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Monday, 23 September 2019

How to start PG business - हॉस्टल या पीजी कैसे खोलें

How to start PG business - हॉस्टल या पीजी कैसे खोलें 

अगर आप एक बार पैसे इन्वेस्ट करके हर महीने इनकम के बारे में सोच रहे हैं तो इस लेख को जरूर पढ़ें। आज के दौर में बढ़ती महंगाई और खर्चों की पूर्ती के लिए नौकरी या किसी एक सोर्स के ऊपर निर्भर रहना कठिन हो चुका है। आज हर किसी को जरूरत है अतिरिक्त आमदनी की, जिसे आप हॉस्टल या पीजी खोलकर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। 

    अगर आप का घर बड़ा है तो घर में बची हुई जगह को पीजी के लिए उपयोग के लायक बनाकर आमदनी का जरिया बना सकते हैं। शहरों में घर बैठे कमाई के साधनों में किराए पर कमरे देने का चलन बहुत पुराना है, जिसमें किसी फैमिली को मकान किराये पर दिया जाता है। इसमें मकान के सभी कमरे एक फैमिली को दिए जाने के कारण उतनी आय नहीं हो पाती।

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   अधिक आय तभी होगी जब हम प्रत्येक रूम को अलग अलग किराये पर उठाएंगे या प्रत्येक रूम में 2 -3 स्टूडेंट के रहने की व्यवस्था करेंगे। आजकल महानगरों के अलावा दूसरे मध्यम स्तर के शहरों में भी शिक्षा या कोचिंग के लिए लिए बड़ी संख्या में दूसरे शहरों या कस्बों से स्टूडेंट आते हैं। इनके ठहरने की व्यवस्था के लिए हॉस्टल की जरूरत पड़ती है। तेजी से बढ़ती कॉलेजों और कोचिंग संस्थाओं की संख्या के कारण इस क्षेत्र में कमाई की बड़ी संभावनाएं हैं। 

पीजी खोलने की प्रक्रिया

ऐसे तो आजकल लोग बिल्डिंग या फ्लैट्स किराये पर लेकर भी पीजी चला रहे हैं लेकिन अपनी बिल्डिंग या फ्लैट हो तो अच्छा रहता है।  यदि आप इसी उद्देश्य से बिल्डिंग बनवा रहे हैं तो पीजी की आवश्यकता के हिसाब से बनवाएं।

   पीजी या हॉस्टल खोलना आसान काम है लेकिन एक प्रक्रिया के तहत सोच विचार कर काम करेंगे तभी इस में सफलता मिलती है। इसके लिए आपके शहर के साथ साथ आपकी प्रॉपर्टी का लोकेशन सबसे महत्वपूर्ण होता है।  

    यदि आप घर पर ही पीजी या होस्टल खोलने की सोच रहे हैं तो सब से पहले आप को यह तय करना होगा कि आप इसे लड़कियों के लिए रखेंगे या फिर लड़कों के लिए।  इस के बाद आप को यह देखना होगा कि आप के हर रूम में कितने लोग रह सकते हैं। उसी के अनुसार आप को प्रति व्यक्ति किराया तय करना है। आपके शहर और प्रॉपर्टी की लोकेशन के आधार पर पीजी या हॉस्टल निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं -

1. पर्यटन स्थल के लिए पीजी -

यदि आपके शहर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हों या आपकी प्रॉपर्टी किसी पर्यटन स्थल के करीब हो तो आपको टूरिस्ट के रुकने के हिसाब से व्यवस्था बनानी पड़ेगी। कुछ टूरिस्ट थोड़े अधिक समय तक किसी पर्यटन स्थल में ठहरना चाहते हैं वे किसी महंगे लॉज के बजाय पीजी में रुकना पसंद करते हैं। 

  टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए पीजी का वातावरण स्वच्छ और आरामदायक होना आवश्यक है। उसमें किसी लॉज की तरह सुविधा होने पर ही इसके सफल होने के चांस हो सकते हैं। पर्यटकों को चाय, नाश्ते और डिनर की सुविधा उपलब्ध करवाकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है। 

  घूमने के उद्देश्य से आने वाले लोग अपना लंच किसी टूरिस्ट स्पॉट पर ही करना पसंद करते हैं। परन्तु स्थानीय व्यंजन के साथ घर जैसे खाने की सुविधा देकर, डिनर के लिए उन्हें आमंत्रित किया जा सकता है। 
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2. हॉस्पिटल के आसपास -

यदि आपकी प्रॉपर्टी किसी बड़े हॉस्पिटल के पास हो तो वहां मरीजों के रिश्तेदारों के रुकने के लिए पीजी की व्यवस्था कर सकते हैं। यदि पहले से आपका भवन ऐसी जगह पर नहीं है तो कोई खाली प्लाट खरीद कर भवन बनवा सकते हैं। 

   किसी भी बड़े अस्पताल में प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में मरीज़ भर्ती होते हैं। हर मरीज़ के साथ कम से कम 1 या 2 लोग होते हैं अधिकतर अस्पतालों में इनके रुकने की कोई व्यवस्था नहीं होती।अस्पताल के पास ही उनके रहने की व्यवस्था होने से उन्हें बहुत आराम रहेगा और आप अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे।

3. बॉयज या गर्ल्स हॉस्टल -

यदि आप बॉयज या गर्ल्स हॉस्टल  खोलने की सोच रहें हैं तो आपको किसी ऐसी जगह का चयन करना होगा जिसके पास कोई शैक्षणिक या कोचिंग  संस्थान हो। पहले छोटे रूप में इस काम को करके अनुभव प्राप्त कर लेंगे तो अच्छा रहेगा। 

   यदि आप प्लाट लेकर भवन बना रहें हैं तो उसकी डिज़ाइन इस प्रकार की हो जिसमें स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की असुविधा न हो। एक रूम में कितने स्टूडेंट को रखना है उस हिसाब से रूम की साइज रखें। बिल्डिंग में इंटरनेट WI-FI सुविधा, रिसेप्शन एरिया, कॉमन एरिया, कॉमन वाशरूम व पार्किंग के लिए स्थान के साथ पर्याप्त ग्रीनरी का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। 

 गर्म पानी की सुविधा के लिए सोलर वाटर हीटर लगवा सकते हैं। रूम के अंदर स्टूडेंट के लिए पलंग के साथ एक आलमारी और स्टडी टेबल की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक रूम में पंखा, कूलर अथवा AC की संख्या उस रूम में रुकने वाले स्टूडेंट की संख्या के आधार पर पहले से प्लान करें।बिल्डिंग और आवश्यक फर्नीचर की व्यवस्था के बाद आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा -


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A. NOC प्राप्त करना -

बड़े रूप में हॉस्टल चलाने के लिए नगर निगम से NOC प्राप्त कर लें। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। यदि वहां मेस भी चलाना चाहते हैं तो खाद्य विभाग को सूचित करके आवश्यक सर्टिफिकेट प्राप्त  करें। 

   संबंधित पुलिस थाने को भी सूचित करें। इसके लिए सभी कागजात पहले से जुटाकर रख लें, जिसमें बिल्डिंग का पास किया हुआ नक्शा, अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र और बिल्डिंग में सुरक्षा के साथ बिजली, पानी के उचित इंतज़ाम किये गए हैं इसका हलफनामा देना होता है।  

B.  GST पंजीयन  -

यदि आप की कोई शिक्षण संस्था है और उसमें पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की व्यवस्था उपलब्ध करवा रहें हैं तो आप के लिए GST की आवश्यकता नहीं है। 

   परन्तु यदि आप सिर्फ हॉस्टल या PG खोलकर चलाना चाहते हैं तो प्रति वर्ष 20 लाख रूपये से अधिक कलेक्शन आने पर GST पंजीयन करवाकर नियमानुसार टैक्स जमा करना होगा। 20 लाख रूपये से कम कलेक्शन रहने पर GST की जरूरत नहीं होगी। 

C.  कर्मचारियों की नियुक्ति - 

यदि आप ने अपने घर में ही पीजी खोल रखा है तो एक सफाई कर्मचारी से काम चल सकता है। लेकिन आप अधिक लोगों के रुकने की व्यवस्था के हिसाब से एक बड़ा हास्टल खोलना चाहते हैं तो इस के लिए आप को इन कर्मचारियों को रखना पड़ेगा - मैनेजर के अलावा सिक्योरिटी गार्ड,  रसोइया, 2 सफाई कर्मचारी और चपरासी। 

D. मैनेजमेंट किस प्रकार करें -

1. रूटीन कार्य - 

कमरे की सफाई, बिजली पानी की सतत आपूर्ति, परिसर की सुरक्षा, यदि मेस है तो खाने की क्वालिटी को बनाये रखना जैसे बहुत से काम होते हैं। 

 यदि इन सबके लिये सही प्लानिंग और सुपरविजन किया जाय तो उतना मुश्किल नहीं होगा।  बिजली पानी की शिकायत दूर करने के लिए इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर से बात करके रखें और आवश्यकता के अनुसार उन्हें कॉल करके बुला लें। 

2. स्टूडेंट की पूरी जानकारी लें -

रूम किराये पर देने से पहले ही स्टूडेंट को अपने हॉस्टल के रूल्स ठीक से समझा दें।इसके साथ उनसे किरायेदार की पूरी जानकारी वाला फार्म जरूर भरवाए जिसमें उन्हें अपने मूल पते के साथ माता पिता के मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां भरनी होती हैं। ये फॉर्म स्थानीय पुलिस थाना से प्राप्त करके उसकी फोटोकॉपी करवाकर रख लें। 

   हॉस्टल में रुकने वाले प्रत्येक स्टूडेंट से यह फॉर्म भरवाकर उनकी फोटो सहित इसे थाने में जाकर जमा करवाए और इसकी पावती प्राप्त करें। मकान मालिक के लिए किरायेदार की जानकारी देना कानूनन अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उसे सज़ा हो सकती है।  पुलिस वैरिफिकेशन करके किरायेदार की सत्यता का पता लगा सके इस कारण अब यह अनिवार्य हो गया है।

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 3. स्टूडेंट्स को नियंत्रित रखना -

रात में हॉस्टल गेट बंद होने के समय का सख्ती के साथ पालन करवाएं।इसमें आपकी वाक पटुता का कौशल काम आएगा उन्हें इस तरह रूल्स बताएं कि उसका उन्हें बुरा न लगे। उनके निजी सामान चोरी की शिकायत आने पर उसका उचित समाधान करें।  

  कई बार ये लोग अपने दोस्तों को अपने कमरे में ले आते हैं और उन्हें अपने कमरे में ठहरा लेते हैं। दोस्तों के साथ मस्ती करते वक्त वे यह भूल जाते हैं कि आसपास दूसरे परिवार भी रहते हैं, जिन्हें उन के शोरशराबे से परेशानी हो सकती है। इसके लिए नियम बनाकर उसका पालन करवाएं। 

 बॉयज हॉस्टल में नशा खोरी और इनके आपसी झगड़ों की वजह से भी माहौल खराब होता है। इसलिए ऐसे लड़कों पर विशेष नज़र रखें और चेतावनी के बाद भी उनमें सुधार न दिखे तो उन्हें हॉस्टल से बाहर करना ही ठीक रहेगा।  

  कभी कभी कुछ स्टूडेंट घर से हर महीने मिलने वाली रकम को दूसरे कार्यों में खर्च कर देते हैं और पीजी का किराया देने में आनाकानी करते जाते हैं। इस तरह उनके ऊपर कुछ महीनों का किराया चढ़ जाता है फिर मौका देखकर ये लोग पीजी से खिसक लेते हैं। इसके लिए सतर्क रहकर ऐसी स्थिति से निपटें। 

 4. खाने की व्यवस्था -

खाने की व्यवस्था के लिए टिफिन सर्विस लगाकर खाने बनाने के झंझट से बच सकते हैं। यदि कुक रख कर अपने यहाँ खाना बनवाते हैं तो ब्रेकफास्ट, लंच, और डिनर सबका इंतजाम हो जाता है। पर  बहुत कम पीजी ऐसे होते हैं जहां खाने को लेकर कोई शिकायत न हों सभी पीजी में विद्यार्थियों को खाने में क्वालिटी की शिकायत होती है। ऐसे में पीजी या होस्टल चलाने वालों का यह दायित्व है कि वे इन शिकायतों को दूर करें। 

इसके साथ ही छोटी छोटी चीजों का भी ध्यान रखना भी जरुरी होता है।  जैसे उनके कपड़े धोने और प्रेस करने के लिए इंतजाम आपको ही करना होता है। 

5. सुरक्षा का ध्यान रखें -

पीजी की सुरक्षा के लिए 24 घंटे 2 सुरक्षा गॉर्ड की ड्यूटी रहनी चाहिए। यदि पीजी में लड़कियां रह रही है तो उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि परिसर के आसपास असामाजिक तत्वों का डेरा हो तो पुलिस को सूचित करें। रात्रि में गर्ल्स के आने का समय निश्चित करें। सुरक्षा के मद्देनजर PG के प्रवेश द्वार एवं बाहरी भाग में कैमरा लगवाकर परिसर की निगरानी करवा सकते हैं। 

D. विज्ञापन करें -

हॉस्टल की बड़ी साइज और कैपेसिटी अधिक होने पर उसके प्रचार प्रसार का बजट भी तय करना होगा। इसके लिए आपके हॉस्टल के आसपास जितने भी कॉलेज या कोचिंग सेंटर हों वहां जाकर अपने पम्पलेट और फोन नंबर दें। वे लोग अपने स्टूडेंट्स को आपके यहां सीधे भेज सकते हैं। ऐसी जगहों के पास कुछ रकम खर्च करके होर्डिंग, पोस्टर और बैनर लगवाने से लाभ होगा।

   अख़बारों में पर्चे डालकर या विज्ञापन देकर आप अपने हॉस्टल का प्रचार कर सकते हैं। यदि आपके हॉस्टल की व्यवस्था अच्छी रही तो उसमे रहने वाले स्टूडेंट ही आपका प्रचार करते हैं।

   आशा है ये लेख "How to start PG business -हॉस्टल या पीजी कैसे खोलें" आपको हॉस्टल या पीजी खोलने में सहायक सिद्ध होगा। इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। यदि आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट सेक्शन में जाकर लिखें। ऐसे और भी उपयोगी आर्टिकल के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें। 

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