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Friday, 27 September 2019

Coaching centre kaise kholen - कोचिंग सेंटर कैसे खोलें


Coaching centre kaise kholen - कोचिंग सेंटर कैसे खोलें 

आज के समय में अधिकतर स्टूडेंट अपने स्कूल कॉलेज के समय के बाद कोचिंग सेंटर में दिखाई पड़ते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट से लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रतिभागी के बीच कोचिंग क्लास अटेंड करने का एक चलन सा हो गया है।

   इसका एक कारण बढ़ता  कम्पीटीशन भी है। इसमें सफलता के लिए प्रत्येक छात्र को परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और अधिक से अधिक अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्हें विषय के अनुभवी और जानकार शिक्षकों के साथ परीक्षा के लिए उचित मार्गदर्शन की जरूरत पड़ती है।

  एक अच्छा कोचिंग सेंटर उनकी इस आवश्यकता को पूरा करके उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त्र करता है। 
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     इसी कारण कोचिंग सेंटर की डिमांड दिनों दिन बढ़ रही है और यह एक तेजी से बढ़ते व्यवसाय का रूप ले चुका है। ऐसे में अगर आप कोचिंग सेंटर खोलते है तो यह आपकी कमाई का अच्छा जरिया हो सकता है।

  अगर आप पढ़ाना नहीं चाहते तो केवल कोचिंग सेंटर के संचालन का काम देखें और और पढ़ाने की ज़िम्मेदारी के लिए आवश्यक संख्या में शिक्षक नियुक्त कर सकते हैं। अगर आप कोचिंग सेंटर खोलना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

1. सही जगह का चुनाव -

कोचिंग सेंटर खोलने के लिए आप ऐसे स्थान का चयन करे जहाँ पर स्टूडेंट आसानी से पहुंच सके। यह स्थान आवागमन के लिए सुगम होना चाहिए। शहर के आउटर में कोचिंग सेंटर की स्थापना करने से स्टूडेंट्स को आने जाने में परेशानी होगी। इसलिए जहां तक संभव हो कोचिंग सेंटर को शहर के मध्य स्थान के आस पास स्थापित करें। 

   स्कूल के स्टूडेंट्स लिए कोचिंग सेंटर चलाना चाहते हैं तो यह समझना होगा कि उस क्षेत्र में रहने वाले स्टूडेंट्स किस स्कूल में पढ़ते हैं, और उन्हें किन विषयों में कोचिंग की आवश्यकता है।

   आपको अपने कम्पीटीटर के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए। अपने क्षेत्र में घूमकर पता लगाएं कि और कितने लोग यह कार्य कर रहें हैं।  उनके यहां सुविधाएँ कैसी हैं और वे कितनी फीस ले रहे हैं। इसके आधार पर आप अपने यहां अच्छी सुविधाएँ रखें और कोचिंग सेंटर की लोकप्रियता बढ़ने तक फीस कम रखें।  

2. हॉल का प्रबंध -

स्टूडेंट्स के बैठने के लिए एक हॉल से भी अपने काम को स्टार्ट किया जा सकता है। स्वयं के पास हॉल का प्रबंध हो तो अच्छा है अन्यथा किराये पर  लेकर भी कोचिंग सेंटर शुरू कर सकते हैं। ऑफिस और स्टाफ के बैठने के लिए अलग से कमरे की आवश्यकता पड़ेगी। अपने बजट के अनुरूप किराये का हॉल खोजें। 

  प्रारम्भिक दौर में अत्यधिक महंगे व्यवसायिक काम्प्लेक्स का चुनाव न करें, अन्यथा किराया भरने में परेशानी होगी। इस तरह आपकी पूरी कमाई किराये के नाम पर चली जाएगी। 

   जहाँ कोचिंग सेंटर खोल रहे है वह हॉल इतना बड़ा होना चाहिए की आपके बैच के स्टूडेंट्स उसमें आराम से बैठ सके। कोचिंग सेंटर में कूलर या एसी, चेयर,  बेंच, कंप्यूटर सिस्टम, ब्लैक-बोर्ड, स्टूडेंट्स के लिए लाकर  आदि की आवश्यकता होती है। स्टूडेंट्स के लिए पीने का पानी और वाशरूम जैसी सुविधाएँ होना भी अनिवार्य है। अच्छी सुविधाएँ होने पर स्टूडेंट्स, कोचिंग सेंटर की तरफ आकर्षित होते हैं।
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3. अपनी पढ़ाई का लाभ लें -

आपने जिन विषयों की पढ़ाई की है अथवा जिन विषयों के जानकार हैं उन विषयों को पढ़ाने की सुविधा यदि अपने कोचिंग सेंटर में उपलब्ध करवाएंगे तो आप स्वयं भी कोचिंग दे सकेंगे। इससे एक शिक्षक की सैलरी बचा पाएंगे। आपको देखना होगा कि आप किन विषयों को अच्छी तरह से पढ़ा सकते है। 

  आपको यह डिसाइड  करना होगा कि यदि आप स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग देना चाहते हैं तो प्राइमरी, मिडिल या हाई स्कूल के बच्चों में से किसके लिए कोचिंग की व्यवस्था करेंगे। जॉब पाने के इच्छुक युवाओं के लिए रेलवे, बैंकिंग, PSC या  IAS जैसे किस एग्जाम की तैयारी करवाना है इसका भी निर्णय करना होगा। 

    अगर आप उन विषयों को पढ़ा सकते है जिनकी कोचिंग आपके क्षेत्र में नहीं दी जाती है और उन विषयों की डिमांड वहां हो सकती है तो यह ठीक रहेगा। कोचिंग सेंटर की सफलता शिक्षकों के अनुभव और विषय की जानकारी के साथ उनकी पढ़ाने की बेहतरीन शैली पर निर्भर करेगी। इसलिए इस बात का ध्यान रखते हुए ही शिक्षकों की नियुक्ति करें।

4. कोचिंग सेंटर का प्रचार - प्रसार कैसे करें -

A. आप स्थानीय न्यूज़ पेपर एजेंसी की मदद से अखबारों के मध्य पर्चे डालकर प्रचार करवा सकते हैं। ये पर्चे सीधे घरों व दुकानों में, किसी बड़े आयोजन स्थल पर, मॉल्स व मार्किट एरिया में भी बंटवा सकते हैं। उन स्थानों पर प्रचार अधिक करें, जो आपके कोचिंग सेंटर के आस पास हों।

B. यदि आपका कोई स्टूडेंट अपने किसी साथी को आपके कोचिंग सेंटर में एडमिशन करवाने लाता है तो उस स्टूडेंट को प्रोत्साहन के तौर पर फीस में छूट प्रदान करें। आपके सेंटर से पढ़कर निकलने वाले स्टूडेंट यदि किसी को लाते हैं तो उन्हें नगद राशि देकर प्रोत्साहित करें।

C. जो लोग कोचिंग सेंटर में इन्क्वायरी के लिए आए उनका नाम पता और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज करवाएं। समय समय पर उन्हें फोन करके जान सकते हैं कि एडमिशन के संबंध में वे क्या सोच रहे हैं। 

  कोचिंग सेंटर में आने वाले लोगों को अपना विजिटिंग कार्ड अवश्य देवें जिससे वे बाद में भी चाहें तो आवश्यक जानकारी फोन द्वारा ले सकेंगे। 

D. आस पास के स्कूल - कॉलेज के पास बैनर पोस्टर लगवाकर अपनी संस्था का प्रचार कर सकते हैं। बजट के हिसाब से अख़बारों में विज्ञापन दें या स्थानीय केबल टीवी के माध्यम से कोचिंग सेंटर का प्रचार करवाएं।आप अपनी कोचिंग की वीडियो बनाकर लोकल केबल ऑपरेटर को दे सकते है। 

  इस तरह से आप टीवी के द्वारा भी अपनी कोचिंग का प्रचार कर सकते है।व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये भी अपने कोचिंग सेंटर का मैसेज लोगों तक पहुंचा सकते हैं। 

E. अपने कोचिंग सेंटर में फ्री डेमो क्लास रख कर स्टूडेंट्स को आकर्षित करना एक बढ़िया तरीका है। ऐसी क्लासेस में आपके शिक्षकों की पढाने की शैली यदि स्टूडेंट्स को पसंद आई तो वे एडमिशन ले सकते है। इन डेमो क्लास का आवश्यक प्रचार हो इसका ध्यान रखें, तभी अधिक से अधिक स्टूडेंट्स की उपस्थिति हो सकेगी
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5. करंट अकाउंट खोलना -

किसी भी व्यवसाय के लिए यह एक सामान्य जरूरत है। आपको किसी भी राष्ट्रीयकृत या प्राइवेट बैंक में अपने कोचिंग सेंटर के नाम का करंट अकाउंट खुलवाना होगा। इसके लिए संस्थान का स्थापना लाइसेंस, GST पंजीयन का प्रमाण-पत्र, लेटरहेड जिसमें फर्म का नाम-पता और संस्थान के नाम के साथ प्रोप्राइटर की सील की जरूरत पड़ेगी। 

6. कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन -

आपको अपने कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रुरी है। सभी राज्यों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अलग होती है ,आप तदनुसार अपने कोचिंग सेंटर को रजिस्टर कराए।

  सामान्य रूप से किसी भी व्यवसाय को "दुकान और स्थापना  (Shops & Establishments) Act" के अंतर्गत रजिस्टर करवाना जरूरी है। दुकान और स्थापना लाइसेंस उस क्षेत्र के निरीक्षक द्वारा संस्थान के निरीक्षण के बाद जारी किया जाता है। 

 यह व्यवसाय स्थापित करने के एक महीने के भीतर किया जाना चाहिए। इसके लिए एक निर्धारित फॉर्म में निम्नलिखित जानकारी देना होता है - 

1. व्यवसाय/ संस्थान के मालिक का नाम

2. डाक पते सहित व्यवसाय का नाम और पता

3. व्यापार की श्रेणी

4. कार्यरत कर्मचारियों की संख्या

5. वह तिथि जिस पर प्रतिष्ठान ने व्यवसाय शुरू किया।

इस अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए ये दस्तावेज लगते हैं -

वाणिज्यिक पता प्रमाण, पहचान प्रमाण, पैन कार्ड, शुल्क का भुगतान चालान। 

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7. कोचिंग सेंटर के लिए ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना -

एक व्यापार लाइसेंस या एक व्यापार लाइसेंस एक परमिट है जो सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी किया जाता है। 

  नगर निगम आयुक्त, आवेदन प्राप्त होने के तीस दिनों के भीतर आवश्यक पूछताछ करने के बाद यदि संतुष्ट हों तो लाइसेंस प्रदान करता है। इसमें जिस जगह संस्थान स्थापित किया जा रहा है उसके स्वामित्व के संबंध में इस प्रकार के डाक्यूमेंट्स देने होते हैं -

1. यदि जगह याचिकाकर्ता के स्वामित्व में हैकर-बिल का प्रस्तुतिकरण किया जाना आवश्यक है।

2. यदि किरायेदार हैकिराया-बिल का प्रस्तुतिकरण किया जाना आवश्यक है।

3. अगर रिश्तेदार / व्यक्ति को परिसर के स्वामी द्वारा किराया मुक्त आवास प्रदान किया गया हैतो स्वामी से सहमति पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

   यदि पार्टनरशिप फर्म है तो ऐसे मामले में पार्टनरशिप डीड के पेपर लगाया जाना आवश्यक है।

8. GST पंजीयन -

प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर को 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी संस्थान जो बच्चों को शिक्षा दे रहे हों, उन्हें GST में छूट है, लेकिन उसकी परिभाषा स्पष्ट है और इसके दायरे में कोचिंग सेंटर नहीं आते हैं। 

 शैक्षणिक संस्थानों में, प्री-स्कूल एजुकेशन और हायर एजुकेशन से जुड़े संस्थान ही शामिल हैं। 

   AAR ने कहा कि निजी श‍िक्षण संस्थान जिनमें न कोई डिग्री दी जाती है और न ही कोई सर्ट‍िफ‍िकेट दिया जाता है, ऐसे संस्थानों पर 9 फीसदी केंद्रीय जीएसटी और 9 फीसदी राज्य जीएसटी लगाई जाएगी। इस प्रकार कोचिंग सेंटर को 18%  जीएसटी देना होगा।

  आशा है इस आर्टिकल "Coaching centre kaise kholen - कोचिंग सेंटर कैसे खोलें " के माध्यम से आपने जाना की Coaching Centre Kaise Kholeऔर उसका registration कैसे करें। 

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