Film Director kaise bane.फिल्म डायरेक्टर कैसे बनें
बॉलीवुड में फिल्म डायरेक्टर बन कर नाम और पैसा दोनों कमाया जा सकता है। फिल्म का डायरेक्टर जहाज़ के कप्तान की तरह होता है और उसके कन्धों पर पूरी फिल्म टिकी होती है। डायरेक्टर को फिल्म निर्माण से जुड़े सभी कलाकारों और टेक्नीशियन से उनका बेस्ट निकलवाना होता है जो प्री प्रोडक्शन से प्रोडक्शन फिर उसके बाद पोस्ट प्रोडक्शन तक जारी रहता है।
उसे दर्शकों की पसंद नापसंद के साथ निर्माता के बजट का ध्यान भी रखना होता है। यदि आप फिल्म निर्माण और टेलीविजन में करियर की तलाश कर रहे हैं, तो यहां भारत के शीर्ष चार फिल्म प्रशिक्षण संस्थानों का परिचय दिया गया है, जो देश में सर्वश्रेष्ठ पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं -
1. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे -
शीर्ष चार में से सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे है। यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी उत्कृष्टता का केंद्र माना जाता है।
इसके पूर्व छात्रों में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, जया भादुड़ी, सुभाष घई, मणि कौल, शत्रुघ्न सिन्हा, मिथुन चक्रवर्ती, टॉम ऑल्टर, संजय लीला भंसाली, राज कुमार हिरानी और विधु विनोद चोपड़ा जैसे दिग्गज शामिल हैं।
2. व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल, मुंबई -
शीर्ष पांच की सूची में दूसरे नंबर पर आता है।व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल, मुंबई, जिसे वर्ष 2006 में स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता और निर्देशक शोमैन सुभाष घई ने की है।यह फिल्म निर्माण उद्योग के लिए एक संतुलित, आधुनिक और पूर्ण पाठ्यक्रम प्रदान करने के कारण एक शानदार प्रशिक्षण संस्थान का दर्जा पाता है। यहां का बुनियादी ढांचा बहुत अच्छा है और सभी नवीनतम उपकरणों की सुविधा के साथ है। आप इसका हर विवरण उनकी वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं।
3. सेंटर ऑफ आर्ट इन फिल्म एंड टेलीविजन, दिल्ली -
इस सूची में तीसरा नाम है -सेंटर फॉर रिसर्च ऑफ आर्ट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (CRAFT), दिल्ली जो कि एक गैर-लाभकारी व गैर-सरकारी संगठन है। यह फिल्म और टेलीविजन के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है।प्रति कोर्स 10 सीटों के साथ यह उन सभी पाठ्यक्रमों की सुविधा देता है, जो एफटीआईआई प्रदान कर रहा है। इसमें न्यूज रीडिंग, क्रिएटिव राइटिंग और रेडियो जॉकी कोर्स भी शामिल हैं। लेकिन यह छात्रों के लिए कोई आवास सुविधा प्रदान नहीं करता है।
4. एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा -
चौथा कॉलेज एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (AAFT), नोएडा है। यह 1993 से फिल्म निर्माण की कला और शिल्प में छात्रों को प्रशिक्षित कर रहा है। अकादमी को औपचारिक फिल्म स्कूलों के विकल्प के रूप में बनाया गया था और तब से यह भारत में सर्वश्रेष्ठ फिल्म संस्थानों में से एक के रूप में स्थापित हो गया है।
AAFT चार प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है- 3 महीने का पाठ्यक्रम, एक वर्ष का डिप्लोमा, दो वर्ष का डिप्लोमा और 3 वर्ष का पाठ्यक्रम। पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक सभी आधुनिक सुविधाएं AAFT में मौजूद हैं, जिसमें 6 शूटिंग फ्लोर, कॉन्फ्रेंस रूम, रिहर्सल हॉल, फिल्म क्लब, लाइब्रेरी, निजी स्क्रीनिंग रूम और 16 वातानुकूलित क्लास रूम शामिल हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक छात्र व्यायामशाला का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ वे हॉस्टल से जुड़े मैदान में बैडमिंटन या वॉलीबॉल जैसे खेल भी खेल सकते हैं। छात्रों को मुक्ता आर्ट्स लिमिटेड, वीनस लिमिटेड, टिप्स इंडिया और बी.ए.जी. फिल्म्स के तहत काम करने का अवसर भी दिया जाता है। यह अतिरिक्त लाभ केवल यहां के छात्रों को प्राप्त होता है।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक छात्र व्यायामशाला का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ वे हॉस्टल से जुड़े मैदान में बैडमिंटन या वॉलीबॉल जैसे खेल भी खेल सकते हैं। छात्रों को मुक्ता आर्ट्स लिमिटेड, वीनस लिमिटेड, टिप्स इंडिया और बी.ए.जी. फिल्म्स के तहत काम करने का अवसर भी दिया जाता है। यह अतिरिक्त लाभ केवल यहां के छात्रों को प्राप्त होता है।
फिल्म डायरेक्टर में कौनसे गुण होने चाहिए -
1. कल्पना शीलता --
डायरेक्टर का काम कागज़ में लिखी हुयी कहानी, पटकथा को पर्दे पर साकार करना होता है, शब्द को दृश्य में सोचना होता है. ऐसा उर्वर कल्पना शीलता से ही सम्भव है।यदि आप किसी कहानी किताब को पढ़ते हुए या किसी घटना या किस्से को सुनकर उसकी दृश्य -रूप में कल्पना कर पाते हैं, तो आप फिल्म डायरेक्टर बन सकते हैं। कल्पना करते समय यह भी ध्यान रखना होता है की फिल्म, डायरेक्टर अपने लिए नहीं बल्कि दर्शको के लिए बना रहा है।
2. फिल्म निर्माण की समझ --
एक अच्छा डायरेक्टर फिल्म निर्माण से सम्बंधित हर पहलू को बारीकी से समझता है। उसे फिल्म निर्माण से जुडी हर तरह की बारीकियों की समझ होनी चाहिए ताकि वो अपने विज़न के अनुरूप कैमरामैन,सेट डिज़ाइनर,एक्टर सभी से अपनी पसंद का काम करवा सके।यह ज्ञान अनुभव से आता है, इसलिए सभी अच्छे डायरेक्टर पहले असिस्टेंट डायरेक्टर बन कर अनुभव लेते हैं। प्रख्यात फ़िल्मकार राजकपूर ने क्लैप बॉय के रूप में केदार शर्मा की फिल्म से अपना कैरियर शुरू किया था। यश चोपड़ा, राजखोसला, महेश भट्ट सभी असिस्टेंट डायरेक्टर रहे थे।
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3. अच्छा व्यवहार --
एक assistant director बनने के लिए, आपका director और यूनिट के साथ सभी सदस्यों के साथ अच्छा रिलेशन रहना चाहिए। यदि किसी यूनिट मेंबर से कोई गलती होती है तो उसे अच्छे ढंग से समझाना होता है जिससे वो फ्री माइंड सेट के साथ अपना काम करे और अपनी गलतियां सुधार सके।4. सेट पर रहना --
यदि आप असिस्टेंट डायरेक्टर का काम कर रहे है तो जब भी आप सेट पर हो तो फिल्म से जुड़े हर डिपार्टमेंट को ज्यादा से ज्यादा समझने की कोशिश कीजिये। film making कैसे होती है ये आप सेट पर रह कर ही सीख सकते हैं।जब शूटिंग खत्म हो जाये तो कोशिश कीजिये की फिल्म की editing होते समय आप वहाँ पर मौजूद रहे। तभी आप समझ सकेंगे कि शॉट लेते समय कहाँ गलतियाँ होती हैं। एडिटर ऐसे सीन को भी काट सकता है जिसे आपने बड़ी मेहनत से शूट किया हो पर वो फिल्म में रखने से फिल्म की गति में बाधा पहुँचती हो।
5. सीखते रहने का गुण --
इस तरह यदि आप एक्टिव रहेंगे और छोटा बड़ा काम की फीलिंग से अपने को बचाये रखते हुए काम सीखेंगे तो जरूर एक दिन कोई फिल्म निर्माता अपनी फिल्म की बागडोर आपको सौप सकता है और फिल्म के टाइटल में आप अपना नाम डायरेक्टर के रूप में देख सकेंगे।प्रमोशन के चांस --
फिल्म मेकिंग से जुड़े सभी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट डायरेक्टर रखे जाते हैं। टीवी सीरियल की शूटिंग में 5 तक और फिल्मों में 10 -15 असिस्टेंट director हो सकते हैं। इनकी भी केटेगरी होती है।शुरुवात में थर्ड assistant director के रूप में कैरियर स्टार्ट करते हैं। इन्हें कई तरह के काम करने होते हैं जो उनके डिपार्टमेंट के आधार पर उन्हें दिए जाते हैं।
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वेतन --
आपका वेतन प्रोडक्शन हाउस के आधार पर अगर टीवी सीरियल से जुड़ें है तो 15 -20 हजार से स्टार्ट होकर थोड़ा काम सीखने के बाद 40 -50 हजार हो सकता है। यह सब डिपेंड करता है की आपने अपने डायरेक्टर को कितना संतुष्ट किया है और उसके बताये काम को कितनी अच्छी तरह से किया है।काम पसंद आने पर वह आपका प्रमोशन कर सकता है और अपनी टीम में स्थायी रूप से जगह दे सकता है। मेन असिस्टेंट director का वेतन लाखों में होता है। इसके बाद फिल्म डायरेक्टर बनकर आप करोड़ों कमा सकते हैं।
स्टेंट assistant directorटच ल्म डफ ल्म"फिल्म डाइरेक्टर कैसेबनें " आपको यह पोस्ट कैसी लगी? कमेंट द्वारा हमें बताएं। फिल्म जगत से सम्बंधित जानकारी के लिए अगली पोस्ट जल्द ही आपके सामने प्रस्तुत करूंगा। इसके लिए इस वेबसाइट में विजिट करते रहें।
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Very very good sir ji 🙏👌🌹🌹🌹
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