How to be happy. खुश कैसे रहें - sure success hindi

success comes from knowledge

Breaking

Post Top Ad

Thursday, 14 March 2019

How to be happy. खुश कैसे रहें

how to be happy. खुश कैसे रहें -

मानव जीवन के सारे कर्मों का आधार अपने जीवन में ख़ुशी लाना है.इस ख़ुशी को पाने के लिए वो परिवार बसाता है, फिर रुपया कमाने के लिए रात दिन उधेड़बुन करता है और अपने जीवन का बड़ा हिस्सा केवल धन कमाने में खर्च करता है ताकि धन से उसे भविष्य में ख़ुशी मिल सकेगी। 

   पर क्या ऐसा होता है।  हम अपने आस पास देखते हैं तो पाते हैं कि  खुश लोगों की संख्या बहुत कम है, भले ही वो किसी भी आर्थिक वर्ग से आते हों अथवा  किसी भी उम्र वर्ग के हों।

   आपको लगता है कि कार चला रहा आदमी सड़क पर पैदल चल रहे आदमी से ज्यादा खुश है? ऐसा होना जरूरी नहीं। आपके पास क्या है, उससे यह तय नहीं होता। यह इस पर निर्भर करता है कि उस समय उसकी सोच कैसी चल रही है।  

woman with 3 children in seashore
       
 आपके जीवन की सफलता  उन कपड़ों से तय नहीं होती, जो आप पहनते हैं। वह आपकी शैक्षिक योग्यताओं, आपके  परिवार की स्थिति या आपके बैंक बैलेंस से तय नहीं होती। आपके जीवन की सफलता इस पर निर्भर करती है कि आप अपने भीतर कितने शांत और खुश हैं। 

     आखिर वो कौन से कारण हैं जिनके चलते हमारे पास  सब कुछ होते हुए भी हम खुश नहीं है। आइये उन कारणों का विश्लेषण करते हैं और जानते  हैं -

खुश रहने के लिए हम क्या करें - 


1. अच्छाई खोजने की प्रवृति रखें - 

खुश न रहने का बड़ा कारण दुखवादी सोच होती है। ऐसे लोग हर परिस्थिति या घटना और व्यक्ति में अच्छाई खोजने के बजाय बुराई ढूंढने का प्रयास करते हैं। 

   अधिकतर लोग दूसरों में जो कमी होती है उसे जल्दी देख लेते हैं और अच्छाई की तरफ उतना ध्यान नहीं देते पर खुश रहने वाले तो हर एक चीज में, हर परिस्थिति  में अच्छाई खोजते हैं।  

2. अपेक्षा न रखें - 

जब हम दूसरों से अधिक अपेक्षा रखते हैं तो हमें निराशा होती है। हमें समझना होगा कि सामने वाला व्यक्ति भी इंसान है, न की रोबोट। उस व्यक्ति की भी अपनी सोच और काम करने का एक ढंग है  जरूरी नहीं कि किसी परिस्थिति में वो हमारे हिसाब से प्रतिक्रिया दे। 

   हर किसी का अपना -अपना ईगो होता है. पर खुश रहने वाले किसी को डोमिनेट करने के चक्कर में पड़कर दूसरे को परेशान करने का प्रयास नहीं करते। इसके विपरीत दुखी रहने वाले लोग छोटी -छोटी  बातों को दिल से लगाये रखते हैं और  वो माफ़ करना नहीं जानते। 

   इस तरह ऐसे लोग  सिर्फ दूसरों को ही नहीं बल्कि खुद को भी नुकसान पहुंचाते हैं और ख़ुशी उनसे कोसोँ दूर भागती है। 
woman in junglewoman riding cycle

 3. दूसरों से तुलना करना - 

ज्यादातर लोग इसलिए दुखी नहीं होते क्योंकि उनके पास किसी चीज की कमी होती है। वे दुखी इसलिए होते हैं क्योंकि वे खुद की तुलना किसी और से करते हैं। आप एक छोटी कार चला रहे हैं, तभी कोई मर्सिडीज वाला दिखाई देता है और आप अपने को दुखी कर लेते हैं। 
 
 साइकिल पर चलने वाला कोई व्यक्ति,  मोटरबाइक वाले को देखकर सोचता है,  अगर मेरे पास यह मोटरबाइक होती, तो मैं अपनी जिंदगी में क्या-क्या कर लेता। यह एक दुखभरा ऐसा खेल है जो ज़िंदगी भर चलता रहता है।

4  ख़ुशी बाहरी हालात पर निर्भर नहीं है - 

जो लोग खुश रहने के लिए बाहरी हालात पर निर्भर रहते हैं, वे कभी अपनी जिंदगी में सच्ची खुशी नहीं महसूस कर पाएंगे। निश्चित रूप से अब समय है कि हम अपने अंदर झांकें और देखें कि हम किस तरह खुशहाली में रह सकते हैं।

     जीवन के अपने अनुभव से आप साफ-साफ देख सकते हैं कि सच्ची खुशी आपको तभी मिलती है, जब आपके अंतर्मन में बदलाव आता है। जब आप खुश होने के लिए बाहरी स्थितियों पर निर्भर होते हैं, तो आपको समझना चाहिए कि बाहरी हालात कभी भी सौ फीसदी आपके अनुकूल नहीं होते। ऐसे में आपका खुश रहना मुश्किल होगा। 
family enjoying

5 ख़ुशी चाहते हैं तो पहले बांटना सीखिए-  

खुश रहने वाले लोग अपने चारो तरफ एकसकारात्मक माहौल बना कर रखते हैं इन्हें दूसरों को आनंद बांटने में ख़ुशी मिलती है।ये लोग अपने परिवार और मित्रों के हर सुख दुःख के काम में सबसे आगे खड़े होते हैं। 

    ज़िन्दगी में खुश रहने के लिए परिवार और मित्रों  का बहुत बड़ा योगदान होता है।  भले ही आपके पास दुनिया भर की दौलत और शोहरत हो, लेकिन अगर परिवार और मित्रों का साथ नहीं है तो आप ज्यादा समय तक खुश नहीं रह पायेंगे।

  जितना हो सके अपने रिश्तों को बेहतर बनाएं, छोटी -छोटी चीजें जैसे कि जन्मदिन की बधाई देना, सच्ची प्रशंसा करना, मुस्कुराते हुए मिलना, गर्मजोशी से हाथ मिलाना, जैसी बातें संबंधों को प्रगाढ़ बनाती हैं और जब आप ऐसा करते हैं तो बदले में आपको भी वही मिलता है जो  आपकी ज़िन्दगी को खुशहाल बनाता है .

 also read -

1. Technical analysis in share market-टेक्निकल एनालिसिस क्या है 

6. अपनी पसंद का काम करना - 

अपने जीवन यापन के लिए अपनी पसंद का काम खोजें।  अपनी पसंद का काम आपको आंतरिक संतुष्टि देगा। यदि अपनी पसंद की बजाय कोई काम आप सिर्फ पैसों के लिए करते हैं तो कुछ ही दिनों  में आप उस काम से ऊबने लगेंगे और यह आपकी ख़ुशी को छीन लेगा।

    पसंद का काम करने पर हो सकता है शुरू में पैसे कुछ कम मिलें पर बाद में वहाँ जबरदस्त सफलता मिलने की संभावना रहेगी। क्योंकि उस काम को आप  बिना बोझ समझे निरंतर कर पाएंगे, जिससे उस काम का सफल होना निश्चित  हो जाता है। 

    एक बार पहाड़ की चढ़ाई करते हुए यात्री ने जो अपने सामान के बोझ से परेशान था, अपने से कुछ दूरी पर चल रही पहाड़ी लड़की को देखा जो अपने कंधे पर एक छोटे लड़के को बैठाये चल रही थी। 

  यात्री ने उस लड़की से कहा - इस पहाड़ी रास्ते में कंधे पर इतना बोझ लाद कर कैसे चल लेती हो? तो लड़की ने उत्तर दिया - कैसा बोझ? बोझ तो आप लादे हो। ये तो मेरा भाई है। 


7. विचारों पर नियंत्रण -  

खुश रहने वाले व्यक्ति दिमाग में आ रहे बुरे विचारों को अधिक देर तक पनपने नहीं देते. do your best के बाद परिणाम का बोझ वो अपने सिर पर नहीं ढोते। 

   भूतकाल की गलतियों को सोच सोच कर परेशान होना और भविष्य में अपनी कल्पना से नेगेटिव चित्र बनाकर परेशान होते रहने का काम ख़ुशी को नष्ट करने वाला है। 

   दरअसल हमारी सोच के हिसाब से शरीर  में ऐसे केमिकल रिलीज  होते हैं जो हमारे मूड को खुश करने या दुखी करने का कारण बनते हैं।  जब आप नकारात्मक विचारों से भरते हैं तो तनाव ग्रस्त हो जाते हैं और आपका रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। वहीँ दूसरी तरफ जब आप सकारात्मक विचार करते हैं तो रिलैक्स फील होता है।

 वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे मस्तिष्क में हर रोज़ 60,000 से अधिक विचार आते हैं और एक आम आदमी के केस में इनमे से अधिकतर विचार, नकारात्मक होते  हैं।  ऐसे में खुश रहना तो मुश्किल होगा ही। 

  इस पोस्ट  "How to be happy खुश कैसे रहें " में  बताई गयी उपरोक्त बातों मे से कुछ बातों को भी अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे तो  निश्चित रूप से आपके जीवन में खुशियों का आगमन होगा और आप  एक खुशहाल जीवन जी सकेंगे। ऐसी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें। 

also read -

1film director kaise bne?


 2 .choreographer kaise bne?

3. Steroids body building- बॉडी बिल्डिंग में स्टेरॉइड्स का दुष्प्रभाव



No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad