Benefits of Karonda (Cranberry). करोंदा के फायदे
करोंदा का वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। यह एक 6 -7 फ़ीट की ऊंचाई वाला झाड़ी नुमा पौधा होता है। इसकी टहनियों में कांटे होते हैं इसलिए इसे प्लाट की बॉउंड्री में लगाया जा सकता है। करोंदे में फूल आना मार्च के महीने में शुरू होते है और जुलाई से सितम्बर माह के बीच फल पकना शुरू हो जाते है।
इसके हल्के पीले सफेद फूलों का आकार बहुत छोटा होता है। करोंदा के फलों का रंग शुरुआत में हरा होता है और पकने पर हल्का जामुनी या लाल रंग का हो जाता है। छोटे बेर के आकार के इसके फलों का स्वाद खट्टा होता है। करोंदे के दो साल के पौधे में फल आना शुरू हो जाते हैं।
इसके हल्के पीले सफेद फूलों का आकार बहुत छोटा होता है। करोंदा के फलों का रंग शुरुआत में हरा होता है और पकने पर हल्का जामुनी या लाल रंग का हो जाता है। छोटे बेर के आकार के इसके फलों का स्वाद खट्टा होता है। करोंदे के दो साल के पौधे में फल आना शुरू हो जाते हैं।
करोंदा (Cranberry) में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
क्रैनबेरी फल में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, और सैलिसिलिक एसिड अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें उपस्थित खनिजों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, लौह, फॉस्फोरस, सोडियम, पोटेशियम और जिंक शामिल हैं। करोंदा फल में थायमीन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी 6, विटामिन ई और विटामिन K पाया जाता है।
करोंदा (Cranberry)के फायदे (Benefits)
करोंदा (क्रैनबेरी) में विभिन्न प्रकार के विटामिन, जरूरी पोषक तत्व और एंटीआक्सीडेंट (Antioxidant) पाए जाते हैं। इस कारण शरीर के लिए यह बहुत ही उपयोगी है। करोंदा के फायदे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हैं।
इसके औषधीय गुण मूत्र पथ संक्रमण (Urine Infection), श्वसन संबंधी विकार, गुर्दे की पथरी, कैंसर और हृदय रोग से राहत दिलाने मे मदद करते हैं। करोंदा के फायदे पेट के विकारों और मधुमेह को रोकने में भी है। इसका सेवन दांतों से संबंधित परेशानियों को कम करते हैं। आइऐ जानते हैं करोंदा के फायदे के बारे में -
इसमें मौजूद फाइबर की अच्छी मात्रा से भूख नियंत्रित होती होती है और तृप्ति महसूस होती है जो मोटापे को कम करने में मदद करता है। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो करोंदा की चटनी के फायदे ले सकते हैं।
इसके औषधीय गुण मूत्र पथ संक्रमण (Urine Infection), श्वसन संबंधी विकार, गुर्दे की पथरी, कैंसर और हृदय रोग से राहत दिलाने मे मदद करते हैं। करोंदा के फायदे पेट के विकारों और मधुमेह को रोकने में भी है। इसका सेवन दांतों से संबंधित परेशानियों को कम करते हैं। आइऐ जानते हैं करोंदा के फायदे के बारे में -
1. वजन कम करने (Weight Loss) में-
करोंदा में कार्बनिक एसिड (organic acids) अच्छी मात्रा होने के कारण यह वजन कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद कार्बनिक एसिड हमारे शरीर में जमा वसा (fats) को हटाने में मदद करता हैं।इसमें मौजूद फाइबर की अच्छी मात्रा से भूख नियंत्रित होती होती है और तृप्ति महसूस होती है जो मोटापे को कम करने में मदद करता है। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो करोंदा की चटनी के फायदे ले सकते हैं।
2. कैंसर के उपचार में करोंदा के फायदे-
करोंदामें पाया जाने वाला प्रोंथोसाइनिडिन (proanthocyanidins) कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। करोंदा में एंटी-कैंसर जन्य (anti-carcinogenic) घटक होते हैं जो कोलन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को रोकता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि करोंदों का नियमित सेवन करने से फेफड़ों (lung) का कैंसर, स्तन, कोलन, प्रोस्टेट और अन्य कैंसर के विकास और उनके फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है।
करोंदा में सैलिसिलिक एसिड भी अच्छी मात्रा में होता है जो सूजन को कम करने, खून को थक्के (blood clots) जमने से रोकने और ट्यूमर को खत्म करने में मदद करता है। करोंदा में उपस्थित पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं में सूक्ष्म ट्यूमर के विकास को कम करता है और स्तन कैंसर कोशिकाओं को रोकने में मदद करता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि करोंदों का नियमित सेवन करने से फेफड़ों (lung) का कैंसर, स्तन, कोलन, प्रोस्टेट और अन्य कैंसर के विकास और उनके फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है।
करोंदा में सैलिसिलिक एसिड भी अच्छी मात्रा में होता है जो सूजन को कम करने, खून को थक्के (blood clots) जमने से रोकने और ट्यूमर को खत्म करने में मदद करता है। करोंदा में उपस्थित पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं में सूक्ष्म ट्यूमर के विकास को कम करता है और स्तन कैंसर कोशिकाओं को रोकने में मदद करता है।
3. यूरिन इन्फेक्शन (Urine Infection) को रोकने में -
क्रेनबेरी केप्सुल्स यूरिन इन्फ़ैकशन को रोकने की बहुत ही अच्छी दवा है।करोंदा (क्रैनबेरी) के पौधों में पाया जाने वाला एक यौगिक मूत्रपथ की कोशिकाओं में बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है।
करोंदा मे प्रोंथोसाइनिडिन होते हैं, जो बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और उन्हें मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन (Urine Infection) को रोकने में करोंदे का सेवन लाभकारी हो सकता है।
करोंदा मे प्रोंथोसाइनिडिन होते हैं, जो बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और उन्हें मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन (Urine Infection) को रोकने में करोंदे का सेवन लाभकारी हो सकता है।
4. करोंदा के फायदे दांतों के लिए -
कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने के कारण करोंदा दांतों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक करोंदा में उपस्थित तत्व बैक्टीरिया को दांतों से दूर रखता है और मसूढ़ों की समस्या को दूर करने में मदद करता है।इसका कारण करोंदा में प्रोथेन्थोसाइडिन होता है जो मुंह के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए मसूढ़ों और दांतो की सुरक्षा के लिए करोंदे का सेवन करके लाभ ले सकते हैं।
5. हड्डियों (bones) को मजबूत करे -
करोंदा में प्राकृतिक रूप से कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए हड्डियों के लिए करोंदे के फायदे बहुत अधिक हैं। इसी कारण जूस बनाने वाली कंपनियां करोंदे के रस को अतिरिक्त कैल्शियम के लिए मिलाते हैं। यह osteoporosis के खतरे को कम करता है।6. पाचन (Digestive) समस्याओं में लाभकारी लिए -
पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने वाले यौगिक करोंदा में अच्छी मात्रा में होते हैं। ये यौगिक Helicobacter pylori बैक्टीरिया को पेट के अंदर बढ़ने और फैलने से रोकते हैं। इस बैक्टीरिया को नियंत्रित करना आवश्यक होता है क्योंकि इसकी अधिक बढ़ोत्तरी से पेट का अल्सर (stomach ulcers) होने की संभावना बनती है।7. हृदय रोग से बचाव -
हार्ट से संबंधित समस्याओं को दूर करने और Cardiovascular स्वास्थ्य को बनाए रखने में करोंदा मदद करता है। करोंदा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो रक्त में पाए जाने वाले वसा, कैल्शियम और कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण धमनियों में उत्पन्न अवरोध (narrowed) को खत्म करता है।इस तरह दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी घातक समस्याओं से शरीर की रक्षा होती है। इसका सेवन रक्त में प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है।
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8. स्कर्वी के उपचार में -
विटामिन सी की कमी के कारण स्कर्वी (Scurvy) रोग हो सकता है। करोंदे के सेवन का फायदा यह है कि इससे यह रोग दूर रहता है क्योंकि इसमें विटामिन सी अच्छी मात्रा में उपस्थित होता है।विटामिन सी की अधिक मात्रा शरीर के लिए कोलेजन बनाने में उपयोगी होती है जो tissues के स्वस्थ कामकाज के लिए जिम्मेदार होता है।
9. बढ़ती उम्र को रोकने में -
वैज्ञानिकों का मानना है कि करोंदा में उपस्थित तत्व बढ़ती उम्र से संबंधित परेशानियों जैसे कि मेमोरी लॉस और तालमेल की कमी को दूर करने में मदद करते हैं।करोंदा के चिकित्सीय गुणों में शरीर से दूषित तत्वों को निकाल कर त्वचा से बुढ़ापे के लक्षणों को कम करना शामिल है। आप समय से पहले बुढ़ापे का शिकार हो रहें हैं, तो इसे दूर करने के लिए करोंदे का उपयोग कर सकते हैं।
10. रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे-
कुछ लोग जल्दी जल्दी बीमार पड़ते हैं, उसका कारण इम्युनिटी सिस्टम की कमजोरी होता है। करौंदा मे उपस्थित एंटीओक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे मदद करता है, जिससे हम हर बदलते मौसम मे बीमार पड़ने से बचे रहते हैं।11. फेफड़ों की सूजन को दूर करने में-
फेफड़ों की सूजन का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस (influenza virus) होता है। जिन्हें दूर करने के लिए आप करोंदा का उपयोग कर सकते हैं।करोंदा में मौजूद एनडीएम नामक पदार्थ इन्फ्लूएंजा वायरस को कोशिकाओं के संपर्क में नहीं आने देता है और इस संक्रमण को बढ़ने से रोकता है। इस प्रकार करोंदे या उसके जूस का सेवन करके फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने में मदद मिलती है।
12. बालों के लिए फायदेमंद (benefits for Hair) -
करोंदा में विटामिन A और विटामिन C पाए जाते हैं, इनसे बालों को स्वस्थ और सुन्दर बनाने में मदद मिलती है। करोंदा के रस को बालों में लगाने से यह बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें लम्बा और घना बनाता है। बालों की समस्या के समाधान के लिए करोंदे के जूस का उपयोग कर सकते हैं।अपने एंटीसेप्टिक गुण के कारण यह मुँहासे का इलाज करने और उन्हें कम करने में मदद करते हैं। करोंदा के रस का प्रयोग त्वचा की चमक बढ़ाकर ताजगी प्रदान करता है।
संतरे के छिल्के को सुखाकर पाउडर बना लें। इसमें थोड़ा सा शहद और करोंदा का रस अच्छी तरह से मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट के बाद चेहरा धो लें। नियमित रूप से इस प्रयोग को करने से त्वचा निखर जाती है।
करौंदा के नुकसान
A. गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।
B. जिन लोगों को मधुमेह (शुगर) की समस्या है उनको इसका सेवन ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिये। इस रस का सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है।
C. करोंदे के जूस का अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह दांत की परत (teeth enamel) को कमजोर होने का कारण बन सकता है।
D. करोंदा का रस कुछ दवाओं विशेष रूप से दिल की दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है। ऐसे रोगीयों को करोंदा के जूस का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
conclusion -
करोंदा का पौधा आसानी से लगाया जा सकता है। इसमें कीट प्रकोप बहुत कम होता है। इसे अपने घर के गार्डन में लगाकर इसके फलों का सेवन करके स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। करोंदा के फलों का उपयोग अचार, चटनी या इसका जूस बनाकर कर सकते हैं।आशा है ये आर्टिकल "Benefits of Karonda (Cranberry).करोंदा के फायदे" आपको करोंदा के विषय में पूरी जानकारी देने में सफल सिद्ध हुआ होगा। इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। प्रकृति की ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।
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