दालचीनी (cinnamon) एक,फायदे अनेक -
दालचीनी हमारे शरीर की अनेक समस्याओं का एक इलाज है। हमारे दैनिक जीवन में मसालों का अत्यधिक महत्व है इसके बिना हमारे भोजन का स्वाद अधूरा है। मसाले हमारे भोजन को स्वादिष्ट और सुगंधित बनाते हैं। साथ ही अपने औषधिय गुणों से हमारे शरीर की अनेक बीमारियों से सुरक्षा भी करते हैं।
ऐसा ही एक मसाला है दालचीनी ( Cinnamon) जिसमे मनमोहक सुगंध के साथ एक मीठा सा उष्म स्वाद भी होता है । वैसे तो दालचीनी का प्रयोग हम खाने में स्वाद बढ़ाने और गंध लाने के लिए करते हैं लेकिन नियमित तौर पर इसका प्रयोग, खासकर शहद के साथ, किसी औषधि से कम नहीं है।
यह गरम मसाले का एक अवयव है। इसमें कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन वसा और और भी अनेक लाभकारी मिनरल्स मौजूद होते हैं। दालचीनी को पेड़ की छाल से निकाला जाता है। यह बाजार में सूखे छाल या powder रूप में मिलती है।
यह गरम मसाले का एक अवयव है। इसमें कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन वसा और और भी अनेक लाभकारी मिनरल्स मौजूद होते हैं। दालचीनी को पेड़ की छाल से निकाला जाता है। यह बाजार में सूखे छाल या powder रूप में मिलती है।
यहां हम जानेंगे कि कैसे इस मसाले का प्रयोग हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है। इसका प्रयोग रात के समय एक चम्मच शहद के साथ दो चुटकी दालचीनी को पानी में मिलाकर कर सकते हैं।
दालचीनी के फायदे अनेक हैं - इसके प्रयोग से सर्दी जुकाम, मोटापा के साथ ही अमाशय के कैंसर, गठिया और सायटिका, मधुमेह तथा हृदय रोगों से बचा जा सकता है।
दालचीनी के फायदे अनेक हैं - इसके प्रयोग से सर्दी जुकाम, मोटापा के साथ ही अमाशय के कैंसर, गठिया और सायटिका, मधुमेह तथा हृदय रोगों से बचा जा सकता है।
दालचीनी के फायदे क्या हैं
1. मोटापा कम करके शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ाएं -
दालचीनी और शहद का combination मोटापा कम करके एनर्जी गेन करने में काफी कारगर है, इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उबाल लें, फिर इसमें दो चम्मच शहद मिलाया जा सकता है। इस को पीने से शरीर ऊर्जावान महसूस करेगा।2.गठिया और साइटिका मेँ अत्यंत लाभकारी -
गठिया और साइटिका में जोड़ों के दर्द से होने वाली परेशानी बड़ी कष्टकारी होती है । दालचीनी इस रोग में काफी फायदेमंद है। इसके लिए नियमित रूप से एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।दालचीनी एक सप्ताह में संधिवात के दर्द से निजात दिलाती है और एक महीने तक इसका सेवन करने से चलने फिरने में असमर्थ लोग भी चलने में सक्षम हो जाते हैं। आर्थाइटिस के दर्द में भी दालचीनी काफी फायदेमंद साबित होती है।
3.अमाशय के कैंसर में -
अमाशय की दीवारों में अल्सर के कारण उत्पन्न होने वाले कैंसर से बचने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना सेवन करने से इस तरह के कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है।4. सर्दी खांसी जुकाम में -
सर्दी-खांसी-जुकाम, वायरस के संक्रमण से होता है। सर्दी-जुकाम होने पर दालचीनी का प्रयोग करना चाहिए। एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर सुबह-शाम लेने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है। दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है. इससे पुराने कफ में भी राहत मिलेगी.
हल्के गर्म पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर तथा एक चुटकी पिसी काली मिर्च शहद में मिलाकर पीने से जुकाम तथा गले की खराश दूर होती है साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ती है जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
हल्के गर्म पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर तथा एक चुटकी पिसी काली मिर्च शहद में मिलाकर पीने से जुकाम तथा गले की खराश दूर होती है साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ती है जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
5. ह्रदय रोग से बचाव -
यदि शहद उपलब्ध ना हो तो नियमित रूप से दालचीनी की चाय पीने से भी हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है क्योंकि दालचीनी का प्रयोग ब्लड प्रेशर और ब्लड सरकुलेशन को भी सामान्य करता है।6. पेट की समस्या में आराम -
अपच जैसी पेट की समस्या होने पर दालचीनी का प्रयोग करने से आराम मिलता है। इसके अलावा दालचीनी के प्रयोग से उलटी तथा दस्त में आराम मिलता है।एक चम्मच शहद के साथ थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर लेने से पेट दर्द और एसिडिटी में आराम मिलता है तथा भोजन भी आसानी से पच जाता है और पेट की समस्या नहीं होती।
7.मधुमेह से बचाव -
टाइप 2 मधुमेह वालों के लिए दालचीनी वरदान है यह शरीर की इन्सुलिन के प्रति, प्रतिक्रिया को बढ़ाकर blood sugar को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसका प्रयोग सुबह के नाश्ते या दलिया में 1 से डेढ़ चम्मच दालचीनी पाउडर छिड़क कर भी कर सकते है। यह मस्तिष्क रोगों में भी प्रभावी है।प्रयोग में सावधानी -
दालचीनी की तासीर गर्म होती है अतः इसका प्रयोग अधिक मात्रा में ना करें एवं स्तनपान कराने वाली माताएँ तथा प्रेग्नेंट महिलाये सावधानी से प्रयोग करें।
इस तरह "दालचीनी (cinammon )एक,फायदे अनेक" इस आर्टिकल में हमने जाना कि दालचीनी के नियमित एवं उचित प्रयोग से कैसे लाभ उठाया जा सकता है। अगली पोस्ट में हम किसी अन्य मसाले के प्रयोग एवं उनसे होने वाले फायदे की चर्चा करेंगे।
आशा है यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।इसे शेयर करें। ऐसी ही उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें। आपके suggestion, कमेंट द्वारा बताएं।
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