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Saturday, 2 March 2019

business loan kaise le. बिज़नेस लोन कैसे लें.

business loan kaise le. बिज़नेस लोन कैसे लें

अगर आपने अपनी शिक्षा पूरी कर ली है और काम की तलाश में हैं तो कोई छोटी मोटी नौकरी करने की जगह क्यों न अपना बिज़नेस या उद्योग खड़ा किया जाए।  

  अपना काम करने या उद्यम लगाने के पैसों की जरूरत होगी। यहां बैंक आपकी जरूरत पूरी करेगा, आप बिजनेस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

  अगर आप पहले से ही कोई कारोबार कर रहे हैं और उसे बढ़ाने के लिए या उसकी पूंजीगत जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे की दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो भी आप बिजनेस लोन ले सकते हैं.

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बिजनेस लोन की प्रक्रिया   -

वास्तव में बैंक आपकी कारोबारी योजना के हिसाब से आपको लोन देने का फैसला करते हैं. अगर बैंक को यह लगता है कि आपका कारोबार और उससे होने वाला मुनाफा इतना होगा कि आप अपने खर्च पूरे करने के बाद तय अवधि में बैंक का लोन वापस चुकाने में समर्थ होंगे, तभी बैंक आपका लोन मंजूर करता है।

   किसी बैंक से बिजनेस लोन लेना चाहते हैं तो  उसकी प्रक्रिया क्या है?  आप जिस बैंक से कर्ज लेना चाहते हैं, उसे अपना बिजनेस प्लान बताएं। इसके बाद यह तय करें कि आपको कितना लोन चाहिए. अपने क्रेडिट स्कोर के बारे में पता करें. लोन के लिए जरूरी पेपर की लिस्ट लें।

 बिजनेस लोन लेने के फायदे  - 

यदि हम अपनी नकदी की जरूरत पूरी करने के लिए किसी साहूकार से लोन लेते हैं, तो बहुत अधिक ब्याज 2 से 3 प्रतिशत प्रतिमाह देना पड़ता है। इतना ब्याज देना हर कारोबारी के लिए सम्भव नहीं होता। 

   फिर कारोबारी जरूरत के लिए पैसे की मदद छोटी और लंबी, दोनों अवधि में  कौन कर सकता है. यहां बैंक की मदद ली जा सकती है।  बिजनेस लोन के लिए आवेदन शिक्षित बेरोजगार, खुद का कामकाज कर रहे व्यक्ति और  उद्यमी सभी कर सकते हैं। 

  देश में छोटे उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई तरह की लोन स्कीमें शुरू की हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अलावा अन्य कई स्कीमें और भी हैं जिनमें आप छोटी रकम से लेकर बड़े लोन तक ले सकते हैं।

  इस समय केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के हिसाब से आप अपने कारोबार के लिए 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का लोन मुद्रा योजना में ले सकते हैं. 
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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) -

यह व्यापार एवं उद्योग को बढ़ावा देने और बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार की योजना है। आपको भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही इस योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम  (PMEGP) के तहत लोन मिल सकता है। इस लोन के लिए स्वयं सहायता समूह, संस्थान से जुड़े लोग, सहकारी समितियां, ट्रस्ट और व्यक्तिगत रूप से अप्लाई कर सकते हैं.
              
   इसके लिए आपको एक प्लान तैयार करना होगा और समझाना होगा कि जो बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उसको लिए आपके पास क्या रणनीति है।  उद्योग या व्यापार लगाने के लिए स्वयं का कोई प्लाट है या किराये की जगह लेंगे। इस प्लान को तैयार करने में "जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र"   की  मदद ले सकते हैं।

   यहां जाने पर आपको उन व्यापर एवं उद्योग की लिस्ट मिल जाएगी जो गवर्नमेंट की प्राथमिकता सूची में हैं और जिनमें सब्सिडी दी जा रही है।  यदि लोन बड़ा  है तो  प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में किसी C. A. की मदद लें।
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   कुछ दिन पहले तक इस योजना के तहत लोन के लिए आवेदनकर्ताओं को अच्छी-खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था लेकिन सरकार ने इसमें कुछ बदलाव  किए हैं. अब लोन के लिए अप्लाई करने के बाद इस का स्टेटस भी देख सकते हैं।

   यदि KVIC में अप्लाई किया है तो वहां से आपका प्रकरण आपके द्वारा चाहे गए बैंक में भेजा जाता है। समय समय पर KVIC और बैंक अधिकारियोँ द्वारा आपके संस्थान या यूनिट की जांच की जाती है। 
              
    इस योजना में  दो तरह के लोन मिलते हैं :- सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के  लिए।  अगर आप सर्विस सेक्टर के लिए बिजनेस करना चाहते हैं कि तो आपको 15 लाख रुपए  तक का लोन मिलेगा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए 25 लाख तक का लोन दिया जाता है. इसमें नियमानुसार सब्सिडी (छूट) का प्रावधान है। 
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सब्सिडी के नियम  -  

1. अगर कोई सामान्य वर्ग से है और शहरी इलाके में प्रोजेक्ट लगाना चाहता है तो 15 फीसदी की सब्सिडी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 25 फीसदी सब्सिडी प्रोजेक्ट की राशि पर मिलेगी। 

2. इसी तरह एससी/एसटी, अल्पसंख्यक, महिला, पूर्व कर्मचारी, दिव्यांगों और पहाड़ क्षेत्र में रहने  वाले लोगों के लिए शहर क्षेत्र में  25 और ग्रामीण एरिया के लिए 35 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। 

3. तीन  साल तक यूनिट चालू रहने के बाद सब्सिडी की राशि आपके लोन अकॉउंट में एडजस्ट कर दी जाती है। इस योजना में स्वयं की मार्जिन मनी 5 से 10 प्रतिशत लगती है।

  यहां आपको कैपिटल लोन (फैक्ट्री भवन निर्माण और मशीनरी हेतु) एवं वर्किंग कैपिटल (कार्यशील पूँजी) दोनों प्राप्त होती है। कैपिटल लोन का भुगतान मासिक किश्तों के द्वारा करना होता है। 

  वर्किंग कैपिटल C.C. अकॉउंट के रूप में होता है, जिसके द्वारा माल खरीदी का पेमेंट चेक द्वारा किया जा सकता है. लेबर पेमेंट के लिए कुछ रकम कैश निकाली जा सकती है। 
   
   जिस कार्य का आपको अनुभव हो अथवा मार्केट में जिस प्रोडक्ट की डिमांड अधिक हो, ऐसे प्रोडक्ट के  निर्माण की यूनिट का चुनाव कर सकते हैं। सरकार की ओर से केवीआईसी (KVIC) और पीएमईजीपी (PMEGP) की वेबसाइट पर कई प्रोजेक्ट के बारे में बताया गया है।  
  इसके आधार पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। यदि बैंक में आपकी सभी इन्स्टालमेन्ट टाइम से जमा होती है और मंथली स्टॉक स्टेटमेंट आदि समय से जमा करते रहे हैं तो बैंक में आपकी साख बनेगी। जिससे जरूरत पड़ने पर बैंक आपको आगे भी लोन देने से पीछे नहीं हटेगा।

उद्योगपति बन सकते हैं - 

इस तरह बिज़नेस लोन  लेकर आप अपने भविष्य की बुनियाद खड़ी कर सकते हैं और अपना खुद का बिज़नेस या उद्योग के मालिक बन सकते हैं।
             
    आशा है ये जानकारी "बिज़नेस लोन कैसे लें " आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी। यदि आपके मन में कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट के जरिए पूछ सकते हैं। ऐसी और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
   


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