Steroids Body building- बॉडी बिल्डिंग में स्टेरॉयड का दुष्प्रभाव
शरीर को स्वस्थ एवं आकर्षक बनाये रखने के लिए व्यायाम (एक्सरसाइज) आवश्यक है। बॉडी बिल्डिंग के लिए पहले अखाड़ों में जाकर विभिन्न प्रकार के व्यायाम करने के साथ कुश्ती का अभ्यास किया जाता था।
आज अखाड़े की जगह जिम जाने का चलन बढ़ता जा रहा है, जिसका मकसद बॉलीवुड या हॉलीवुड के हीरो की तरह के सिक्स पैक लुक पाने की इच्छा ही मुख्य है। आज का युवा अपने आदर्श हीरो की तरह सिक्स पैक एब्स और मसल्स बनाना चाहता है परन्तु उतनी मेहनत और समय नहीं देना चाहता जितनी इसके लिए आवश्यक होती है।
सही ढंग से बॉडी को आकर्षक शेप में लाने के लिए नियमित रूप से कुछ घंटों का व्यायाम और सही डाइट की आवश्यकता होती है। इसमें धैर्य पूर्वक शरीर के ख़ास भागों के मसल्स उभरने की प्रतीक्षा भी करनी पड़ती है। परन्तु आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में हर चीज़ की तरह फिटनेस भी फास्ट चाहिए।
युवाओं की इसी सोच का फायदा कुछ जिम ट्रेनर उठाने से नहीं चूकते।ये लोग युवाओं को जल्दी सिक्स पैक एब्स बनाने के लिये स्टेरॉयड और सप्लीमेंट का सहारा लेने की सलाह देते हैं। जिसकी सप्लाई ये जिम ट्रेनर स्वयं करते हैं और मोटा मुनाफा कमाते हैं।
बॉडी बनाने के चक्कर में फंसा युवा इस बात को नहीं समझ पाता कि बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड लेना उसके लिए कितना घातक साबित हो सकता है जबकि चिकित्सकीय देखरेख में लेने पर एनाबॉलिक स्टेरॉयड के लाभकारी प्रभाव हो सकते हैं।
युवा कई बार जिम इंस्ट्रक्टर की सलाह पर शरीर के मसल्स में उभार लाने के लिए हाईप्रोटीन सप्लीमेंट, स्टेरॉयड एवं हार्मोन के इंजेक्शन लेने लगते हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव के कारण ये लोग किडनी फेल्योर के अलावा लीवर के कैंसर जैसी घातक बीमारियों के शिकार बन जाते हैं।
बॉडी बनाने के चक्कर में फंसा युवा इस बात को नहीं समझ पाता कि बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड लेना उसके लिए कितना घातक साबित हो सकता है जबकि चिकित्सकीय देखरेख में लेने पर एनाबॉलिक स्टेरॉयड के लाभकारी प्रभाव हो सकते हैं।
युवा कई बार जिम इंस्ट्रक्टर की सलाह पर शरीर के मसल्स में उभार लाने के लिए हाईप्रोटीन सप्लीमेंट, स्टेरॉयड एवं हार्मोन के इंजेक्शन लेने लगते हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव के कारण ये लोग किडनी फेल्योर के अलावा लीवर के कैंसर जैसी घातक बीमारियों के शिकार बन जाते हैं।
जानकार मानते हैं कि स्टेरॉयड से पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन में कमी, नपुंसकता, हार्मोन से जुड़ी बीमारियां और हार्ट अटैक तक हो सकता है।
स्टेरॉयड क्या हैं?
स्टेरॉयड के दुरुपयोग का समाचार अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के समय सुर्खियों में बना रहता है क्योंकि एथलीट और बॉडीबिल्डर अवैध रूप से खेल मैदान पर लाभ प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। खेल में अच्छा प्रदर्शन दिखाने के लिए एनाबॉलिक स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है। इन दवाओं या एनाबॉलिक स्टेरॉयड को मौखिक रूप से या इंजेक्शन द्वारा लिया जाता है जो अतिरिक्त टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करने के लिए शरीर के हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित करते हैं।
1. महिलाओं में इसके दुष्प्रभाव से मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, आवाज का भारी होना और गंजापन भी देखा जा सकता है। त्वचा में वसामय ग्रंथियों की बढ़ती संख्या के कारण चेहरे पर मुँहासे भी देखे जाते हैं।
2. स्टेरॉयड से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि, और रक्त शर्करा में वृद्धि हो सकती है। इससे हृदय (हार्ट) को कई तरह के नुकसान का रिस्क होता है। शरीर में अतिरिक्त स्टेरॉयड के जवाब में, हृदय की मांसपेशी शरीर में किसी भी अन्य मांसपेशी की तरह बढ़ सकती है। इससे हृदय की पंपिंग क्षमता और हृदय प्रणाली में परिवर्तन के कारण धड़कन का बढ़ जाना और संभवतः अचानक हार्ट फेल भी हो सकता है।
3. स्टेरॉयड के मनोरोग प्रभाव से स्वभाव में उत्तेजना और आक्रामकता देखी जाती है जिसका परिणाम उग्र क्रोध के वशीभूत होकर ऐसा व्यक्ति हिंसात्मक हो सकता है। इसके अन्य प्रभाव में अवसाद (डिप्रेशन) शामिल हैं, यह डिप्रेशन आत्महत्या की ओर ले जा सकता है।
4. बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड लेने से शरीर का आंतरिक संतुलन गड़बड़ा जाता है। स्टेरॉयड शरीर में प्रोटीन को सक्रिय करता है, इससे मांसपेशियां फूल जाती है और शरीर सुडौल दिखता है। लेकिन ये श्वेत रक्त कणिकाओं पर बुरा असर डालता है, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। ऐसे में शरीर बाहर से फूला हुआ दिखता है परन्तु अंदर से खोखला हो जाता है।
स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव से मौत होने के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं जिनमें से एक है - मि. कैलिफ़ोर्निया रह चुके बॉडी बिल्डर रिच पियाना की मौत का। ये अपने घर में बेहोश होकर गिर गए थे, हॉस्पिटल में कुछ दिन कोमा में रहने के बाद इनकी मृत्यु हुई। एक इंटरव्यू में इन्होंने स्टेरॉयड सेवन की बात स्वीकार की थी।
स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव का एक उदाहरण हाल ही में रायपुर में देखने को मिला। रायपुर के युवक संदीप ठाकुर ने बॉडी बनाने के लिए एक जिम ज्वाइन किया और जल्दी मसल्स उभारने के लिए अपने जिम ट्रेनर की सलाह पर उसने स्टेरॉइड्स वाली दवा के इंजेक्शन लेना शुरू किया था। यह सिलसिला कुछ माह तक चलता रहा फिर दवाओं के असर से संदीप की तबियत बिगड़ने लगी।
जब संदीप की शारीरिक परेशानी बहुत बढ़ने लगी और उसे दिखाई पड़ना भी कम हो गया तो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 2 सप्ताह तक गहन चिकित्सा कक्ष में उसका इलाज चला परन्तु अंततः उसकी मृत्यु हो गई। जांच करने पर उसके रूम से घोड़ों को लगने वाले इंजेक्शन बरामद किये गए।
बॉडी बिल्डिंग में स्टेरॉयड का दुष्प्रभाव
मांसपेशियों के आकार को बढ़ाने के लिए एनाबॉलिक स्टेरॉयड का प्रयोग किया जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह पर करना चाहिए। लेकिन ज्यादातर युवा जल्दी से जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में बिना एक्सपर्ट की सलाह लिए इसका प्रयोग करते हैं, इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।1. महिलाओं में इसके दुष्प्रभाव से मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन, आवाज का भारी होना और गंजापन भी देखा जा सकता है। त्वचा में वसामय ग्रंथियों की बढ़ती संख्या के कारण चेहरे पर मुँहासे भी देखे जाते हैं।
2. स्टेरॉयड से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि, और रक्त शर्करा में वृद्धि हो सकती है। इससे हृदय (हार्ट) को कई तरह के नुकसान का रिस्क होता है। शरीर में अतिरिक्त स्टेरॉयड के जवाब में, हृदय की मांसपेशी शरीर में किसी भी अन्य मांसपेशी की तरह बढ़ सकती है। इससे हृदय की पंपिंग क्षमता और हृदय प्रणाली में परिवर्तन के कारण धड़कन का बढ़ जाना और संभवतः अचानक हार्ट फेल भी हो सकता है।
3. स्टेरॉयड के मनोरोग प्रभाव से स्वभाव में उत्तेजना और आक्रामकता देखी जाती है जिसका परिणाम उग्र क्रोध के वशीभूत होकर ऐसा व्यक्ति हिंसात्मक हो सकता है। इसके अन्य प्रभाव में अवसाद (डिप्रेशन) शामिल हैं, यह डिप्रेशन आत्महत्या की ओर ले जा सकता है।
4. बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड लेने से शरीर का आंतरिक संतुलन गड़बड़ा जाता है। स्टेरॉयड शरीर में प्रोटीन को सक्रिय करता है, इससे मांसपेशियां फूल जाती है और शरीर सुडौल दिखता है। लेकिन ये श्वेत रक्त कणिकाओं पर बुरा असर डालता है, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। ऐसे में शरीर बाहर से फूला हुआ दिखता है परन्तु अंदर से खोखला हो जाता है।
स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव से मौत होने के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं जिनमें से एक है - मि. कैलिफ़ोर्निया रह चुके बॉडी बिल्डर रिच पियाना की मौत का। ये अपने घर में बेहोश होकर गिर गए थे, हॉस्पिटल में कुछ दिन कोमा में रहने के बाद इनकी मृत्यु हुई। एक इंटरव्यू में इन्होंने स्टेरॉयड सेवन की बात स्वीकार की थी।
स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव का एक उदाहरण हाल ही में रायपुर में देखने को मिला। रायपुर के युवक संदीप ठाकुर ने बॉडी बनाने के लिए एक जिम ज्वाइन किया और जल्दी मसल्स उभारने के लिए अपने जिम ट्रेनर की सलाह पर उसने स्टेरॉइड्स वाली दवा के इंजेक्शन लेना शुरू किया था। यह सिलसिला कुछ माह तक चलता रहा फिर दवाओं के असर से संदीप की तबियत बिगड़ने लगी।
जब संदीप की शारीरिक परेशानी बहुत बढ़ने लगी और उसे दिखाई पड़ना भी कम हो गया तो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 2 सप्ताह तक गहन चिकित्सा कक्ष में उसका इलाज चला परन्तु अंततः उसकी मृत्यु हो गई। जांच करने पर उसके रूम से घोड़ों को लगने वाले इंजेक्शन बरामद किये गए।
इस मामले में रायपुर के आजाद चौक थाने में केस दर्ज किया गया, साथ ही आरोपी जिम ट्रेनर सुमित राय चौधरी को पुलिस ने जेल भेजने की कार्यवाही करते हुए दवा सप्लायर दूसरे आरोपी मुंबई निवासी नीलेश परमार की तलाश तेज़ कर दी है।
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Conclusion -
एक्सरसाइज एवं योग शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन इसे विकृत करके स्टेरॉइड्स वाली दवा के इंजेक्शन लेकर बॉडी बनाने की जल्दबाज़ी नहीं करना चाहिए। हर व्यक्ति के शरीर की बनावट और उनकी जरूरत अलग होती है।
ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़े लोगों का पेशा ही शरीर प्रदर्शन पर निर्भर होता है, उन्हें अपने सिक्स पैक एब्स दिखाने का ही पैसा मिलता है। इसके लिए ये लोग एक्सपर्ट की मदद लेते हैं, जो इन्हें ख़ास तरह की एक्सरसाइज और डाइट प्लान बताते हैं।
आमतौर पर एक स्वस्थ मनुष्य को किसी भी फूड सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती। परन्तु बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों को प्रोटीन, सोडियम, काबोर्हाइड्रेट और पोटेशियम की ज्यादा आवश्यकता होती है, इसे विषेशज्ञ की राय से खानपान में बदलाव करके पूरा किया जा सकता है।
आमतौर पर एक स्वस्थ मनुष्य को किसी भी फूड सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती। परन्तु बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों को प्रोटीन, सोडियम, काबोर्हाइड्रेट और पोटेशियम की ज्यादा आवश्यकता होती है, इसे विषेशज्ञ की राय से खानपान में बदलाव करके पूरा किया जा सकता है।
जिम ज्वाइन करने से पहले वहां के ट्रेनर की योग्यता के बारे में पूछतांछ करके आश्वस्त हो लें। बेहतर है कि जब तक पेशे की जरूरत न हो तब तक किसी दूसरे के सिक्सपैक वाला शरीर देखकर, वैसा अपना शरीर बनाने के बजाय अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए हमें समुचित व्यायाम, योग, पैदल चलने और समुचित आहार जैसे उपायों को अपनाना चाहिए।
आशा है ये आर्टिकल "Steroids Body building- बॉडी बिल्डिंग में स्टेरॉयड का दुष्प्रभाव" आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों तक शेयर करें। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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