रेंट पर देने के लिए मकान कैसे बनाये ? रेंट एग्रीमेंट कैसे बनाये
प्रॉपर्टी में निवेश करने का सोच रहे हैं, और चाहते हैं दीर्घकालीन लाभ के साथ नियमित इनकम भी होती रहे तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें हम आपको बताएंगे कैसे मकान में सुरक्षित निवेश किया जाए और मकान कैसे बनाये, जिससे हर महीने किराए के रूप में एक निश्चित आय होती रहे। अपने लिए रहने के लिए मकान बनवाते या खरीदते समय अपनी जरूरतों और पसंद ना पसंद का ख्याल रखा जाता है जो कि आसान होता है परंतु मकान किराए पर देने के लिए किराएदार का दृष्टिकोण समझ कर काम करना होता है।
यदि आप अपने रहने के अतिरिक्त एक मकान और लेना चाहते हैं जिससे इन्वेस्टमेंट के साथ नियमित आय भी होती रहे, तो ऐसा तभी संभव होगा जब आप योजना बना के काम करेंगे। किराये पर मकान उठाने के लिए प्लाट खरीद कर मकान बनवा सकते हैं या बना हुआ मकान खरीदे कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें -
1. बजट के अनुरूप चुनाव--
यदि बना हुआ कोई सिंगल स्टोरी 3 BHK मकान खरीदते हैं तो उसमें एक ही किराएदार रह पाएगा. पर अगर प्लाट खरीदते हैं तो उसी बजट में एक ही जगह चार किराएदार के रहने लायक मकान बनाया जा सकता है।
यदि बना हुआ कोई सिंगल स्टोरी 3 BHK मकान खरीदते हैं तो उसमें एक ही किराएदार रह पाएगा. पर अगर प्लाट खरीदते हैं तो उसी बजट में एक ही जगह चार किराएदार के रहने लायक मकान बनाया जा सकता है।
ग्राउंड फ्लोर में रूम की साइज छोटी करके 1 BHK के 2 ब्लॉक नक़्शे में प्लान करवाए, फिर फर्स्ट फ्लोर में same 2 ब्लॉक बनवाये। इससे किराया काफी बढ़ के मिलेगा।
3BHK में एक 20 हजार वाला किरायेदार मिलना मुश्किल होगा पर 5 हजार वाले 4 किरायेदार आसानी से मिल जाएंगे। ऊपर की मंज़िल का खर्च बैंक से लोन लेकर करेंगे तो भी फायदे में रहेंगे। फर्स्ट फ्लोर बनवाने का खर्चा, ग्राउंड फ्लोर बनवाने से कम आता है।
3BHK में एक 20 हजार वाला किरायेदार मिलना मुश्किल होगा पर 5 हजार वाले 4 किरायेदार आसानी से मिल जाएंगे। ऊपर की मंज़िल का खर्च बैंक से लोन लेकर करेंगे तो भी फायदे में रहेंगे। फर्स्ट फ्लोर बनवाने का खर्चा, ग्राउंड फ्लोर बनवाने से कम आता है।
2. लोकेशन का चुनाव --
हर शहर में से कुछ इलाके होते हैं जहां पर किराए के मकान की डिमांड अधिक होती है अपने बजट के अनुरूप ऐसी लोकेशन का चुनाव करें, जहाँ मकान जल्दी किराये पर उठ जाये। अगर उस लोकेशन में रेंट 5 हजार तक ही आता हो तो बड़ा मकान बनवाने की जगह 1BHK के 4 किरायेदारों लायक मकान बनवाना होगा।
3 . फैमिली या स्टूडेंट -
यदि उस एरिया में स्टूडेंट किराये से ज्यादा रहते हों तो उनके लिए मकान फैमिली की जरूरत से अलग होगा। स्टूडेंट्स को 1 बड़ा हाल चाहिए होता है जिसमे 4-6 बेड आ जाये. किराया प्रति स्टूडेंट के हिसाब से मिलता है।आपके एरिया में मिलने वाले FAR के हिसाब से प्लाट की साइज के अनुरूप हॉल और कॉमन वाशरूम बनवाये। उसमे बेड और सामान रखने की अलमीरा की व्यवस्था करें।स्टूडेंट्स के लिए टिफ़िन व्यवस्था करके अलग से कमाई की जा सकती है।
4. मकान का नक्शा -
इस बात पर निर्भर करेगा कि आप का चुना हुआ इलाका किस वर्ग के रहने लायक है। उच्च, मध्यमवर्ग या निम्न मध्यम वर्ग वाला है। अगर वहां आसपास कोई बड़ा हॉस्पिटल है तो मरीजों के रिश्तेदारों के रुकने की व्यवस्था के अनुरूप रूम डिज़ाइन करवा कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।उच्च वर्ग के इलाके में छोटे कमरों वाला 1 बीएचके मकान और निम्न मध्यम वर्ग क्षेत्र में 4 बीएचके का बड़ा मकान अनुपयोगी है। ऐसे मकान को किराए पर उठाने या बेचने दोनों में परेशानी आएगी।
मकान किराये पर देने के लिए एग्रीमेंट जरूर करें, जिसमें निम्नलिखित बातों का उल्लेख होना चाहिए -
1. एग्रीमेंट की समय सीमा --
अगर आप एग्रीमेन्ट रजिस्टर्ड नहीं करवा रहे हैं तो 11 महीने का ही बनवाये। 11 महीने से अधिक का एग्रीमेंट रजिस्टर्ड करवाना होता है, और उसकी फीस लगती है। 11 महीने तक का एग्रीमेंट बिना रजिस्टर्ड करवाए नोटरी से बनवा सकते हैं। एग्रीमेंट के समय दोनों पक्षों का 18 वर्ष से अधिक आयु का होना आवश्यक है। एग्रीमेंट में 2 गवाहों की उपस्थिति और उनके हस्ताक्षर होने चाहिए।2. सुविधाओं का उल्लेख --
एग्रीमेंट में सभी शर्तों का उल्लेख साफ-साफ किया जाना चाहिए जैसे किराएदार को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है पंखा, एसी आदि और उनकी रिपेयरिंग की जिम्मेदारी का उल्लेख भी होना चाहिए. मकान का कमर्शियल उपयोग नहीं होगा यह भी लिखवाये।3. किराया वृद्धि --
किराया वृद्धि प्रति वर्ष 10 प्रतिशत या 3 साल में 15% जो आपसी समझौते में निश्चित हुआ हो, उसका भी उल्लेख करें। किराएदार को मकान खाली करने के 1 महीने पूर्व लिखित सूचना देना होगा, मकान मालिक भी खाली कराने से 1 माह पहले किराएदार को सूचित करेगा।
4. मकान का रखरखाव --
जो मकान किराए पर दे रहे हैं उसे समय समय पर चेक करते रहें , रखरखाव सही प्रकार से किया जा रहा है या नहीं यह देखते रहें .एग्रीमेंट में उल्लेख करें कि बिना मकान मालिक की सहमति के किराएदार मकान में किसी प्रकार का बदलाव या तोड़फोड़ नहीं करेगा और ना ही किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर देगा।किरायेदार द्वारा नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है यह सुनिश्चित करें। अन्यथा इस बीच किरायेदार मकान खाली करके चला जाता है तो पेनल्टी आपको लगेगी और लाइन जुड़वाने काम भी आपको ही करवाना होगा।
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5 . अवैधानिक गतिविधि --
कुछ किरायेदार, किराये का मकान लेकर अवैधानिक कार्य करते पाये जाते हैं, इस तरह की संदिग्ध गतिविधि का पता लगने पर स्वयं पुलिस को सूचना देना जरूरी है।
अन्यथा किरायेदार को पुलिस द्वारा पकड़े जाने के साथ मकान मालिक पर भी कार्यवाही हो सकती है. स्वयं जाकर मकान चेक करते रहें और आस -पड़ोस से किरायेदार की गतिविधि की जानकारी लेते रहें।
6. थाने में सूचना --
जब कोई नया किरायेदार आता है तो उसकी अपने निकटतम थाने में सूचना देनी होती है। कुछ राज्यों में कानूनी रूप से यह अनिवार्य है। इसके लिए किरायेदार की जानकारी वाला फार्म थाने से प्राप्त करके उसे अपने किरायेदार से भरवा कर वहां जमा कर दें। फॉर्म में फोटो के साथ उसकी आधार कार्ड की कॉपी लगाई जाती है। थाने से इसकी इसकी पावती लेना न भूलें। पुलिस वेरिफिकेशन करके जान सकती है की आपका किरायेदार संदिग्ध तो नहीं है।
7. वैधानिक स्थिती -
भले ही आपने 11 महीने का एग्रीमेंट किरायेदार से करवा लिया हो पर यदि विवाद की स्थिति बनती है, तो मकान खाली करवाने का कार्य कोर्ट द्वारा ही हो सकता है। सामान्य परिस्थिति में मकान मालिक को यह सिद्ध करना होता है कि उसे मकान की आवश्यकता है, तभी मकान खाली होता है। स्टूडेंट या सरकारी कर्मचारी को मकान देने पर यह स्थिति नहीं आती। प्राइवेट कार्य वाले को उसके बारे में पूरी जानकारी लेकर मकान किराये पर दिया जा सकता है।
इस तरह कुछ सावधानियों रखने से आपकी एक एसेट के साथ अतिरिक्त आय का साधन बन जायेगा। इन्वेस्टमेंट की अन्य विधियों की चर्चा अगली पोस्ट में करेंगे।
यह पोस्ट "makan kaise banaye? rent agreement kaise banaye?" आपको उपयोगी लगी तो इसे अपने मित्रों तक शेयर करें। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हों तो कमेंट द्वारा बताइये। ऐसी और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट में विजिट करते रहें।
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