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Saturday, 9 November 2019

Sugar apple- Sitafal ke fayde aur nuksan

Sugar apple- Sitafal ke fayde aur nuksan

आयुर्वेद के अनुसार सीताफल पौष्टिक, बल वीर्यवर्धक, पित्त नाशक, तृप्ति देने वाला, रक्तवर्धक तथा ह्रदय के लिए हितकारी होता है।सीताफल (sugar apple) का पेड़ भारत में समुद्रतल से 900 मीटर की ऊंचाई तक प्राप्त होता है। 

   सीताफल के पेड़ ऊंचाई में 3 से 8 मीटर तक हो सकते हैं,  इसमें बहुत सी शाखाएं होती हैं जिनके कारण यह झाड़ी नुमा दिखाई देता है। अपने रंग-रूप के कारण सीताफल, अन्य सभी फलों से थोड़ा विशेष बन जाता है। भारत में सीताफल या शुगर एप्‍पल का एक और नाम प्रचलित है - वह है शरीफा (sarifa)। इसके अलावा सीताफल के अन्य नाम हैं - कृष्णबीज और जानकी फल। 
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   एक मान्यता के अनुसार भगवान राम के वनवास के समय यह फल सीताजी को बहुत प्रिय था और उन्होंने अधिकतर यही फल खाकर वनवास निकाला था,  इसलिए इसका नाम सीताफल पड़ा।  कुछ लोगों का मानना है की इस फल का यह नाम संस्कृत भाषा के शब्द "शीत" से बना है जिसका अर्थ होता है -ठंडा। इसी शीत शब्द का अपभ्रंश है - सीता।  क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका नाम सीताफल पड़ा

     यह फल पकने से पहले हरे और पकने के बाद हल्‍के पीले- हरे रंग का होता है। इस फल में अलग-अलग कलियां होती हैं जो एक दूसरे से जुड़ी हुई रहती हैं।  ऊपर से देखने पर सीताफल थोड़ा खुरदुरा-सा लगता है, लेकिन अंदर का भाग मुलायम होता है। 

  इस फल में पाया जाने वाला गूदा  (Pulp)  सुगंधित और सफेद रंग का होता है जो कि मीठा और बहुत स्वादिष्ट होता है। इस फल की सभी कलियों में चमकदार काले या गहरे भूरे रंग के बीज होते हैं जो कि जहरीले (Toxic) होते हैं। 
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   सीता फल को शुगर एप्‍पल (sugar apple) के नाम से भी जाना जाता है। सीताफल का वैज्ञानिक नाम एनोना स्क्वमोसा (Annona squamosa) है। सीताफल (shareefa fruit) ठंड के मौसम में आसानी से मिलने वाला फल है।  
  
   सीताफल की पैदावार के लिए छत्तीसगढ़ का वातावरण काफी अनुकूल है। इसी कारण इस क्षेत्र में सीताफल का उत्पादन अच्छी मात्रा में होता है और पूरे देश में यहाँ से इसकी आपूर्ति की जाती है। छत्तीसगढ़ के अलावा सीताफल की खेती मुख्यतः उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, और असम में की जाती है।


    सीताफल का अनोखा मीठा स्वाद सभी को पसंद आता है। आजकल सीताफल की आइसक्रीम और शेक बहुत चलन में है। सीता फल के औषधीय गुणों के कारण इसके बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हैं। इसमें पोटैशियम, मैगनीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्‍व मौजूद रहते हैं जो रक्‍तचाप, हृदय रोग (heart disease), मधुमेह, कब्ज़ और एनिमिया जैसी समस्‍याओं को नियंत्रित करने के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के उपचार में मदद करता है। 

  आइये जानते हैं सीताफल खाने के फायदे और इसके सेवन संबंधी सावधानियों के बारे में।  

सीताफल (Custard Apple) के फायदे -

1. हृदय रोग से बचाने में -

हृदय के अच्छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सीताफल का सेवन किया जा सकता है।   इसमें ऐसे बहुत से पोषक तत्‍व मौजूद रहते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण होते हैं। सीताफल में मौजूद पोटेशियम और मैग्नेशियम ह्रदय के लिए लाभदायक होते हैं। 

  मैग्‍नीशियम (Magnesium) हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ तंत्रिका तंत्र को आराम देता है। सीताफल में फाइबर भी अच्छी मात्रा में होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल कम होकर ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है। 

   व्यायाम रहित अनियमित जीवनशैली के कारण हमारे शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है।  लेकिन यदि सीताफल का उचित मात्रा में सेवन किया जाता है तो इसमें मौजूद नियासिन (Niacin) खराब कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को 20% तक कम कर सकता है। 

  इसके साथ ही यह  अच्‍छे कोलेस्‍ट्रोल के स्‍तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो हमारी धमनियों (Arteries) को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस कारण दिल के दौरे और स्‍ट्रोक (Heart attack and stroke) की संभावनाओं को कम किया जा सकता है।
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2. उच्‍च रक्‍तचाप को कम करे -  

आधुनिक जीवन शैली और खान पान की गलत आदतों के चलते उच्‍च रक्‍तचाप (हाई-ब्‍लड प्रेशर), बहुत गंभीर समस्‍या का रूप ले चुका है। लेकिन सीताफल इस समस्‍या का समाधान करने में हमारी मदद कर सकता है। सीताफल एक ऐसा फल है जिसमें केले की अपेक्षा पोटेशियम की अधिक मात्रा में पाया जाता है।

  पोटेशियम दिल को स्‍वस्‍थ्‍य रखकर आपके शरीर में रक्‍त का प्रवाह संतुलित रखता है। इसलिए उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या से ग्रस्त लोग सीताफल का सेवन करके लाभ ले सकते हैं।


3. कमजोरी और थकान मिटाए -

मैग्नीशियम की कमी से कमजोरी और थकान ज्यादा महसूस होती है। मैग्नेशियम शरीर में पानी की मात्रा को सन्तुलित रखता है, इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

  सीताफल के सेवन से कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं दूर हो सकती है। सीताफल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

   सीजन में नियमित रूप से सीताफल का सेवन करने से विटामिन B प्राप्‍त होता है जो थ‍कान को मिटाने मे मदद करता है। इसका सेवन शरीर को ऊर्जावान बनाये रखता है। सीताफल खाने से मन प्रसन्न होता है। यह मानसिक शांति देता है तथा डिप्रेशन और तनाव को दूर करता है।

4. आँखों के लिए फायदेमंद -

सीताफल में पाए जाने वाले विटामिन A, विटामिन C तथा राइबोफ्लेविन के कारण यह आँखों के लिए बहुत लाभकारी है। सीताफल का सेवन, नेत्रशक्ति को ठीक करता है और आँखों के रोगों से बचने में हमारी मदद करता है। इसलिए यदि आँखों को स्वस्थ बनाये रखना है तो सीताफल का सेवन करें। 

5. एनीमिया दूर करे -

रक्त में आयरन की कमी के कारण एनीमिया नामक बीमारी होती है।  इसके लक्षणों में चक्‍कर आना, थकान व सुस्ती आदि होते हैं। परन्तु  सीताफल का सेवन करने से इसमें मौजूद आयरन की अच्‍छी मात्रा एनीमिया के प्रभाव को कम करने में सहायक सिद्ध होती है। साथ ही सीताफल खाने से इसमे मौजूद अन्‍य पोषक तत्‍व रक्‍त की गुणवत्‍ता को सुधारने और शरीर में रक्‍त उत्‍पादन की क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

6. कैंसर को रोकने में -

सीताफल में एंटीऑक्‍सीडेंट काफी मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर में कैंसर  को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं। एक शोध से स्पष्ट हुआ है कि सीताफल में मौजूद कुछ पोषक तत्‍वों में कैंसर विरोधी (Anti-cancer) गुण होता है। सीताफल में पाया जाने वाले एसीटोजेनिन और एल्कलॉइड (acetogenin and alkaloids),  ट्यूमर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं।

7. पाचनतंत्र के लिए उपयोगी -

यदि आपका पाचन तंत्र खराब है तो आप इसे ठीक करने के लिए सीताफल का उपयोग कर सकते हैं। सीताफल में उपस्थित फाइबर और कॉपर की अच्‍छी मात्रा हमारे पाचन तंत्र को स्‍वस्‍थ्‍य और मजबूत बनाने में मदद करती है।  सीताफल का सेवन करने से यह कब्‍ज को दूर करता है जिससे आंतों और पेट की समस्‍या दूर होकर शरीर को स्वस्थ करने में मदद मिलती है। 

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8. हड्डियों और दांतों को मजबूत करे -

हड्डियों को मजबूत करने के लिए सीताफल को औषधी की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। सीताफल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाने वाला कैल्शियम,  हड्डी के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने और उसे मजबूत बनाने में मदद करता है।

   सीताफल का नियमित सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से संबंधित  अन्‍य समस्‍याओं की संभावना को कम किया जा सकता है।

 सीताफल दांत और मसूड़ों के लिए फायदेमंद होता है। इसके पेड़ की छाल में पाए जाने वाले टैनिन से दांतों और मसूड़ों को लाभ मिलता है। इसकी छाल को सुखाकर और बारीक पीस कर मंजन करने से मुंह की दुर्गंध दूर होकर मसूड़ों और दांत के दर्द में लाभ होता है।

9.  त्‍वचा के लिए फायदेमंद -

विटामिन C के अच्‍छे स्रोतों में सीताफल शामिल है, इसमें संतरे (orange) से अधिक विटामिन C पाया जाता है। विटामिन C शरीर में त्‍वचा की बीमारियों और संक्रमणों का इलाज करने में मदद करता है, इन त्‍वचा समस्‍याओं में फोड़े, एक्जिमा, सोरायसिस आदि शामिल हैं। 

  इसके अलावा सीताफल में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट, त्‍वचा को स्‍वस्‍थ्‍य और युवा बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। त्वचा को साफ़ करने के लिए सीताफल (Custard apple) के पत्ते का पेस्ट बना लें और उसे त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा के घाव, सूजन दूर होकर रोमछिद्र खुल जाते हैं और त्वचा साफ़ हो जाती है।

10. गर्भावस्था में फायदेमंद -

प्रेग्नेंसी में सीताफल खाना अत्यधिक लाभदायक होता है। इससे कमजोरी दूर होती है, उल्टी व जी घबराना ठीक होता है। इसके सेवन से थकान में आराम मिलता है तथा मन प्रसन्न रहता है। 

  शिशु के जन्म के बाद सीताफल खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह  दूधवर्धक  होता  है। गर्भवती महिला को सीताफल खाते समय इसके बीज खाने से बचना चाहिए अन्यथा ये आकस्मिक गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
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सीताफल के बीजों का उपयोग  

1. बालों के लिए फायदेमंद - 

सीताफल के बीजों से निकाला गया तेल बालों को मॉइस्‍चराइज करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। सीताफल बीज के तेल का उपयोग करने से  बालों के झड़ने, डैंड्रफ, सिर की खुजली आदि समस्‍याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही यह तेल बालों के ग्रोथ में भी मदद करता है। 

    सीताफल के बीज जुएं की परेशानी को भी खत्म कर सकते हैं। इसके लिए सीताफल के बीजों को पीसकर या बीजों के पाउडर का पानी में पेस्ट बनाकर सिर में लगाएं। सीताफल के बीजों का काढ़ा बनाकर भी सिर पर लगाया जा सकता है। इसे सिर पर 10 मिनट तक लगा कर रखें फिर सादे ठंडे पानी से धो लें। 

    एक महीने तक सप्ताह में दो बार इस प्रयोग को दोहराए जाने पर इसका  अद्भुत परिणाम देखने को मिलता है और सिर जूँ (लीख) से मुक्त हो जाता है। इसका प्रयोग करते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए, कि यह आँखों के सम्पर्क में न आये अन्यथा इसके जहरीले प्रभाव से आंखों में समस्या हो सकती है।

2. कीट विकर्षक और कीटनाशक -

यदि घर में कीड़े और चींटियों का प्रकोप बढ़ गया हो तो सीताफल के बीज का उपयोग करके इनसे बचाव किया जा सकता है। इसके लिए पानी में सीताफल के बीज का पाउडर मिलाकर कुछ दिनों के लिए छोड़ दें। आपका  होममेड कीट विकर्षक अब तैयार है। इस मिश्रण को कीड़े और चींटियों के प्रकोप वाले स्थान में स्प्रे करें इसके परिणाम तात्कालिक और उत्कृष्ट होंगे।

     इस मिश्रण का प्रयोग घर के बगीचे के लिए कीटनाशक के रूप में भी  किया जा सकता है। पत्ती खाने वाले कीड़ों को पूरी तरह से हटाने के लिए  संक्रमित पौधे पर इसका छिड़काव करें। सीताफल (कस्टर्ड एप्पल) के बीजों को नीम के बीज के साथ मिलाकर एक शक्तिशाली कीटनाशक व्यापक पैमाने पर बनाया जाता है। इस प्रकार इन बीजों से बना कीटनाशक पूरी तरह प्राकृतिक होता है। 

3. औषधीय  उपयोग -

इस फल के बीज में पाए जाने वाले गर्भपात के गुणों के कारण इसका व्यापक रूप से दवा कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग गर्भपात को प्रेरित करने के लिए बनाई गई दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है।

सावधानी -

1. कस्टर्ड एप्पल या सीताफल बहुत उपयोगी और स्वास्थ्यवर्धक होता है, लेकिन इसके बीज विषाक्त होते हैं  इसलिए सीताफल का आनंद लेते समय इसके सभी बीजों को सावधानीपूर्वक निकालना सुनिश्चित करें।

  सीताफल का कोई बीज धोखे से निगल जाने पर परेशानी नहीं है परन्तु मुंह में चबाने पर इसमें से विषैला तत्व निकल कर शरीर में जा सकता है, जो नुकसान देह हो सकता है। इसलिए सीता फल खाते समय ध्यान रखना चाहिए।

2. इन बीजों से तैयार कीटनाशक को आंखों से दूर रखना चाहिए क्योंकि इनमें अस्थायी रूप से किसी व्यक्ति को अंधा करने की शक्ति होती है।इसके बीजों का पेस्ट आँखों लगने पर आँखों में सूजन, दोषपूर्ण दृष्टि, नेत्र पीड़ा, आँखों से पानी आना और लालिमा जैसी शिकायतें देखी जा सकती हैं। 

3. सीताफल के पत्तों में भी विषाक्त तत्व पाए जाते हैं। जानवर इसके पत्तों को नहीं खाते। इसके बावजूद कहीं कहीं इसके पत्तों का उपयोग विभिन्न बिमारियों में बताया गया है। इसके पत्तों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेंवे। 

4. रात्रि के समय सीताफल का प्रयोग करने से परेशानी हो सकती है।  क्योकि यह एक ठंडी तासीर वाला फल है, इसलिए सर्दी जुकाम की प्रवृति वाले लोगों को रात्रि में इसके सेवन से बचना चाहिए। 

5. सीताफल खाकर तुरंत पानी पीने से बचना चाहिए। साथ ही इसमें शुगर की मात्रा अधिक होने के कारण मधुमेह और मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति इसका अधिक सेवन करने से बचें।  

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