Visit to goa. गोवा की सैर
भारत में अगर आप दूर तक फैले बहुत से साफ सुथरे समुद्र तटों के साथ ऊर्जा से भरपूर डांस मस्ती की तलाश में हैं, तो गोवा आपके लिए परफेक्ट जगह है। गोवा देश ही नही विदेश के पर्यटकों के लिए भी अल्टीमेट डेस्टीनेशन बन चुका हैं।पिछले चंद सालों से गोवा का आकर्षण पर्यटकों के बीच बढ़ता जा रहा है। गोवा का मुख्य आकर्षण है, यहां के शानदार समुद्र तट जिनका प्राकृतिक सौंदर्य अनूठा है। गोवा के दो प्रमुख भाग हैं - उत्तर (जिसमे पंजिम और वास्को आता है) और दक्षिण (मडगाव)।
अपने कैसिनो, काजू से बनी लाजवाब फेनी, आधुनिक जीवन शैली, विदेशियों की भारी उपस्थिति और नाईट dance पार्टियों के चलते गोवा पहुंचकर विदेश में होने का अहसास होता है।
यहां सिर्फ खूबसूरत इलाके ही नहीं, बल्कि पर्यटन से जुड़ी हर तरह की सुविधाएं भी है। इसीलिए इसे 'पर्यटकों का शहर' भी कहा जाता है। यहां के लोगों की आधिकारिक भाषा कोंकणी हैं।
लेकिन गोवा सिर्फ डांस मस्ती और पार्टियों तक सीमित नहीं है। गोवा में कई ऐसे बेहतरीन रिसॉर्ट्स और समुद्र तट पर बने कॉटेज हैं, जहां लोग शांति की तलाश में भी आते हैं। यहां बिंदास होकर समुद्र स्नान का आनंद लिया जा सकता है। यहां हर बजट के अनुरूप होटल और कॉटेज उपलब्ध है।
गोवा में रुकने लिए पर्यटन विभाग द्वारा समुद्र के किनारे कॉटेज बनाये गए हैं, जिसकी एडवांस बुकिंग कराई जा सकती है। यहां जगह-जगह पर ट्रैवल एजेंसियों के दफ्तर बने हुए हैं, जो पर्यटकों को गोवा के सारे इलाकों की सैर कराते हैं।
गोवा में रुकने लिए पर्यटन विभाग द्वारा समुद्र के किनारे कॉटेज बनाये गए हैं, जिसकी एडवांस बुकिंग कराई जा सकती है। यहां जगह-जगह पर ट्रैवल एजेंसियों के दफ्तर बने हुए हैं, जो पर्यटकों को गोवा के सारे इलाकों की सैर कराते हैं।
गोवा कब जाएं
गोवा जाने का सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है।इस पीक सीजन में यहां बहुतायत में पर्यटक आते हैं। जून से सितंबर तक बारिश में पर्यटक कम ही आते हैं।
नए साल की पार्टी के लिए गोवा को विशेष और आकर्षक स्थल माना जाता है। इसलिए काफी संख्या में पर्यटक न्यू ईयर पार्टी का मजा लेने के लिए गोवा जाते हैं।
गोवा के मशहूर समुद्रतट
गोवा का मुख्य आकर्षण है - इसके रूपहली रेत से अठखेलियां करते पारदर्शी पानी से लबरेज साफ सुथरे समुद्र तट।आप यहां कैलंग्यूट और बागा बीच पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय समंदर में डॉल्फिन क्रूज के जरिए अठखेलियां करती डॉल्फिन देख सकते हैं।
गोवा के मशहूर समुद्रतटो मे अंजुना पणजी से 18 किमी दूर है। पणजी से 18 किमी की दूरी पर उत्तरी गोवा मे एक और बीच बागा है, जो सात किमी लंबा है।
पणजी से 50 किमी दूर अरमबोल बीच की खूबी यहां चट्टानो पर की गई कलाकारी है। दक्षिण गोवा मे मडगांव से 22 किमी दूर बेतुल बीच दोनो ओर फैले पाम के पेड़ो के लिए जाना जाता है। इससे पहले मडगांव से 4 किमी दूर बेनौलिम बीच है।
कोल्बा बीच पर सनराइज और सनसेट का दृश्य मनोरम होता है। पणजी से 3 किमी दूर स्थित मीरामार बीच को गोल्डन बीच के नाम से भी जाना जाता है।
वाटर स्पोर्ट्स के शौकीनो के लिए डोना पाउला और बोगमालो बीच पर अच्छी सुविधाएं है। यहां पहुंचकर ये सारे वॉटर स्पोर्ट्स आप कर सकते हैं - पैरासैलिंग, जेटस्की, बोट राइड, पैराग्लाइडिंग।
क्रूज में डिनर और डांस का मजा ले सकते हैं। शाम को चाहें तो कैंडल लाइट डिनर बीच पर करें। वैसे तो गोवा के समुद्र तट लोगों को आकर्षित करते हैं पर यहां अन्य आकर्षणों की भी कोई कमी नहीं है।
यहां पर जलप्रपात, वन्य प्राणी अभ्यारण्य, बर्ड पार्क के साथ प्राचीन चर्च एवं दर्शनीय मंदिर भी हैं।
दूधसागर जलप्रपात
अगर आकर्षक जलप्रपात देखना हो तो दूधसागर जलप्रपात जा सकते है। यहां नाम के अनुरूप दूध जैसा पानी, सैकड़ो फुट की ऊंचाई से गिरता हुआ बेहद सुंदर दृश्य उत्पन्न करता है। प्राकृतिक नज़ारे के शौक़ीन हों तो दूधसागर जैसे वॉटरफॉल का कोई विकल्प नहीं हैं।
स्वप्नगंधा जंगल में कोलारघाट में स्थित दूधसागर वाटरवाल्स गोवा-कर्नाटक सीमा पर स्थित हैं। पणजी या मडगाव से टैक्सी या बस से यहां पहुंचा जा सकता है।
सबसे मजेदार बात यह है कि दो हजार फुट की ऊंचाई से गिरते इस झरने के ठीक सामने कुछ मीटर की दूरी पर रेल पटरी गुजरती है। चट्टानों और झाडियों बीच चढाई करने का शौक हो तो इस वॉटरफॉल के शीर्ष तक पहुंच सकते हैं।
गोवा में एक और जलप्रपात अरवालेम है। 24 मीटर ऊंचे इस जलप्रपात की छटा मानसून के बाद देखने लायक होती है। आसपास की गुफाएं इसके सौदर्य को और बढ़ाती है।
पक्षी विहार व अभ्यारण्य
वन्य जीवन में रुचि रखने वालो के लिए यहां के पक्षी विहार व अभ्यारण्य काफी आकर्षक है। यहां दुर्लभ स्तनधारी, पक्षी और सरीसृप की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती है। पक्षियों को देखना जिन्हें भाता हैं, उनके लिए यह स्थान सटीक है।
इको टूरिज्म के जितने स्थल गोवा में हैं, शायद ही कहीं ओर हो। पणजी से 52 किमी और मडगांव से 36 किमी की दूरी पर एक खूबसूरत जंगल है, जिसे बोन्डला के नाम से जाना जाता हैं। बोन्डला वन्यजीव अभयारण्य और चिडियाघर के साथ बोटोनिकल गार्डन भी है।
सपरिवार रहने और जंगल का लुत्फ उठाने के लिए गोवा सरकार की तरफ से यहां बेहतरीन कॉटेज भी उपलब्ध हैं। बोंडला पार्क हर बृहस्पतिवार को बंद रहता है।
गोवा की तीसरी बडी वाइल्ड-लाइफ सैंक्चुअरी है- कोतिगांव। दक्षिण गोवा का यह प्रमुख पर्यटन स्थल पणजी से 76 किमी की दूरी पर बना हैं।
वहीं सालिम अली बर्ड सैंक्चुअरी तो पूरी दुनिया में जानी जाती है। यह गोवा की प्रख्यात मांडवी नदी के किनारे फैली है। पक्षियों की विविध किस्में देखने पूरे साल भर पर्यटक यहां आते रहते हैं।
वहीं सालिम अली बर्ड सैंक्चुअरी तो पूरी दुनिया में जानी जाती है। यह गोवा की प्रख्यात मांडवी नदी के किनारे फैली है। पक्षियों की विविध किस्में देखने पूरे साल भर पर्यटक यहां आते रहते हैं।
गोवा के मंदिर
गोवा के मंदिरो मे श्री अनंत देवस्थान अपने आप मे अलग महत्व का है। यहां शयन मुद्रा मे भगवान विष्णु की काले पत्थरो से निर्मित मूर्ति देश मे अपनी तरह की गिनी-चुनी मूर्तियो मे से एक है।
यहां श्री भगवती मंदिर, श्री बागेश्वर मंदिर, श्री चंद्रनाथ मंदिर, श्री गणपति मंदिर, श्री महादेव मंदिर, श्री महालक्ष्मी मंदिर भी दर्शनीय हैं।
स्थानीय भोजन और हर्बल गार्डन
गोवा जाने वाले हर पर्यटक की, चाहे वो विदेशी हो या देशी, स्थानीय फूड खाए बिना गोवा यात्रा व्यर्थ कहलाएगी। दुनियाभर में मशहूर यहां के खाने का असली जायका उसके मसालों में हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से गोवा के इको टूरिज्म में स्पाइस प्लांटेशन भी प्रमुख तौर पर शामिल हो गए हैं।
वैसे, विदेशी पर्यटक तो गोवा के मशहूर काजू, कोकोनट और आम के बगीचे देखने में भी बेहद रुचि रखते हैं। गोवा में हर्बल गार्डंस पर्यटकों के लिए नया आकर्षण बनते जा रहे हैं।
पार्वती-माधव पार्क प्लान्टेशन, केरी नामक गांव में बसा हैं, जहां हर्बल कल्टीवेशन किया गया है। ऑर्गेनिक फार्मिग के अलावा यहां पर पर्यटकों का ठेठ गोवन लजीज खाना भी खिलाया जाता है।
इसके अलावा वालपई गांव के निकट रस्टिक प्लांटेशन फलों के बगीचों के लिए खास देखने लायक है। इनके अलावा सहकारी स्पाइस फार्म, संस्कृति सैवियो प्लांटेशन जैसी जगहों पर मसाले उगाए जाते हैं, जहाँ पर्यटकों को इन मसालों के पौधों को जानने समझने का अवसर मिलता है।
यातायात के साधन
गोवा की सडकें बेहद आरामदायक हैं। आप चाहें तो कहीं भी जाने के लिए किराये पर मोटर साइकिल और कार ले सकते हैं। ये 12 और 24 घंटे के लिए किराये पर उपलब्ध होती हैं। निजी बस सेवा और सरकारी बस सेवा की भी अच्छी सुविधा है।
मडगाव के लिए दिल्ली-मुंबई व अन्य जगहों से सीधी ट्रेनें हैं। दांबोलिन हवाई अड्डा मडगाव से 5 किलोमीटर और पणजी से 26 km दूर है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोचिन और तिरुअनंतपुरम से गोवा के लिए सीधी उड़ानें हैं।
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मडगाव के लिए दिल्ली-मुंबई व अन्य जगहों से सीधी ट्रेनें हैं। दांबोलिन हवाई अड्डा मडगाव से 5 किलोमीटर और पणजी से 26 km दूर है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोचिन और तिरुअनंतपुरम से गोवा के लिए सीधी उड़ानें हैं।
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