अनार का पौधा कैसे लगाएं? अनार के फायदे
अनार का फल ही नहीं इसका पौधा, पत्ती और कली भी गुणकारी है। अपने घर के गार्डन या फार्म हाउस में अनार का पौधा जरूर लगाए और इसके स्वादिस्ट फल के साथ इसकी खूबसूरती का लाभ उठाएं।
वास्तुशास्त्र में बताया गया है की अपने घर इसे लगाने से आपकी किस्मत के द्वार खुल सकते हैं, अनार के पौधे से ग्रह दोष दूर हो जाते है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
भारत में अनार के पेड़ महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में ज्यादा पाए जाते हैं। अनार को कई नामों में जाना जाता है। बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं, संस्कृत में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है।
अनार का पौधा कैसे लगाएं -
1. खाद का प्रयोग -
अनार का पौधा लगाने के लिए 50 cm चौड़ा,लम्बा और उतना ही गहरा गड्ढा करके उसमे सूखी घास ,पत्तियां आदि जलाकर छोड़ दें फिर इसमें गोबर की सड़ी हुयी खाद के साथ 1 किलो नीम खली, 250 ग्राम पोटाश, 50 ग्राम कार्बोरिल चूर्ण मिलाकर पौधा लगाए।
2. कलम से लगाएं -
अनार के पेड़ सुंदर व छोटे आकार के होते हैं। अनार को कटिंग (कलम) द्वारा भी लगा सकते हैं। कलम द्वारा लगाने के लिए इसकी 25 cm. लम्बी और पेंसिल की मोटाई जितनी 4 -5 माह पुरानी शाखा लें। कलम के आधार को गाँठ के ठीक नीचे से और ऊपर तिरछा काटें, कलम को गड़ाने से पूर्व किसी लकड़ी से गड्ढा बना लें जिससे कलम की ऊपरी सतह को नुकसान न पहुंचे।3. पानी का प्रयोग -
अनार के पौधे में शीत ऋतु में 10 दिन एवं गर्मी में 3 दिनों के अंतराल में पानी दें। अगर फूल झड़ने की समस्या हो तो फूल आने से फल बनने के दौरान पानी देना बंद कर दें। इसके लाल फूल बेहद सुन्दर दिखते हैं।
इसे आग्नेय दिशा में लगाना शुभ माना गया है। अनार को कभी भी उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि अनार के फूल को शहद में डुबो कर प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को समर्पित करने से भारी से भारी कष्ट भी दूर होते हैं।
अनार के फायदे -
1. पाचन की समस्या दूर करे -
3 चम्मच अनार के रस में 1 चम्मच जीरा और थोड़ा गुड़ मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण में राहत मिलती है और पाचन क्रिया ठीक होती है। मीठे अनार के रस में शहद मिलाकर पीने से भोजन की अरुचि दूर होती है।2. मंसूढ़ों से खून आना -
इसके फूलों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। दिन में 2 बार इसको मंजन की तरह दाँतों में मलें, इससे मसूढ़ों से खून आना बंद होकर दांत मजबूत होते हैं।
3. उल्टी में आराम -
इसके रस में काली मिर्च पाउडर और थोड़ा सेंधा या कला नमक मिलाकर पीने से पित्त वमन और घबराहट में आराम मिलता है। गर्भवती स्त्रियों को इसका रस पिलाने से रक्त की कमी दूर होकर वमन में राहत मिलती है।
4. गंभीर रोगों से बचाव -
अनार का सेवन बीमारियों से बचा सकता है। ये कैंसर होने की आशंका और हृदय रोग से बचाता है. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और सेक्स लाइफ को भी खुशहाल बनाता है।5. खूबसूरती निखारने के लिए -
सौंदर्य वृद्धि के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।अनार विटामिन सी का एक बहुत अच्छा माध्यम है। साथ ही इसका एंटी-ऑक्सीडेंट गुण कील-मुंहासों की समस्या को दूर रखने में फायदेमंद है। अनार में बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने का एक विशेष गुण होता है। हर रोज अनार का जूस पीने से चेहरे पर निखार आता है. साथ ही ये कील-मुंहासों की समस्या में भी फायदेमंद है।
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अनार की पत्तियाँ भी उपयोगी है -
1. खांसी के इलाज में --
अनार की पत्तियों का उपयोग खांसी के इलाज में किया जा सकता है। अनार के सूखे पत्ते, तुलसी के पत्ते और 2-3 कालीमिर्च पानी में उबालें। फिर इसके काढ़े को छानकर पीने से खांसी में आराम मिलता है।
2. मुँह के छालों में -
अनार के 20 -25 ग्राम पत्तों को आधा लीटर पानी में उबालें फिर एक चौथाई पानी बचने पर ठंढा करके छान लें। इस पानी से गरारे करने पर मुँह के छाले ठीक होते हैं। इस तरह से अपने गार्डन में अनार का उपयोगी पौधा लगाकर लाभ उठाये।
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Bohot hi acha post👌👌
ReplyDeleteThanx
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