शेयर मार्केट क्या है? यहां कैसे निवेश करें
शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट, पैसे investment की ऐसी जगह जहाँ जल्दी अमीर बनने का ख्वाब लिए लोग चले आते है। परन्तु अधिकतर लोग शेयर बाज़ार की पूरी जानकारी के अभाव में जल्दी ही अपने पैसे गवांकर निराश हो के चुप बैठ जाते हैं। शेयर बाजार फिक्स्ड डिपाजिट की तरह नहीं होता, जहां एक बार रकम लगाकर हर महीने ग्रोथ की गॉरन्टी होती है।शेयर बाजार सीधे एक दिशा में न चलकर zig zag चलना पसंद करता है, अनिश्चित रहना शेयर बाजार का स्वभाव है। इसी वजह से यहां किसी भविष्यवाणी (प्रेडिक्शन) के सच होने के चांस 50% ही होते हैं। इसका मतलब बाजार के दोनों तरफ (ऊपर या नीचे) जाने के चांस हमेशा बने होते हैं।
शेयर यानि हिस्सेदारी, जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आप भी उस कंपनी के हानि लाभ में भागीदार बन जाते हैं। किसी कंपनी का मुनाफा बढ़ने से उसके शेयर की डिमांड बढ़ जाती है, जिससे उसके शेयर का रेट बढ़ जाता है, उसी तरह इसका विपरीत भी होता है।
वैसे शेयर के रेट कम-ज्यादा होने के कई कारण होते हैं जिनमें नए टैक्स नियम, मैनेजमेंट में बदलाव, सेक्टर की मंदी के साथ सामाजिक -राजनैतिक कारण शामिल हैं।
SEBI (Securities and Exchange Board of India) शेयर बाजार को regulate करने वाली अथॉरिटी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। इसका कार्य इन्वेस्टर के हितों की रक्षा करना है।
बाद में इसी IPO में खरीदे गए shares में ट्रेडिंग होती है, जिसे सेकेंडरी मार्केट कहा जाता है। शेयर खरीदकर आप भी उस कम्पनी में हिस्सेदार बन जाते हैं। इस प्रकार कम्पनी में होने वाले लाभ हानि का प्रभाव आप पर भी पड़ता है क्योकि इसी आधार पर उस कम्पनी के शेयर भाव में घट बढ़ होती है।
शेयर क्या है (what is Share)-
जब कोई कंपनी अपना विस्तार करना चाहती है तो उसे पूँजी की आवश्यकता पड़ती है। यह पूँजी वह या तो बैंक से लोन लेकर प्राप्त करे , जिसमे उसे ब्याज देना होगा या फिर IPO (Initial Public Offer) लाकर भी पूँजी जुटा सकती है। कम्पनी IPO लाकर बिना ब्याज के मार्केट से पैसे का इंतज़ाम करती है, जिसके लिए उसे SEBI के कड़े रेगुलेशंस फॉलो करने होते हैं।SEBI (Securities and Exchange Board of India) शेयर बाजार को regulate करने वाली अथॉरिटी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। इसका कार्य इन्वेस्टर के हितों की रक्षा करना है।
बाद में इसी IPO में खरीदे गए shares में ट्रेडिंग होती है, जिसे सेकेंडरी मार्केट कहा जाता है। शेयर खरीदकर आप भी उस कम्पनी में हिस्सेदार बन जाते हैं। इस प्रकार कम्पनी में होने वाले लाभ हानि का प्रभाव आप पर भी पड़ता है क्योकि इसी आधार पर उस कम्पनी के शेयर भाव में घट बढ़ होती है।
BSE और NSE क्या है -
भारत के पहले स्टॉक एक्सचेंज BSE (Bombay stock exchange) की स्थापना सन 1875 में और दूसरे एक्सचेंज NSE (National stock exchange ) की स्थापना 1992 की गई।आप सभी ने Sensex और Nifty शब्द सुना होगा जिसकी चर्चा अखबारों और बिज़नेस न्यूज़ चैनल में होती रहती है। ये दोनों शब्द दरअसल एक इंडेक्स है जो शेयर मार्केट में होने वाली घट बढ़ को शो करते हैं।
SENSEX यानी Stock Exchange Sensitive Index, BSE से सम्बन्ध रखता है जिसमे देश की टॉप 30 कम्पनियाँ शामिल हैं, जो GDP का 37 % लगभग है। इन कंपनियों के शेयर के भाव में होने वाला उतार चढ़ाव सेंसेक्स के रेट में रिप्रेजेंट होता है।
इसी प्रकार NIFTY में भारत की टॉप 50 कम्पनियाँ शामिल हैं, इन 50 कंपनियों के शेयर के रेट में होने वाला चेंज, निफ़्टी के रेट में दिखाई पड़ता है। इन टॉप कंपनियों में रिलायंस, स्टेट बैंक, इनफ़ोसिस, टाटा स्टील, मारुती, बजाज जैसी अलग अलग सेक्टर की कंपनियां सेंसेक्स और निफ़्टी 50 दोनों में शामिल हैं।
इसी प्रकार NIFTY में भारत की टॉप 50 कम्पनियाँ शामिल हैं, इन 50 कंपनियों के शेयर के रेट में होने वाला चेंज, निफ़्टी के रेट में दिखाई पड़ता है। इन टॉप कंपनियों में रिलायंस, स्टेट बैंक, इनफ़ोसिस, टाटा स्टील, मारुती, बजाज जैसी अलग अलग सेक्टर की कंपनियां सेंसेक्स और निफ़्टी 50 दोनों में शामिल हैं।
शेयर मार्केट वह मार्केट है जिसमें सभी कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। खरीद- बिक्री की इस क्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं। आप चाहें तो शेयर खरीद कर लम्बे समय तक रख सकते हैं। share की खरीद बिक्री या ट्रेडिंग आप अपने मोबाइल या लैपटॉप से कर सकते है।
इस तरह ऑनलाइन ट्रेडिंग करके आप शेयर खरीदना - बेचना या इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले एक अकाउंट की जरूरत पड़ेगी जिसके माध्यम से शेयर की खरीद बिक्री कर सकते हैं या लम्बे समय के लिए शेयर खरीद कर निवेशक बन सकते हैं। इसके लिए पहले आप को डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा।
शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें
1. डीमैट अकाउंट कैसे खोलें -
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। डीमैट अकॉउंट, बैंक अकाउंट की तरह होता है. बैंक अकाउंट में आपके रुपए पैसे का लेना-देना किया जाता है ठीक उसी प्रकार डीमैट अकाउंट में शेयरों का लेना-देना किया जाता है।डीमैट अकाउंट खोलने के लिए स्टेट बैंक, ICICI बैंक, कोटक बैंक, शेयर खान, आनंद राठी जैसे ब्रोकर्स के स्थानीय ब्रांच में सम्पर्क कर सकते हैं। कम ब्रोकरेज चार्ज के लिए ज़ेरोधा जैसी डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड, कैंसिल चेक बुक और फोटो की आवश्यकता होगी। आप ऑनलाइन अकाउंट ओपन करें या ऑफलाइन दोनों में यह सारे पेपर जिस ब्रोकर्स के माध्यम से आपको अकाउंट खुलवाना है उसके पते पर स्पीड पोस्ट कर दें, या स्कैन करके भेजें।
लगभग 1 हफ्ते के अंदर आपका डीमैट अकाउंट खुल जाएगा और लॉगिन ID और पासवर्ड मिल जाएगा जिसकी सहायता से आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर शेयर ट्रेडिंग कर सकेंगे।
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लगभग 1 हफ्ते के अंदर आपका डीमैट अकाउंट खुल जाएगा और लॉगिन ID और पासवर्ड मिल जाएगा जिसकी सहायता से आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर शेयर ट्रेडिंग कर सकेंगे।
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2. शेयर मार्केट की प्रक्रिया समझें -
डीमैट अकाउंट में लॉगिन होने के बाद आप अपने डीमैट अकाउंट में अपने बैंक से पैसे ट्रांसफर करेंगे। डीमैट अकाउंट के वॉलेट में जो पैसे जमा होंगे उसी के हिसाब से आप शेयरों की खरीद कर सकते हैं। जिस पर हानि और लाभ की पूरी जिम्मेदारी स्वयं आपकी होगी।
जिस स्टॉक एक्सचेंज से आप शेयर खरीदेंगे और जिस ब्रोकर्स के माध्यम से आपने डीमैट अकाउंट खुलवाया है, वह टैक्स आपसे लेंगे फिर चाहे आप मुनाफा कमाए या नुकसान में हों। आपको खरीद- बिक्री पर टैक्स देना होगा।
capital gain tax वर्तमान समय में अगर आप शेयर खरीद कर 1 साल के भीतर बेचते हैं तो मुनाफे का 15 %और 1 साल के बाद बेचने पर 10 % टैक्स देना होगा।
3. अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदें -
शेयर मार्किट में निवेश करें या ट्रेडिंग शुरुवात में आप मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदे, जो लम्बे समय से मार्किट में है और जो निफ़्टी 50 में शामिल है, जिनका प्रोडक्ट आप उपयोग करते हैं। बड़ी कंपनियों के शेयर, छोटी कंपनियों की तुलना में बहुत तेजी से कम गिरते हैं।4. कम शेयर खरीदें -
शुरुआती दौर में आप होल्डिंग के लिए शेयर खरीदे और शेयर का भाव बढ़ने पर उसे बेचकर आप मुनाफा कमाएं। शुरुवात में कम शेयर खरीदें ,जिससे यदि नुकसान भी होता है तो कम होगा। शेयर मार्केट में आप अधिक से अधिक समय दें और इसकी बारीकियों को समझें।5. गलतियों से सीखें -
अपनी गलतियों से सीखें और समय आने पर इंट्राडे शेयर खरीद और बिक्री करके आप मुनाफा कमा सकते हैं। पर जब तक मार्केट की हर चाल से परिचित न हो जाए तब तक इंट्राडे ट्रेडिंग से दूर रहें वरना आपको बड़ा घाटा लग सकता है।शेयर के भाव कम ज्यादा होने के कई कारण हैं, इन कारणों की और इंट्राडे ट्रेडिंग से जुडी तमाम बातों की चर्चा अपने आने वाले पोस्ट में करूंगा। उसे पढ़ने के लिए इस वेबसाइट में विजिट करते रहें।
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This post will help many people. Thanks for writing it in Hindi.
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