़ा हुआ वजन कम करने के लिए घरेलू और प्राकृतिक उपचार से बेहतर और कुछ नहीं है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये घरेलू तरीके।
आज के समय में अधिकतर लोग स्ट्रेस में रहते हैं। स्ट्रेस का कारण अति महत्वाकांक्षा, काम का अत्यधिक दबाव, बेरोजगारी, पारिवारिक समस्या आदि कुछ भी हो सकता है। यही वजह है कि आज उच्च रक्तचाप या हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
हाई ब्लड प्रेशर क्या है और इसके प्रभाव -
हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप का मतलब हमारे शरीर की रक्त वाहिनियों पर रक्त के दबाव का बढ़ जाना होता है। इससे हमारे हार्ट यानि हृदय तंत्र पर अधिक जोर पड़ता है और उसका आकार भी बढ़ जाता है।ब्लड प्रेशर (BP) का अचानक बढ़ना शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर आपका बीपी लेवल 120/ 80 आता है तो यह आइडियल है। इससे कम होने पर लो ब्लड प्रेशर और इससे ज्यादा होने पर इसे हाई बीपी कहा जाता है।
हाई बीपी में आमतौर सरदर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होना व सीढियाँ चढ़ने जैसे थोड़े परिश्रम में ही सांस फूलने की शिकायत होना, नींद ना आना, शरीर में शिथिलता, दिल के आसपास दर्द रहना और सुबह उठने पर गर्दन के पीछे दर्द होना जैसी शिकायतें होती हैं।
लगातार बढे हुए ब्लडप्रेशर के दुष्प्रभाव से गुर्दे की बीमारियाँ, ह्रदय रोग और ब्रेन हेमरेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर की वजह से लकवा (पेरेलेसिस) और हार्ट अटैक की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है।
दवाइयों की जगह लाइफस्टाइल में बदलाव करके और नेचुरल तरीके अपनाकार इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। शरीर में जमे दूषित पदार्थो को बाहर निकालने और बढ़ा हुआ वजन कम करने के लिए घरेलू और प्राकृतिक उपचार से बेहतर और कुछ नहीं है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये घरेलू तरीके।
हाई BP दूर करने के घरेलू तरीके (Home Remedies for High BP)
1. नियमित व्यायाम व योग करें -
अगर आपको अपना काम करते हुए लम्बे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है और आप हाई बीपी के शिकार हैं तो इसे ठीक करने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम व योग को जोड़ना होगा। बिना शारीरिक परिश्रम के आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं आ पायेगा। केवल दवाइयों से इसका इलाज करने की जगह रोजाना सुबह या शाम को तेज़ वाक करें साथ ही कुछ सरल एक्सरसाइज अपनी क्षमता अनुसार करें। इससे मोटापा भी कम होगा जो हाई बीपी का एक कारण है।दिन में सिर्फ 30 मिनट चलना आपके रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। व्यायाम करने से आपके हार्ट को रक्त पंप करने के लिए मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और बढा हुआ रक्तचाप कंट्रोल होगा।योग और प्राणायाम को अपनाकर आप इस बीमारी को दूर भगा सकते हैं। बहुत से हाई ब्लड प्रेशर के मरीज केवल योग और प्राणयाम की सहायता से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। अन्य आसनों के साथ शवासन करना बीपी के मरीज के लिए काफी फायदेमंद है।
2. ध्यान (Meditation) करें -
अध्ययन से पता चलता है कि ध्यान की विभिन्न शैलियों से रक्तचाप कम होने के लाभ दिखाई देते हैं। ध्यान को तनाव कम करने की तकनीक कह सकते हैं, ध्यान और गहरी साँस लेने से पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र सक्रिय होता है। मैडिटेशन से शरीर के शिथिल होने के साथ मस्तिष्क में विचार कम होने लगते हैं। जिससे शांति मिलती है और हृदय गति धीमी होने के साथ बढ़ा हुआ रक्तचाप कम होने लगता है। ध्यान विधियों की जानकारी ओशो के ऑडियो वीडियो से ले सकते हैं।गहरी सांस लेने की तकनीक भी ब्लड प्रेशर कम करने में प्रभावी हो सकती है।एक अध्ययन में, प्रतिभागियों के एक ग्रुप को 30 सेकंड के दौरान 6 गहरी साँस लेने के लिए कहा गया और दूसरे ग्रुप को 30 सेकंड के लिए स्थिर बैठने के लिए कहा गया। जिन लोगों ने गहरी सांस ली, उनका रक्तचाप उन लोगों की तुलना में कम हो गया कर दिया जो सिर्फ बैठे थे।
3. स्ट्रेस मैनेजमेंट करना सीखें -
तनाव, उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारक है। जब आप तनावग्रस्त होते हैं तो आपका शरीर एक निरंतर लड़ाई मोड में होता है। जिससे रक्त वाहिकायें संकुचित होकर हृदय गति तेज हो जाती है। साथ ही जब आप तनाव का अनुभव करते हैं, तो आपके व्यसन में संलग्न होने की अधिक संभावना होती है जैसे कि शराब पीना, धूम्रपान और तम्बाकू सेवन करना जो रक्तचाप को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।कई अध्ययनों से पता चला है कि तनाव कम करके आप अपने बढ़े हुए रक्तचाप को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप मधुर संगीत सुन सकते हैं। अनुसंधान से सिद्ध हो चुका है कि संगीत सुनना, रक्तचाप चिकित्सा के लिए एक प्रभावी पूरक है।
तनावपूर्ण काम की स्थिति, उच्च रक्तचाप से जुड़ी होती है। इसलिए बहुत अधिक काम करने से बचना उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है। अगर चिंता या तनाव से आपका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ रहा हो तो आप लेट जाएं या आराम से बैठ जाएं। ऐसी स्थिति में धीमी, गहरी सांस लेते हुए शांत रहें। इससे अचानक बढ़ें ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलेगी।
तनाव का एक कारण आपकी इच्छा के अनुसार कार्य के परिणाम का न हो पाना भी होता है। इस संबंध में भगवान श्रीकृष्ण का दिया हुआ सूत्र याद रखें - "आप अपना कर्म श्रेष्ठता से करें परन्तु कर्मफल की व्यर्थ चिंता न करें।" यदि तनाव से बचना है तो किसी से यह अपेक्षा न करें कि वह आपके हिसाब से कार्य करेगा। आप केवल स्वयं को बदल सकते हैं, किसी दूसरे व्यक्ति, परिस्थिति अथवा घटना के बारे में सोचकर तनाव लेने से बचें।
4. नमक का सेवन कम करें -
कई अध्ययनों में नमक को उच्च रक्तचाप और हृदय की बीमारियों का कारण बताया गया है। दुनिया भर में नमक के अधिक सेवन का कारण प्रोसेस्ड फ़ूड भी है, जिसमें नमक अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है।इसलिए प्रोसेस्ड फ़ूड, चिप्स, नमकीन के सेवन से बचें और ताजा खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। भोजन में अतिरिक्त नमक डालकर खाने की आदत बंद करते हुए, अभी जितना नमक खाते हैं, उसकी मात्रा आधी कर दें।
5. खानपान सुधारें -
उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार के लिए हमें फलों और सब्जियों का ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए। बेहतर होगा कि अपने हर भोजन से पहले सलाद खाएं। सलाद में प्याज इस्तेमाल किया जाता है, इसमें क्वेरसेटिन नामक फ्लेवोनॉयड्स होता है, जो रक्त वाहिकाओं को पतला करने में मदद करता है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर को तुरंत कम किया जा सकता है।फलों में जामुन, तरबूज, संतरा, नासपाती और सेब का ज्यादा सेवन करें।बेहतर स्वास्थ्य के लिए चावल, चीनी और मैदा से बने खाद्य पदार्थ कम खाएं।
इसके अलावा बाहर का तला हुआ खाना, कोल्ड ड्रिंक और मीठी चीजों का सेवन भी जितना हो सके उतना कम करना चाहिए।
नॉन वेज फ़ूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में होता है अतः स्वस्थ रहना है तो इसका सेवन बंद करें। हाई ब्लडप्रेशर की समस्या होने पर शराब और सिगरेट का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए। विश्व में हाई ब्लडप्रेशर के 16% से अधिक मामले केवल शराब के सेवन से देखे गए हैं।
शरीर बेहतर तरीके से काम करे इसके लिए बेहद जरूरी है कि पानी पर्याप्त मात्रा में पियें। पानी पीने में कटौती करने से शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है इससे बचने लिए काम करते समय भी पानी की बोतल अपने पास रखें। इसके अलावा जूस या नींबू पानी जैसे पेय पदार्थों का सेवन कर सकते हैं जिससे कमजोरी महसूस न हो। लगातार चक्कर आने या सिर घूमने जैसा महसूस हो रहा हो तो पानी की मात्रा बढ़ा दें।
लहसुन की रोजाना 2 से 3 कली कच्ची खायें या इसे बारीक़ काटकर पानी के साथ निगल सकते हैं। लेकिन अगर आपको इसे कच्चा खाना पंसद नहीं है तो आप इसे अपने फूड में मिलाकर ले सकते हैं। यह आपके बढे हुए रक्तचाप को तेजी से ठीक करता है साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
लगातार कुछ दिनों तक गुड़हल की चाय का सेवन करने से हाइ ब्लडप्रेशर की समस्या ठीक करने में काफी मदद मिलती है। इसे बनाने के लिए गुड़हल के फूल की जरुरत होगी, लम्बे समय तक इसका इस्तेमाल करने के लिए आप चाहे तो गुड़हल के फूलों का पावडर बनाकर रख सकते हैं। आजकल मार्केट में गुड़हल की चाय (हिबिसकस टी) भी उपलब्ध है।
गुड़हल के फूलों का उपयोग करने के लिए 2 ताजे फूल लेकर इसके मध्य का ट्यूब जैसा भाग और नीचे का हरा भाग अलग कर दें। केवल फूल की पंखुड़ियों को लेकर उसमें उबलता हुआ गर्म पानी डालें फिर इसे छानकर इसमें थोड़ा शहद व नींबू मिलाकर पियें।
A. यदि आपको लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है और अचानक कमजोरी महसूस हो रही हो तो लो बीपी से तात्कालिक राहत पाने के लिए एक कप स्ट्रांग जल्द कॉफी पिएं। इससे ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ जाएगा।
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B. तुलसी की पत्तियां, लो ब्लड प्रेशर के इलाज में प्रभावी हैं। तुलसी की पत्तियों का रस निकालकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से फायदा होगा।
C. चुकंदर का जूस लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने में मददगार है। इसका जूस पीने से ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है।
D. मुलेठी के पाउडर की चाय पीने से भी ब्लड प्रेशर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
E. छाछ में सेंधा नमक, पिसा भुना हुआ जीरा और हींग मिलाकर पीने से भी ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
F. दालचीनी के पाउडर को गर्म पानी के साथ लेने से भी आपको इस समस्या में फायदा मिल सकता है।
नोट - उपरोक्त उपायों को करने से पहले अपने रोग, उम्र और शारीरिक स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
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शरीर बेहतर तरीके से काम करे इसके लिए बेहद जरूरी है कि पानी पर्याप्त मात्रा में पियें। पानी पीने में कटौती करने से शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है इससे बचने लिए काम करते समय भी पानी की बोतल अपने पास रखें। इसके अलावा जूस या नींबू पानी जैसे पेय पदार्थों का सेवन कर सकते हैं जिससे कमजोरी महसूस न हो। लगातार चक्कर आने या सिर घूमने जैसा महसूस हो रहा हो तो पानी की मात्रा बढ़ा दें।
6. लहसुन का सेवन करें -
हाई ब्लड प्रेशर में लहसुन का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। यह रक्त का थक्का जमने से रोकता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। पारंपरिक उपचारों के साथ लहसुन का उपयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता है।लहसुन की रोजाना 2 से 3 कली कच्ची खायें या इसे बारीक़ काटकर पानी के साथ निगल सकते हैं। लेकिन अगर आपको इसे कच्चा खाना पंसद नहीं है तो आप इसे अपने फूड में मिलाकर ले सकते हैं। यह आपके बढे हुए रक्तचाप को तेजी से ठीक करता है साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
7. गुड़हल का फूल (हिबिस्कस) का उपयोग करें -
हिबिस्कस के फूल एंथोसायनिन और पॉलीफेनोल्स से भरपूर होते हैं जो आपके दिल के लिए अच्छे हैं और रक्तचाप को कम कर सकते हैं। गुड़हल के फूल से एक स्वादिष्ट चाय बनाते हैं। शरीर के बढे हुए ब्लडप्रेशर को ठीक करने के लिए आज दुनिया भर में गुड़हल के फूलो का इस्तमाल किया जा रहा है।लगातार कुछ दिनों तक गुड़हल की चाय का सेवन करने से हाइ ब्लडप्रेशर की समस्या ठीक करने में काफी मदद मिलती है। इसे बनाने के लिए गुड़हल के फूल की जरुरत होगी, लम्बे समय तक इसका इस्तेमाल करने के लिए आप चाहे तो गुड़हल के फूलों का पावडर बनाकर रख सकते हैं। आजकल मार्केट में गुड़हल की चाय (हिबिसकस टी) भी उपलब्ध है।
गुड़हल के फूलों का उपयोग करने के लिए 2 ताजे फूल लेकर इसके मध्य का ट्यूब जैसा भाग और नीचे का हरा भाग अलग कर दें। केवल फूल की पंखुड़ियों को लेकर उसमें उबलता हुआ गर्म पानी डालें फिर इसे छानकर इसमें थोड़ा शहद व नींबू मिलाकर पियें।
8. जामुन खाएं -
जामुन न सिर्फ रसदार फल है बल्कि हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। जामुन का सेवन न सिर्फ ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है बल्कि यह मधुमेह में भी बहुत फायदेमंद है। जामुन पॉलीफेनोल में समृद्ध हैं, जो हृदय रोग के समग्र जोखिम को कम करने में मदद करता है।लो बीपी में यह उपाय करें -
ज्यादातर लोग हाई बीपी के शिकार होते हैं परन्तु कुछ लोग लो बीपी की समस्या से पीड़ित होते हैं। लो बीपी में ब्रेन तक रक्त कम पहुंचने से उसे मिलने वाले ऑक्सिजन और जरूरी पोषक तत्व में रूकावट आ जाती है, इससे बेचैनी बढ़ जाती है और चक्कर आने लगते हैं, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, हाथ पैर ठंडे पड़ना, कुछ पल के लिए बेहोशी ये सभी निम्न रक्तचाप के लक्षण हैं। लो ब्लड प्रेशर को घरेलू नुस्खों के जरिए ठीक करने के लिए करें इन उपायों को करें -A. यदि आपको लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है और अचानक कमजोरी महसूस हो रही हो तो लो बीपी से तात्कालिक राहत पाने के लिए एक कप स्ट्रांग जल्द कॉफी पिएं। इससे ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ जाएगा।
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B. तुलसी की पत्तियां, लो ब्लड प्रेशर के इलाज में प्रभावी हैं। तुलसी की पत्तियों का रस निकालकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से फायदा होगा।
C. चुकंदर का जूस लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने में मददगार है। इसका जूस पीने से ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है।
D. मुलेठी के पाउडर की चाय पीने से भी ब्लड प्रेशर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
E. छाछ में सेंधा नमक, पिसा भुना हुआ जीरा और हींग मिलाकर पीने से भी ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
F. दालचीनी के पाउडर को गर्म पानी के साथ लेने से भी आपको इस समस्या में फायदा मिल सकता है।
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