Talent and success. सफलता क्या सिर्फ प्रतिभा से मिलती है?
सामान्यतः लोग प्रतिभा (talent) को, सफलता (success) का पर्यायवाची समझ लेते हैं। साथ ही प्रतिभा को गॉड गिफ्टेड बताकर परिश्रम और अभ्यास के महत्व को कम करने का प्रयास किया जाता है। इस संसार में अभिनय, संगीत, गायन, लेखन, चित्रकला जैसी विधाओं में पारंगत (talented) लोगों की कमी नहीं है।
ऐसे लोग अपनी कला में निपुण होते हैं और यदि संबंधित क्षेत्र का विशेषज्ञ भी इनकी परीक्षा ले तो वह भी इनकी प्रतिभा का लोहा माने बिना नहीं रह पायेगा। इतनी प्रतिभा होने के बावजूद भी ये लोग अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं होते और गुमनानी का जीवन जीते हुए मर जाते हैं।
ऐसे लोग अपनी कला में निपुण होते हैं और यदि संबंधित क्षेत्र का विशेषज्ञ भी इनकी परीक्षा ले तो वह भी इनकी प्रतिभा का लोहा माने बिना नहीं रह पायेगा। इतनी प्रतिभा होने के बावजूद भी ये लोग अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं होते और गुमनानी का जीवन जीते हुए मर जाते हैं।
कभी कभी इनकी प्रतिभा की झलक बहुत थोड़े समय के लिए लोगों को दिखाई पड़ भी जाती है परन्तु दुःख इस बात का है कि बाद में ये कलाकार असफलता के गर्त में खो जाते हैं, बावजूद इसके कि उनकी प्रतिभा में कोई कमी न थी। अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि राष्ट्रीय मंच पर अभिनय प्रतिभा के धनी बहुत से कलाकार उस ऊंचाई पर पहुंचने से वंचित रहे जिसके कि वो हकदार थे।
राष्ट्रीय मंच ही नहीं हमारे आसपास सोसाइटी में भी ऐसे प्रतिभाशाली लोग मिल जायेंगे। ये लोग अच्छा अभिनय करते हैं, जन्मजात रूप से मिली अच्छी आवाज़ के साथ गाते हैं, किसी खेल में निपुण होते हैं तो कोई किसी वाद्य यंत्र को कुशलता पूर्वक बजा लेता है। पर ये अभिनेता, गायक, खिलाड़ी या वादक के रूप में शिखर पर नहीं पहुंच पाते हैं। प्रतिभा को सदा प्रसिद्धि मिले यह आवश्यक नहीं है।
आइये जानते हैं गुण या प्रतिभा (talent) को सम्मान दिलाकर प्रसिद्धि और प्रशंसा कैसे प्राप्त की जा सकती है।
आइये जानते हैं गुण या प्रतिभा (talent) को सम्मान दिलाकर प्रसिद्धि और प्रशंसा कैसे प्राप्त की जा सकती है।
प्रतिभा (talent) को सफलता (success) में कैसे बदलें
1.अपनी प्रतिभा को पहचानें -
आपमें कोई ऐसी कला छिपी हो सकती है जिसे देखकर दूसरे लोग आश्चर्यचकित हो जाते हों और वह आपकी हॉबी में शामिल हो, जिसे करने में आपको बहुत आनंद आता हो। इसमें यह जरूरी नहीं कि आप उसे बहुत अच्छे से कर पा रहें हों।
अगर उसमें आपकी गहरी रूचि है तो निरंतर अभ्यास से निपुणता अवश्य प्राप्त कर लेंगे। इस बात की चिंता न करें कि उसे आपके ढंग से किसी ने अभी तक नहीं किया है।
अगर आप ने अपनी प्रतिभा को पहचान लिया है तो इसका अफ़सोस न करें कि मैंने अपनी इस प्रतिभा दुनिया के सामने लाने में बहुत देर कर दी है। कला के क्षेत्र में उम्र कोई मायने नहीं रखती। अपनी प्रतिभा को पहचान कर दुनियां को दिखाने की मजबूत इच्छा ही सफलता पाने का पहला कदम है।
अगर आप ने अपनी प्रतिभा को पहचान लिया है तो इसका अफ़सोस न करें कि मैंने अपनी इस प्रतिभा दुनिया के सामने लाने में बहुत देर कर दी है। कला के क्षेत्र में उम्र कोई मायने नहीं रखती। अपनी प्रतिभा को पहचान कर दुनियां को दिखाने की मजबूत इच्छा ही सफलता पाने का पहला कदम है।
2. कदम आगे बढ़ाएं -
अपने टैलेंट को दुनियां के सामने लाने के लिए आगे बढ़ें। अपनी हिचक और नर्वेसनेस पर काबू करके मजबूती के साथ अपने कदम बढ़ाएं। हो सकता है आपकी राह इतनी आसान न हो पर राह में आने वाली कठिनाई भी आपकी क्षमता और प्रतिभा का विस्तार ही करेगी। कठिनाइयों और बाधाओं से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है।
परिस्थितियों के आगे सरेंडर करने से न जाने कितनी प्रतिभाएं दुनियां के सामने आने से वंचित रह गई हैं। बैठे रहकर अपने टैलेंट को बर्बाद करने से बेहतर होगा कि आगे बढ़कर कुछ किया जाए भले ही प्रारंभिक दौर में अप्रिसिएशन न मिलें।
परिस्थितियों के आगे सरेंडर करने से न जाने कितनी प्रतिभाएं दुनियां के सामने आने से वंचित रह गई हैं। बैठे रहकर अपने टैलेंट को बर्बाद करने से बेहतर होगा कि आगे बढ़कर कुछ किया जाए भले ही प्रारंभिक दौर में अप्रिसिएशन न मिलें।
3. लक्ष्य बनाएं -
लक्ष्य के बिना वास्तविकता के धरातल में प्रगति करना असम्भव है।शुरुआत में जब व्यक्ति उतना कुशल नहीं होता, तभी इस बात की संभावना अधिक होती है कि वह मान ले कि राह बहुत कठिन है।
लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है । जब आप शुरू करते हैं तो शायद बहुत अच्छे नहीं होंगे, लेकिन किसी ने कभी नहीं कहा कि ऐसी दशा में लक्ष्य बनाकर परिश्रम करने से सफलता प्राप्त नहीं होगी।
अपनी अपेक्षाओं को नियंत्रण में रखें, नियमित रूप से अभ्यास करने के लिए समय निर्धारित करें, और बस चलते रहें, आपको बस इतना ही करना है। अनेक अभिनेता और खिलाडी अपने प्रारम्भिक दौर में बुरे अभिनय और खराब खेल के कारण रिजेक्शन झेलकर बाद में आगे बढ़ें हैं। इन्होंने लक्ष्य बनाकर काम किया, स्वयं को सुधारते रहे और अंततः अपनी प्रतिभा को सम्मान दिलवाने में सफल हुए।
4. अच्छे कोच की सेवाएं लें -
अपने हुनर को बेहतर बनाने के लिए एक अच्छे कोच की शरण में स्वयं को समर्पित करें। जिस तरह हीरे को तराशने के बाद उसकी चमक बढ़ जाती है और वह लोगों को अपनी तरफ खींचने में सफल हो पाता है। उसी प्रकार एक कोच का काम भी टैलेंट को निखारकर इस लायक बनाना होता है कि वह दुनिया के सामने आ सके।
कोच के माध्यम से आप अपनी कमियों को भी जान पाएंगे और उसे दूर करने का उपाय भी सीख सकेंगे। कोच के होने से प्रैक्टिस में भी निंरतरता आती है और अनुशासन का भाव पैदा होता है। कोच न सिर्फ आपको नियम कायदों से परिचित करवाएगा बल्कि उन मंचों से भी परिचित करवाएगा जहां आप अपने टैलेंट का प्रदर्शन कर सकते हैं।
कोच के माध्यम से आप अपनी कमियों को भी जान पाएंगे और उसे दूर करने का उपाय भी सीख सकेंगे। कोच के होने से प्रैक्टिस में भी निंरतरता आती है और अनुशासन का भाव पैदा होता है। कोच न सिर्फ आपको नियम कायदों से परिचित करवाएगा बल्कि उन मंचों से भी परिचित करवाएगा जहां आप अपने टैलेंट का प्रदर्शन कर सकते हैं।
also read -
5. कठिन परिश्रम करें -
कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। निरंतर अभ्यास से ही किसी भी कला में प्रवीणता हासिल हो सकती है। यदि अपने दायरे से बाहर निकलकर अपने टैलेंट का प्रदर्शन करना चाहते हैं तो प्रतियोगिता के लिए स्वयं को तैयार करना होगा।
इसके लिए अपनी कला को समझने और निखारने के लिए अधिक से अधिक समय देना जरूरी है। यदि आप अभी तक अपने आरामदायक परिवेश में रहकर जैसा करते रहे हैं वैसा ही आगे भी करते रहेंगे तो परिणाम भी अच्छा न मिलकर वैसा ही मिलेगा।
इसके लिए अपनी कला को समझने और निखारने के लिए अधिक से अधिक समय देना जरूरी है। यदि आप अभी तक अपने आरामदायक परिवेश में रहकर जैसा करते रहे हैं वैसा ही आगे भी करते रहेंगे तो परिणाम भी अच्छा न मिलकर वैसा ही मिलेगा।
जब तक आप सफल नहीं हो जाते तब तक दीवानगी या जूनून कायम रखना होगा। अपने मनोरंजन को अधिक वरीयता देंगे और आराम को देखेंगे तो प्रसिद्धि पाना बहुत दूर की बात साबित होगी। यहाँ तक कि किसी व्यवसाय में भी सफलता पाने के लिए दुकान खोलने और बंद करने के समय का अनुशासन के साथ पालन करना होता है। इसके लिए सुबह देरी से उठने और दोपहर को लम्बा आराम करने जैसी आदतों को छोड़ना पड़ता है। फिर यहां तो आपकी प्रतिभा को धार देने की बात है।
6. निरंतरता रखें -
जहां आपका लक्ष्य अपनी क्षमता को कुछ उत्पादक में बदलना है तो निरंतर प्लान, रिसर्च और इनोवेशन की जरूरत होगी। जो व्यक्ति जीतता है वह सबसे अधिक प्रतिभा वाला नहीं होता है। वह सबसे अधिक तैयारी करता है और दूसरों को हराकर चुप नहीं बैठ जाता। अपनी तैयारी सदा बनाए रखता है।
किसी कलाकार या खिलाडी का जुनून, समर्पण, और यह विश्वास कि प्रतिभा को बेहतर करने के लिए निरंतर सीखना और प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक है, उसे शीर्ष पर ले जा सकता है।
जब हम किसी की प्रतिभा को देखते हैं, तो अचंभा करते हैं, लेकिन अगर आप उनसे पूछें तो पता चलेगा कि शीर्ष पर पहुंचने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है ।
जब हम किसी की प्रतिभा को देखते हैं, तो अचंभा करते हैं, लेकिन अगर आप उनसे पूछें तो पता चलेगा कि शीर्ष पर पहुंचने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है ।
conclusion -
यदि आपमें थोड़ी भी प्रतिभा है तो उठिये और अभी स्टार्ट कीजिये। आप जिस परिस्थिति में भी हों, वहीं से शुरुवात करें। आपकी हिचक और शर्मीलापन को बाधा मत बनने दें, असफलता और रिजेक्शन से डर कर घर बैठने की जगह इसे चैलेंज के रूप में लीजिये।
धीरे धीरे सब अनुकूल होता चला जाता है। एक एक कदम उठाकर ही मीलों की दूरी तय की जाती है। हर सफल व्यक्ति की यही कहानी है।
आशा है ये आर्टिकल "Talent and success. सफलता क्या सिर्फ प्रतिभा से मिलती है?" आपको पसंद आया होगा इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
also read -
No comments:
Post a Comment