Diabetes home remedies. डायबिटीज कन्ट्रोल करने के तरीके
हमारे देश में तेजी से बढ़ती बीमारियों में प्रमुख है - मधुमेह (शुगर रोग) या डायबिटीज। पहले बड़ी उम्र वर्ग के लोगों में होने वाली यह बीमारी अब किसी भी उम्र में देखी जा रही है। इसके व्यापक फैलाव का कारण है अनियमित जीवनशैली- जिसमें खानपान में लापरवाही और दैनिक जीवन में व्यायाम का अभाव शामिल है। जिसके कारण यह बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है।
मधुमेह के बारे में कहा जाता है यदि एक बार कोई इसके गिरफ्त में आ जाए, तो यह उसे जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी के प्रभाव से शरीर के अंग अपना स्वाभाविक कार्य नहीं कर पाते। जिनमें किडनी और लीवर की कमजोरी के साथ आँखों और पैरों में परेशानी देखी जाती है।
मधुमेह के बारे में कहा जाता है यदि एक बार कोई इसके गिरफ्त में आ जाए, तो यह उसे जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी के प्रभाव से शरीर के अंग अपना स्वाभाविक कार्य नहीं कर पाते। जिनमें किडनी और लीवर की कमजोरी के साथ आँखों और पैरों में परेशानी देखी जाती है।
डायबिटीज (मधुमेह) होने के कारण
डायबिटीज ज्यादातर वंशानुगत और बिगड़ी जीवनशैली के कारण होता है। जो लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते और ज्यादातर फास्ट फूड का सेवन करते हैं उनमें डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
इंसुलिन एक हार्मोन है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य भोजन को ऊर्जा में बदलने का होता है।डायबिटीज हो जाने पर शरीर, भोजन को ऊर्जा में कठिनाई से बदल पाता है। ऐसी स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
इंसुलिन एक हार्मोन है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य भोजन को ऊर्जा में बदलने का होता है।डायबिटीज हो जाने पर शरीर, भोजन को ऊर्जा में कठिनाई से बदल पाता है। ऐसी स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना अधिक होता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आने पर हार्ट अटैक हो सकता है। लंबे समय तक डायबिटीज रहने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है।
डायबिटीज कन्ट्रोल करने के घरेलू तरीके
1. व्यायाम करें -
अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। हल्के व्यायाम करने की आदत बनाएं। व्यायाम, बिना किसी दवाई के मधुमेह को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है। यह रोग की गंभीरता को कम कर देता है और काफी लंबे समय तक जटिलताओं के जोखिम को कम करता है।
व्यायाम करने से टाइप 2 मधुमेह के मूल कारणों से निपटने में मदद मिलती है। इसके अलावा नियमित व्यायाम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और उच्च रक्तचाप को कंट्रोल में रखने में मदद करता है।पैदल चलना भी डायबिटीज कन्ट्रोल करने के लिए जरूरी है।
व्यायाम करने से टाइप 2 मधुमेह के मूल कारणों से निपटने में मदद मिलती है। इसके अलावा नियमित व्यायाम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और उच्च रक्तचाप को कंट्रोल में रखने में मदद करता है।पैदल चलना भी डायबिटीज कन्ट्रोल करने के लिए जरूरी है।
मॉर्निंग वाक की आदत बनाएं, दिन में तीन से चार किलोमीटर पैदल चलना डायबिटीज के रोगी के लिए महत्वपूर्ण है।
2. अच्छा और संतुलित आहार -
सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज और ओमेगा-3 वसा के स्रोतों को अपने भोजन में शामिल कीजिये।खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें तथा आलू, चावल और मक्खन का बहुत कम उपयोग करें। जिनसे शरीर में ग्लूकोज़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और शरीर को फाइबर प्राप्त होगा।
नाश्ते में अंकुरित अन्न (sprouts), कटे हुए फल, छाछ को शामिल करें।ज़्यादा तेल में तलें आहार या जंक-फ़ूड के बदले भुनी हुई खाद्य सामग्री को खाने में शामिल करें।
मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए। मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है।
नाश्ते में अंकुरित अन्न (sprouts), कटे हुए फल, छाछ को शामिल करें।ज़्यादा तेल में तलें आहार या जंक-फ़ूड के बदले भुनी हुई खाद्य सामग्री को खाने में शामिल करें।
मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए। मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है।
अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नींंबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है। इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
डायबिटीज के रोगियों को अपने भोजन में तुरई, करेला, मेथी, मुनगा, परवल, लौकी, मूली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
फलों में जामुन, आंवला, संतरा, मौसमी,पपीता,खरबूजा,अमरूद और नाशपाती को शामिल करें। प्राकृतिक कच्चा भोजन सभी प्रकार के रोगों के लिए सबसे अच्छी दवा है।
शुगर का लेवल नियंत्रण में रखने के लिए स्टार्च-युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मैदे की ब्रेड, पास्ता, चावल, और मैदे से बनी हुई चीज़ों के साथ ग्रेवी वाला खाना कम खाएं। पैकेज्ड या प्रोसेस्ड फ़ूड जैसे चिप्स, बिस्कुट, नमकीन, और सॉफ्ट ड्रिंक्स के साथ नॉन वेज फ़ूड खाने से परहेज करें।
3. शराब का सेवन कम करें या छोड़ें -
धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।ज्यादा शराब पीने से डायबिटीज़ से जुडी समस्याएं और बढ़ जाती हैं। डायबिटीज़ का असर जिनकी धमनियों पर पड़ा हो अल्कोहल ऐसे लोगों में दर्द का असर बढ़ा देता है। इससे पैन्क्रियास में जलन की आशंका बढ़ जाती है, और डायबिटीज़ से सुरक्षा देने वाले इन्सुलिन की मात्रा कम हो जाती है।
साथ ही डायबिटीज़ के दौरान ज़्यादा शराब पीने से आंखों से जुड़ी बीमारियों की आशंका और भी बढ़ जाती है। शराब का असर डायबिटीज़ की दवाइयों पर भी पड़ सकता है। अगर आप इन्सुलिन लेते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें, कि जिस दिन आपको शराब पीनी है, उस दिन इन्सुलिन की मात्रा कम करने की ज़रूरत तो नहीं?
साथ ही डायबिटीज़ के दौरान ज़्यादा शराब पीने से आंखों से जुड़ी बीमारियों की आशंका और भी बढ़ जाती है। शराब का असर डायबिटीज़ की दवाइयों पर भी पड़ सकता है। अगर आप इन्सुलिन लेते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें, कि जिस दिन आपको शराब पीनी है, उस दिन इन्सुलिन की मात्रा कम करने की ज़रूरत तो नहीं?
4. तनाव से बचें -
आफिस के काम या किसी अन्य प्रकार की ज्यादा टेंशन लेने से बचें। रात को पर्याप्त नींद लें, कम नींद स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। तनाव को कम करने के लिए संगीत सुनें।
ज़्यादा देर तक कंप्यूटर के सामने बैठने से बचें। शुगर का लेवल कण्ट्रोल करने के लिए समय-समय पर स्ट्रेच करें या टहलकर आएं।
5. योग और ध्यान करें -
मधुमेह की समस्या को ठीक करने के लिए अपनी जीवन शैली में योगासन, प्राणायाम व ध्यान को जोड़ना एक सही कदम है। ध्यान हमारे शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है। मेडिटेशन करने से शरीर शांत होता है और शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद मिलती है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का एक असरदार तरीका नियमित योग करना है। डायबिटीज की समस्या होने पर ब्लड सेल्स शरीर में उत्पन्न इन्सुलिन पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देते हैं। लेकिन नियमित रूप से योग करने पर यह प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे ब्लड - ग्लूकोज को कम करने में मदद मिलती है।
कपालभाति प्राणायाम और शवासन जैसी योग क्रियाओं को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ और मधुमेह का सामना करे।इसके लिए निरंतर अनुशासन के साथ जो भी समय आपने योगासन करने के लिए निर्धारित किया हैं, उसका पूरी तरह पालन करना होगा। तभी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का एक असरदार तरीका नियमित योग करना है। डायबिटीज की समस्या होने पर ब्लड सेल्स शरीर में उत्पन्न इन्सुलिन पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देते हैं। लेकिन नियमित रूप से योग करने पर यह प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे ब्लड - ग्लूकोज को कम करने में मदद मिलती है।
कपालभाति प्राणायाम और शवासन जैसी योग क्रियाओं को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ और मधुमेह का सामना करे।इसके लिए निरंतर अनुशासन के साथ जो भी समय आपने योगासन करने के लिए निर्धारित किया हैं, उसका पूरी तरह पालन करना होगा। तभी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
डायबिटीज नियंत्रित (कंट्रोल )करने के लिए ये घरेलू उपाय करें -
A. मेथी दाने का प्रयोग करें -
मेथीदाने में मधुमेह को नियंत्रित करने की अद्भुत क्षमता होती है।डायबिटीज के उपचार के लिए दवा कंपनियां भी अब मेथी के पावडर को बाजार तक ले आई हैं। मैथीदानों का चूर्ण बनाकर रख लीजिए। इसे प्रातः खाली पेट दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेना होता है।
दूसरी विधि में मेथी दाना रात को भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खायें और उस मेथी के पानी को पियें।
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B. करेला
प्राचीन काल से करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है।
मधुमेह के रोगी को इसका रस नियमित रूप से पीना चाहिए। इससे आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। नए शोधों से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि उबले करेले का पानी, मधुमेह को समाप्त करने की क्षमता रखता है।
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C. जामुन
जामुन का रस, पत्ते और गुठली सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं।जामुन, डायबिटीज (मधुमेह) के उपचार में एक पारंपरिक औषधि है।डायबिटीज के रोगी के लिए वरदान स्वरूप जामुन का प्रयोग मौसम के अनुरूप उपलब्ध होते ही खूब करना चाहिए।
जामुन की गुठली एकत्रित करके इसका बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ इस चूर्ण का सेवन करने से शुगर नियंत्रित होता है।
D. गेहूं के जवारे
गेहूं के जवारे में रोगनाशक गुण विद्यमान होते हैं। गेहूं के छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है।
इसलिए इसे ग्रीन ब्लड के नाम से जाना जाता है। जवारे का ताजा रस निकालकर रोज सुबह-शाम इसका सेवन आधा कप की मात्रा में करें।
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F. तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की शक्ति है। तुलसी के पत्तों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करके एक्स्ट्रा शुगर कंटेंट को शरीर से निकलने में मदद करता है।
विशेष - इस लेख में मधुमेह रोगियों के लिए कुछ देसी नुस्खे पेश किए गए हैं। इनमें से किसी को भी आजमाने से पूर्व अपने रोग की स्थिति को देखकर चिकित्सक की राय अवश्य लें।यदि आपको ये लेख "Diabetes home remedies. डायबिटीज कन्ट्रोल करने के तरीके" पसंद आया हो तो इसे डायबिटीज से पीड़ित लोगों तक शेयर करें। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
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