Heat stroke home remedies. लू के कारण और बचाव
लू (heat stroke) यानि गर्मी के मौसम में चलने वाली गर्म हवा। यह गर्म हवा अधिकतर अप्रैल से जून के बीच चलती है। हमारे शरीर को इससे बहुत नुकसान पहुँच सकता है, इसलिए लू से सावधान रहना जरुरी है। इसके दुष्प्रभाव से चक्कर आना, जी घबराना, बुखार आदि होने लगते हैं।लू लगने का कारण शरीर में अत्यधिक गर्मी का बढ़ना और इस गर्मी पर शरीर द्वारा काबू नहीं कर पाना होता है।
हमारे शरीर में खुद को ठंडा रखने की कार्यप्रणाली होती है। इसके कारण हम बाहर के तापमान में होने वाली वृद्धि या शारीरिक गतिविधि के कारण अंदर बढ़ने वाली गर्मी से खुद को बचा पाते हैं। पसीना आना उसी कार्यप्रणाली का हिस्सा होता है।
शरीर में पानी की कमी होने पर यह सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर पाता और शरीर का तापक्रम बढ़ने लगता है। यदि यह तापमान 104 डिग्री फैरेन्हाईट से अधिक हो जाये तो शरीर के लिए खतरनाक स्थिति बन सकती है। इसे ही लू लगना कहते हैं।
लू लगने के लक्षण (Symptom of heat stroke)
1. शरीर का तापमान अधिक हो जाना
2. मांसपेशीयों में ऐंठन होना
3. जी घबराना या उल्टी होना
4. सिर दर्द या चक्कर आना
5. गर्मी के बावजूद पसीना नहीं आना
6. त्वचा का लाल, गर्म और सूखी हो जाना
7. दिल की धड़कन बढ़ जाना
8. साँस लेने में परेशानी महसूस होना
9. व्यवहार में परिवर्तन जैसे भ्रम आदि होना
लू (Heat stroke) लगने के कारण
शरीर में गर्मी बढ़ने और लू लगने के मुख्य कारण ये हो सकते है -
1. पानी की कमी
यदि शरीर में पानी की कमी होती है और ऐसे में तेज धूप और गर्मी में अधिक देर तक रहते हैं या तेज गर्मी में कड़ी शारीरिक मेहनत वाले काम करते हैं तो शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। ऐसे में लू या हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
2. मादक द्रव्यों का अधिक सेवन
शराब पीने तथा चाय कॉफी के अधिक सेवन से पेशाब ज्यादा आता है। इसका कारण शरीर के द्वारा इनके नुकसानदायक तत्वों को बाहर निकालने की कोशिश करना है। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है और लू लग सकती है।
3. पुरानी बीमारी के कारण कमजोरी
पुरानी बीमारी जैसे डायबिटीज, मानसिक तनाव, ह्रदय रोग, फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त होने पर शारीरिक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे लोग गर्मी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। नुकसान से बचने के लिए इन्हें अधिक सावधान रहने की जरुरत होती है।
अधिकतर बच्चे या बुजुर्ग लोग आसानी से लू की चपेट में आ जाते है। क्योंकि उनमें गर्मी का सामना करने की शक्ति कम होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने, अधिक शराब या चाय कॉफी पीने पर किसी भी उम्र में लू लग सकती है।
गर्मी के मौसम में चुस्त फिटिंग वाले या टाइट कपड़े पहनने से हवा नहीं लग पाती और शरीर के अंदर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती। ऐसे में गर्मी के दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं और हीट स्ट्रोक या लू का असर हो सकता है।4. टाइट कपड़े पहनना
5. बिना AC वाली बंद कार
कभी कभी बंद कार लू लगने का बहुत सामान्य कारण होता है। बंद कार यदि धूप में खड़ी हो तो कार के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से बहुत ज्यादा हो जाता है।
ऐसी स्थिति में कार के शीशे खोलकर थोड़ी देर AC चालू कर दें जिससे अंदर की ज्यादा गर्म हवा बाहर निकल जाए, अंदर का तापमान सामान्य होने पर कार का प्रयोग करें।
छोटे बच्चों या को बंद कार में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए यह खतरनाक हो सकता है। इस तरह के केस सामने आये हैं, जब लोग अपने बच्चों को बंद कार में छोड़कर चले गए और वापस आने पर वो बच्चे मृत पाए गए। हो सकता है वे बाहर निकलना चाहें भी हों और बाहर न निकल पाये और किसी को उनकी परेशानी का अहसास ना हो।
6. अत्यधिक नमी वाली गर्मी
जब वातावरण में नमी अधिक हो जाती है तो पसीना शरीर से उड़ नहीं पाता। पसीना नहीं उड़ने के कारण ठंडक नहीं हो पाती। इससे लू लग सकती है।
लू से बचाव (Protection) कैसे करें
1. तरल चीजों का सेवन करें
गर्मी के मौसम में ज्यादा से ज्यादा तरल चीजों का सेवन करना चाहिए ताकि पसीने में निकले पानी की पूर्ति हो जाये। इसमें फलों का रस, गन्ने का रस, लस्सी या छाछ, नींबू का शर्बत और कच्चे आम का पना या बेल का शर्बत ले सकते है।
इसके अलावा पानी पर्याप्त मात्रा में पीना आवश्यक है। फ्रीज के बहुत अधिक ठंडे पानी में सादा पानी मिलाकर पियें या इसकी जगह मटके का पानी पीना ज्यादा लाभदायक होगा। बाहर से आने के बाद तुरंत पानी न पीएं। जब आपके शरीर का तापमान सामान्य हो जाए तभी पानी पिएं।
2. मौसम के अनुकूल वस्त्र पहनें
गर्मी के मौसम में टाइट कपड़े पहनने की जगह पतले, हल्के और ढ़ीले कपड़े पहनने से शरीर आसानी से ठंडा हो पाता है। मौसम के अनुकूल कपड़े होने से त्वचा से पसीना उड़ने की प्रक्रिया तेज होती है और शरीर का तापमान कम होता है। गर्मी में सिंथेटिक कपड़ों का प्रयोग न करके कॉटन के कपड़ें पहनें। यह पसीना सोखता है जिससे गर्मी कम लगती है।
पूरी बांह वाले तथा सफ़ेद रंग के या हल्के रंग के पतले कपड़े पहनने चाहिए। सफ़ेद रंग गर्मी को परावर्तित करता है। काले रंग के या गहरे रंग के कपड़े ना पहने। डार्क कलर में गर्मी को अवशोषित करने का गुण होता है इसलिए गर्मी अधिक लगती है।
3. सिर को धूप से बचाएं
दिन के समय जब गर्मी ज्यादा होती है तब सिर को किसी कपड़े से ढककर तेज धूप से बचाव कर सकते हैं। कैप या हैट पहन कर सिर और गर्दन को गर्मी से बचाया जा सकता है।
धूप में कम से कम निकलने की कोशिश करें। अगर निकलना जरूरी है तो छाता लेकर चलें। सनस्क्रीन लोशन का उपयोग किया जा सकता है जिसका SPF 30 या इससे ज्यादा हो।
धूप में निकलने से पहले पूरे अंगो को ढकने वाले कपड़े पहने। कोशिश करनी चाहिए कि दोपहर में निकलने के बजाय सुबह या शाम के ठन्डे समय में काम को निपटा लें। यदि धूप में निकलना पड़ता हो तो जरूरत के अनुसार ठंडा तरल पदार्थ जूस आदि पीते रहना चाहिए।
5. शराब या मादक द्रव्यों का सेवन न करें
अधिक मात्रा में चाय कॉफी के सेवन से बचें। गर्मी में अधिक शराब पीना खतरनाक हो सकता है। अधिक मात्रा में मादक द्रव्य का सेवन करने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है और गर्मी में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
b. गर्मियों में आम का पना पीना चाहिए। यह कच्चे आम को पानी में उबालकर इसका गूदा निकालें फिर इसमें पुदीना, सेंधा नमक, भुना हुआ पिसा जीरा, शक़्कर या गुड़ मिलाकर शर्बत बनाये। गर्मियों में यह पेय बहुत फायदेमंद होता है, जो आपको लू से बचाता है।
c. बाहर निकलने से पहले अपने साथ पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। दिन में खाली पेट बाहर नहीं निकले। घर से निकलने के पहले कुछ खाकर निकले।
d. गर्मी के दिनों में कच्ची प्याज खाने से भी लू से बचाव होता है। आप खाने के साथ प्याज का प्रयोग सलाद में कर सकते हैं।
e. गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए तरबूज, ककड़ी, खरबूज का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा फलों का जूस लेना भी फायदेमंद है। इससे आपके शरीर को उर्जा मिलती है और थकान कम लगती है।
आशा है ये पोस्ट "Heat stroke home remedies. लू के कारण और बचाव " आपको उपयोगी लगी होगी। इसे शेयर कर सकते हैं। अपने विचार कमेंट द्वारा बताएं। ऐसी और भी उपयोगी जानकारी लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
also read -
1. health ke liye allopathy ya naturopathy
2. morning walk ke fayde
6. ये घरेलू उपाय करें
a. धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी चीनी मिलाकर पीएं।b. गर्मियों में आम का पना पीना चाहिए। यह कच्चे आम को पानी में उबालकर इसका गूदा निकालें फिर इसमें पुदीना, सेंधा नमक, भुना हुआ पिसा जीरा, शक़्कर या गुड़ मिलाकर शर्बत बनाये। गर्मियों में यह पेय बहुत फायदेमंद होता है, जो आपको लू से बचाता है।
c. बाहर निकलने से पहले अपने साथ पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। दिन में खाली पेट बाहर नहीं निकले। घर से निकलने के पहले कुछ खाकर निकले।
d. गर्मी के दिनों में कच्ची प्याज खाने से भी लू से बचाव होता है। आप खाने के साथ प्याज का प्रयोग सलाद में कर सकते हैं।
e. गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए तरबूज, ककड़ी, खरबूज का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा फलों का जूस लेना भी फायदेमंद है। इससे आपके शरीर को उर्जा मिलती है और थकान कम लगती है।
आशा है ये पोस्ट "Heat stroke home remedies. लू के कारण और बचाव " आपको उपयोगी लगी होगी। इसे शेयर कर सकते हैं। अपने विचार कमेंट द्वारा बताएं। ऐसी और भी उपयोगी जानकारी लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
also read -
1. health ke liye allopathy ya naturopathy
2. morning walk ke fayde
No comments:
Post a Comment