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Saturday, 25 May 2019

Top 3 ways to invest your money. निवेश के तरीके

Top 3 ways to invest your money. निवेश के तरीके 

पारिवारिक जरूरतों के लिए सभी को एकमुश्त पैसों की जरूरत समय समय पर पड़ती रहती है।  बच्चों की शिक्षा, मकान बनवाना, विदेश यात्रा, आकस्मिक मेडिकल खर्चों के लिए पहले से निवेशित रकम के बिना परेशानी होती है।  

  निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी हो या बिज़नेस मैन उन्हें अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करनी जरूरी होती है, इसके लिए भी निवेश करना जरूरी है। 

 निवेश सोच-समझ कर किया जाना चाहिए। सरकार, बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां, सभी कई तरह की सेविंग स्कीम ऑफर करती हैं, जिससे लोग अपना पैसा एक निर्धारित समय के लिए निवेश करने को लेकर प्रोत्साहित हों और अपनी निवेश की गई राशि पर रिटर्न पाएं। अगर आप सोच-समझकर, निवेश के सभी फायदे और नुकसान जानते हुए निवेश करेंगे तो प्रॉफिट कमा सकते हैं। 

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   चिट फण्ड कंपनियों या बोगस प्लांटेशन कंपनियों के चक्कर में पढ़कर बहुत से लोगों ने अपनी जमा पूँजी गंवाई है। इसका कारण इन कंपनियों द्वारा भारी रिटर्न और ब्याज का ऑफर दिया जाना है जिससे लोगों की बुद्धि भ्रमित हो जाती है और लोग उनमें निवेश कर बैठते हैं। 

  इन कंपनियों द्वारा एजेंटों को मोटा कमीशन दिया जाता है जिसकी लालच में पढ़कर वो अपने आस पास के लोगों का पैसा इन कंपनियों में निवेशित करवाते हैं।

  इसका खामियाजा भी इन्हीं एजेंटों को भुगतना पड़ता है  जब ऐसी कंपनियां पैसे लेकर भाग जाती है तो लोग इन्हीं एजेंटों को पकड़ते हैं। पर निवेशकों को अपना पैसा नहीं मिल पाता।  यहां जानिए सबसे अच्छी फाइनेंशियल स्कीम्स के बारे में, जिससे आप भविष्य में पैसों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

निवेश (investment)के तरीके

1- फिक्स डिपॉजिट (FD) 

पैसे निवेश करने की बात आती है तो इसका सबसे लोकप्रिय, सुरक्षित और आसान तरीका है, फिक्स्ड डिपाजिट में पैसे जमा करना। जिसमें एक निश्चित समय के लिए पैसे जमा करने होते हैं और उन पैसों पर एक निश्चित दर से ब्याज मिलता रहता है। इसमें मिलने वाला ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज का दोगुना होता है। 

   किसी भी प्राइवेट या सरकारी  बैंक में FD किया जा सकता है जहां लगभग 7 फीसदी की शुरुआती दर से ब्याज मिलता है। RBI की पालिसी के अनुसार एफडी की ब्याज दर में परिवर्तन  होता रहता है।

FD में निवेश करने के फायदे  - 

1. इसमें अपनी इच्छानुसार  जितने दिन चाहे उतने दिन के लिए निवेश कर सकते हैं। लगभग सभी बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां एफडी में 7 दिन से लेकर 10 साल तक के निवेश की सुविधा मुहैया कराते हैं। 

2.  पैसों की आकस्मिक जरूरत पड़ने पर थोड़ी पेनाल्टी देकर अपने पैसों को  निकाल भी सकते हैं। यदि आप चाहें तो बिना FD तुड़वाए इसी के आधार पर लोन भी ले सकते हैं। इसमें आपको मिलने वाले ब्याज का 2% ब्याज अधिक देना होगा। 

3.  एफडी पर मिलने वाले ब्याज को मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर चुनने की सुविधा होती है।  आप चाहें तो  एफडी के मेच्योर होने पर ब्याज सहित पूरी राशि एक साथ ले सकते हैं।

4.  FD को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जाता है इसलिए उन लोगों के लिए एफडी अच्छी है जो रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं।  इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज की दर भी अधिक दी जाती है। एक बार पैसे जमा करके हर माह मंथली इनकम प्राप्त करने का यह एक अच्छा विकल्प होता है।  

    अगर FD के नकारात्मक पक्ष की बात की जाए तो इसमें मिलने वाला ब्याज प्रतिवर्ष बढ़ने वाली मंहगाई दर से बहुत अधिक नहीं होता। इससे सिर्फ बढ़ती मंहगाई के विरुद्ध सुरक्षा प्राप्त होती है। इसमें मिलने वाले ब्याज पर नियमानुसार TDS भी देना होता है। 
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2- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) 

भारत सरकार ने Public Provident Fund की स्थापना की थी इसके पीछे  उद्देश्य यह था कि असंगठित क्षेत्र के जिन कर्मचारियों के लिए पेंशन आदि की सुविधा नहीं है वे भी इस योजना में प्रति माह पैसा लगाकर अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें। ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना को अपनाएं इसके लिए सरकार ने PPF को पूरी तरह टैक्स मुक्त रखा है। 

   यह सरकार की सहायता से चलाई जाने वाली लंबी अवधि की सेविंग स्कीम है, जिस पर टैक्स से भी छूट मिलती है। PPF में निवेश की जाने वाली राशि पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट दी जाती है। इतना ही नहीं, इन पैसों पर कमाए गए ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है।

 PPF एकाउंट के लिए जरूरी बातें -


1. PPF से जुड़ी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे देश का कोई भी नागरिक चाहे वो किसान, व्यापारी या सर्विस क्लास से आता हो अपना अकाउंट खुलवा सकता है। PPF में एक व्यक्ति सिर्फ एक अकाउंट ही खोल सकता है। उसके नाम पर एक अकाउंट खुलने के बाद वह किसी के साथ संयुक्त अकाउंट भी नहीं खोल सकता। 

2.  इस खाते में साल भर में कम से कम 500 रुपए का निवेश करना होगा और अधिकतम 1,50,000 रुपए का निवेश कर सकते हैं। PPF खाता किसी भी बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है।  
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3.  PPF खाता 15 वर्ष के लिए होता है इसमें लगातार 15 वर्ष तक हर महीने पैसे जमा करने होते हैं। इस अवधि के दौरान सामान्य स्थितियों में  पैसा नहीं निकाला जा सकता। परन्तु खाता धारक चाहे तो जमा रा​शि के आधार पर लोन जरूर ले सकता है। 

    खाता धारक की मौत होने पर या कुछ विशेष स्थितियों में ही परिपक्वता अवधि के पहले पैसा निकाला जा सकता है। 18 जून 2016 को भारत सरकार द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार इन आकस्मिक स्थितियों में PPF खाते से पैसे निकाल सकते हैं -

A. खाता धारक की मृत्यु हो जाने पर उसका नॉमिनी या कानूनी वारिस एकाउंट बंद करने के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसी स्थिति में  उसका जमा पूरा पैसा,  ब्याज के साथ बिना किसी कटौती के उसे मिल जाएगा।

B. किसी गंभीर ​बीमारी के इलाज की जरूरत स्वयं खाता धारक या उसके  निकटतम संबंधियों जैसे पति, पत्नी, बच्चे और माता-पिता में से किसी को होने पर सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित दस्तावेज के आधार पर पैसे निकाले जा सकते हैं। 

C.  स्वयं की या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी खाता बंद करने की सहूलियत मिल सकती है। इसके लिए देश या विदेश में स्थित संस्था में एडमिशन का प्रमाण और फीस का बिल दिखाना होगा। मेडिकल या हायर एजुकेशन, दोनों ही स्थितियों में एकाउंट क्लोजिंग की सुविधा तभी मिलेगी जब अकाउंट कम से कम पांच साल पुराना हो चुका हो। 

    इस प्रकार की premature closing में  जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज की निर्धारित दर से 1% कम ब्याज दिया जाएगा। ये पेनल्टी शुरू से लेकर अंत तक जमा की गई पूरी धनराशि पर लगेगी।
  
4. 15 वर्ष पूरे होने के बाद  PPF खाते को अगले 5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं। इसके लिए फार्म H भरना होता है। इसी प्रक्रिया से इसके बाद भी पांच साल के लिए खाते को आगे बढ़ाया जा सकता  है।

5. वर्तमान समय में PPF एकाउंट में  8% की ब्याज दर  है। हर तीन महीने में इस ब्याज दर की समीक्षा होती है। PPF  खाते पर मिलने वाला  ब्याज साल में एक बार 31 मार्च को खाते में ऐड होता है। इसका मतलब यहां एनुअल कम्पाउंडिंग सिस्टम लागू होता है।  

6.  PPF एकाउंट से लोन लेने पर आपको मिलने वाले ब्याज का 2% अतिरिक्त देना होता है। लोन की राशि का आधार, पिछले वित्तीय वर्ष में जो बैलेंस होता है, उसका 25 फीसदी ही लोन दिया जाता है।
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3. NSC या राष्ट्रीय बचत पत्र (National Saving Certificate) 

यह भी भारत सरकार की बचत स्कीम है। जिसमें  टैक्स छूट तो मिलती ही है, साथ ही गारंटी के साथ रिटर्न भी मिलेगा। यह एक सुरक्षित निवेश है। इसे किसी भी पोस्ट ऑफिस से खरीदा जा सकता है।  

   अपने पास के पोस्ट ऑफिस में जाकर  एनएससी में 5 साल के लिए निवेश कर सकते हैं। एनएससी पर दी जाने वाली ब्याज दर सरकार की तरफ से निर्धारित की जाती है, जिसकी हर तिमाही में समीक्षा होती ही। हालांकि, ब्याज दर निवेश की अवधि के बीच में नहीं बदलती है। 

    मौजूदा समय में एनएससी में किए गए निवेश पर लगभग 8 फीसदी का ब्याज मिलता है। एनएससी में कम से कम 500 रुपए का निवेश किया जा सकता है, जबकि अधिक से अधिक  जितना चाहें निवेश कर सकते हैं।

  एनएससी में किए निवेश पर 80सी के तहत अधिकतम 1,50,000 रुपए पर टैक्स छूट पा सकते हैं।  हालांकि इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं होता है। NSC के ब्याज को हर साल के income tax return में दिखाना होता है।


      NSC खरीदने के लिए अपने पहचान पत्र की ओरिजिनल के साथ फोटोकॉपी की जरूरत पड़ती है। एनएससी नगद राशि देकर भी खरीदे जा सकते हैं और cheque या demand draft देकर भी। चेक या डिमांड ड्राफ्ट उस डाकघर के पोस्ट मास्टर के नाम बनेगा, जहां से आप NSC खरीद रहे हैं।
      PPF और NSC दोनों ही भारत सरकार की सेविंग स्कीम  है। दोनों में जमा पैसे की गारंटी भारत सरकार लेती है। इनमें ब्याज भी लगभग समान होता है। इसके बावजूद दोनों स्कीमों में क्या अंतर है, आइए जानते हैं।  

PPF और NSC में अंतर 

A. निवेश सीमा में अंतर

NSC में आप न्यूनतम 100 रुपए से अधिकतम किसी भी सीमा तक निवेश कर सकते हैं। PPF में एक financial year के दौरान कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही निवेश किए जा सकते हैं।

B. निवेश अवधि में अंतर 

NSC अब अधिकतम 5 years के लिए ही खरीदे जा सकते हैं, जबकि PPF में 15 साल तक पैसा जमा किया जाता है। दरअसल NSC एक प्रकार के सर्टिफिकेट होते हैं, जो आवश्यकता के अनुसार खरीदे जा सकते हैं। 
  परन्तु PPF एक प्रकार का एकाउंट होता है, जिसमें खाता धारक के  नाम पैसा जमा होता है।  इसमें साल भर में 12 बार से अधिक और कुल मिलाकर Rs 1.5 लाख से अधिक नहीं जमा कर सकते।
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C. निवेश रिटर्न में अंतर 

दोनों schemes में इस समय समान ब्याज दर 8 फीसदी मिलती है। यानी रिटर्न एक समान है लेकिन जहां एनएससी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है वहीं पीपीएफ का ब्याज टैक्स मुक्त होता है। इसलिए अगर आपकी आमदनी टैक्स के दायरे में आती है तो पीपीएफ की कमाई  ज्यादा फायदेमंद होगी क्योंकि इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

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इस तरह से ये तीनों ही निवेश सुरक्षित return देते हैं। यदि अधिक return चाहते हैं तो शेयर बाजार या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया जा सकता है। परन्तु उनमें सुरक्षित return की गॉरन्टी नहीं होती, वहां नुकसान की आशंका बनी रहती है। वास्तव में यह निवेशक की उम्र और उसकी रिस्क कैपेसिटी पर निर्भर करता है कि वो निवेश के लिए किस माध्यम का उपयोग करता है। 


  आशा है ये पोस्ट  "Top 3 ways to invest your money. निवेश के तरीकेआपको उपयोगी लगी होगी। इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

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