Chitrakoot falls Bastar, Chhattisgarh. चित्रकोट तीरथगढ़ जलप्रपात
छत्तीसगढ़ को वनाच्छादित प्रदेश बनाने में बस्तर संभाग सबसे प्रमुख है। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी सभ्यता और संस्कृति आज भी कायम है, जिसे करीब से जानने और देखने के लिए विदेशी पर्यटक भारत आते हैं।घने जंगलों से भरपूर हरियाली के कारण बस्तर क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता मन को मोह लेती है। बस्तर में वैसे तो जलप्रपातों की लंबी श्रृंखला है, पर चित्रकोट इनमें अनूठा है जो इस क्षेत्र की सुंदरता को चार चाँद लगाता है।
कैसे पहुचें -
1. सड़क मार्ग -बस्तर संभाग का मुख्यालय जगदलपुर है। इसकी दूरी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सड़क मार्ग द्वारा 300 km. है। रायपुर से प्राइवेट टैक्सी या रात्रिकालीन बस सेवा द्वारा 6 -7 घंटो में जगदलपुर पहुंचा जा सकता है।
2. रेल मार्ग -
विशाखापट्नम और उड़ीसा से जगदलपुर रेल मार्ग से जुड़ा है।
3. वायु मार्ग -
जगदलपुर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट रायपुर है जो देश के सभी प्रमुख शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा है। बस्तर में घूमने के लिए अक्टूबर-फरवरी का समय सबसे बेहतर है।
चित्रकोट जलप्रपात
यह जगदलपुर से 39 किमी दूर बस्तर की जीवन रेखा इन्द्रावती नदी पर बनता है। 90 फुटकी ऊंचाई से इन्द्रावती की धारा गर्जना करते हुये गिरती है। इसे देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है।
भारत का नियाग्रा -
यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है। जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। इसकी विशेषताओं की बात करें तो चित्रकोट का जलप्रपात देशभर में मौजूद सभी जलप्रपातों में चौड़ाई के मामले में नंबर -1 है।इसे अपने घोडे की नाल समान आकार के साथ अत्यंत मनमोहक और आकर्षक होने के कारण भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है।
हर मौसम में अलग नज़ारा -
बारिश के मौसम में यह पूरे शबाब पर होता है। जब इंद्रावती गर्जना करते हुए अपने विराट रूप में प्रकट होती है।
गर्मियों की चांदनी रात में इसकी दूधिया सफेदी के आकर्षण में चित्त बंध सा जाता है। मौसम के अनुसार इस जलप्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएं गिरती हैं।गर्मी के मौसम में इसका नज़ारा नीचे से नाव में बैठकर भी लिया जा सकता है।
इसके आस पास स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाये गए हस्तशिल्प, लकड़ी और बांस की कलाकृतियां साथ ही अन्य सजावटी सामान मिलता है, जिसे बस्तर की निशानी के तौर पर लोग खरीदकर ले जाते हैं।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा इसके आस पास ठहरने की व्यवस्था है। जगदलपुर से प्राइवेट टैक्सी करके चित्रकोट और उसके आसपास घूमा जा सकता है।
छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा इसके आस पास ठहरने की व्यवस्था है। जगदलपुर से प्राइवेट टैक्सी करके चित्रकोट और उसके आसपास घूमा जा सकता है।
बस्तर में कई और जलप्रपात भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं जिनमें "तीरथगढ़ का जलप्रपात" भी प्रसिद्ध है। यह जगदलपुर से 35 किलोमीटर दूर कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान में है। यहां का नैसर्गिक सौंदर्य सैलानियों को रोमांच और कौतूहल से भर देता है।
तीरथगढ़ का जलप्रपात -
1.भारत में सबसे ऊँचा -
भारत के सबसे ऊँचे जलप्रपातों में शामिल बस्तर के कांगेर नदी पर स्थित तीरथगढ़ जलप्रपात की ऊंचाई 300 फीट है। कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित ये जलप्रपात खूबसूरत जंगलों और पेड़ पौधों की प्रचुरता से घिरा है।परिवार या दोस्तों के साथ किसी खूबसूरत जगह का आनंद लेना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए है। यहां पर पिकनिक का आनंद उठाया जा सकता है।
2. अलग ही आनंद -
वाटर फॉल के साथ जंगल का दृश्य होने के कारण फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी ये जगह उत्तम है यहां पर पानी स्टेप बाय स्टेप गिरता है जो दूधिया छटा पैदा करता है। यह दृश्य चित्रकोट फॉल से बिलकुल अलग होता है। यहां सीढ़ियों से नीचे तक जाकर पर्यटक नहाने का आनंद ले सकते हैं यह अनुभव आपको एक अलग सा अहसास देगा।ऊपर से पूरे वेग से गिरता पानी नीचे आकर छोटी बूंदों के रूप में धुंध सा दिखाई पड़ता है जो आपको एक अलग कल्पनालोक में ले जाता है यहां स्नान का अनुभव पूरे जीवन अविस्मरणीय बना रहेगा। प्रकृति का ऐसा खूबसूरत नज़ारा कोई भी प्रकृति प्रेमी बार बार देखना चाहेगा।
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बस्तर के अन्य दर्शनीय स्थान -
चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात के अलावा जगदलपुर के समीप 30 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक रूप से बनी कोटमसर गुफा भी है। यह विश्व प्रसिद्ध है। पाषाणयुगीन सभ्यता के चिन्ह आज भी यहां मिलते हैं। गुफा के भीतर जलकुण्ड तथा रजतमय संरचनाएं किसी भी सैलानी को ठिठक कर निहारते रहने के लिए बाध्य कर देती हैं।
यहां पानी में अंधी मछलियां और अन्य जीव घोर अंधकार में भी अपना अस्तित्व बनाये हुये हैं। गुफा के अंदर का वातावरण रोमांचित कर देता है।
यहां पानी में अंधी मछलियां और अन्य जीव घोर अंधकार में भी अपना अस्तित्व बनाये हुये हैं। गुफा के अंदर का वातावरण रोमांचित कर देता है।
बस्तर में इसके अलावा दंतेवाड़ा, आकाश नगर, भैंसा दरहा, दांडक गुफा, कैलाश गुफा और कई अन्य शांतिपूर्ण स्थल हैं। यहां पशु - पक्षियों को निहारने के साथ फोटोग्राफी और मेडिटेशन कर सकते हैं।
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