एक्टर कैसे बनें? (Actor kaise bane)
मुंबई में एक्टिंग की शुरुवात कैसे हो?
क्या आप भी बॉलीवुड में एक्टर बनना चाहते हैं? और अपने आप को शीशे में देख कर सोचते हैं कि मैं सुनहरे पर्दे पर क्यों नहीं आ सकता? एक्टर बनने की शुरुवात कैसे करें? मुंबई जाकर क्या करना होगा? तो आइए आज इन्हीं सवालों का जवाब तलाश करने की कोशिश करते हैं।
हमारे देश में फिल्में मनोरंजन का प्रमुख साधन होने से अधिकतर लोग बॉलीवुड की फिल्में देखकर बड़े होते हैं, रेडियो टीवी पर फिल्मों के गाने सुनते हैं. फिल्मी कलाकारों का ग्लैमर और उनका रहन सहन देख कर हर कोई प्रभावित होता है, दिल चाहता है कि काश हम भी कभी फिल्मी पर्दे पर नजर आ पाते। दोस्तों, ऐसा होना नामुमकिन नहीं पर मुंबई की ट्रेन पकड़ने से पहले नीचे लिखे कुछ बातों पर विचार करें --
1. क्या आपने कभी किसी स्टेज में एक्टिंग की है या किसी नाटक में अभिनय किया है. आपके शहर या आस पास कोई तमिल, छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी, पंजाबी जैसी लोकल फिल्म Industry होने पर वहां कोई काम किया है ?
2 . क्या आप किसी अभिनेता या अभिनेताओं की आवाज और उनकी एक्टिंग की कॉपी कर पाते हैं? हिंदी वाक्यों का स्पष्ट उच्चारण कर पाते हैं?आपका स्कूल कॉलेज के दिनों का नाटकों में अभिनय करने का अच्छा रिकॉर्ड रहा है?
3. क्या आपके मुंबई जाने से घर की आर्थिक स्थिति में कोई नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ेगा? घर के अकेले कमाने वाले सदस्य आप ही तो नहीं हैं? वहां जाने के बाद पैसों की जरूरत आपको पड़ती है तो उसकी पूर्ति कहाँ से हो पायेगी?
4 . सपनों की नगरी मुंबई मैं आप कहां रुकेंगे कैसे काम खोजेंगे ? उसकी कोई गाइडलाइन आपके पास है क्योंकि मुंबई जाते ही आपको काम नहीं मिल जाएगा फिर वहां सरवाइव कैसे करेंगे? लोकल ट्रेन और बस की यात्रा के लिए आपको तैयार रहना होगा।
क्या करें ?
अगर इन सब सवालों का जवाब आपने सोच रखा है तो आप मुंबई के लिए निकल सकते हैं. वैसे ज्यादा व्यावहारिक तब होता जब आप पुणे के फिल्म एवं टीवी प्रक्षिशण संस्थान या NSD में एडमिशन लेकर अपना कोर्स पूरा करने के बाद मुंबई जाते।नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) -नई दिल्ली -
FTII, पुणे के साथ-साथ, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय भी भारत में सबसे स्थायी और सर्वश्रेष्ठ अभिनय स्कूलों में से एक है। वर्ष 1959 में स्थापित, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय कार्य करता है।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में फीस संरचना के बारे में और अन्य जानकारी के लिए उनकी वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो इतना पैसा अफोर्ड नहीं कर पाते हैं कि कि वह एक्टिंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को दे सकें तो ऐसे में इन लोगों को स्थानीय (local) थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लेना चाहिए। इससे यह फायदा होगा कि आप अपनी एक्टिंग प्रतिभा को लोगों के सामने बिना दिखा सकेंगे क्योंकि थिएटर्स में रोज स्क्रीनिंग होती है लोगों को एक्टिंग करने का मौका दिया जाता है
अभिनय क्या है?
मानवीय भावनाओं जैसे क्रोध, प्रेम, हिंसक प्रवृत्ति आदि को अपनी बॉडी लैंग्वेज, शारीरिक गतिविधि, संवादों के उतार-चढ़ाव तथा चेहरे के एक्सप्रेशन के माध्यम से प्रकट करना है। यह काम आप शीशे के सामने खड़े होकर या अपने मित्र मंडली के सामने भी कर सकते हैं। लिखे गए चरित्र की गहराई में खुद को थोड़ी देर के लिए डुबा देने से अभिनय निकल आता है।
धीरे धीरे अभ्यास बढ़ने पर कैमरे के सामने हंसी या आँसू निकालना मिनटों का खेल हो जाता है।जब आप एक्टिंग क्लास ज्वाइन करेंगे तो वहां आपको इनका मेथड भी सिखाया जायेगा। जैसे रोने का सीन करना है तो कैमरे के सामने जाने से पहले 2 मिनट अपनी साँस रोक लें,फिर कैमरे के सामने जाकर अपना डायलॉग बोलें। इससे आपकी आँखों में आंसू अपने आप आ जायेंगे।
धीरे धीरे अभ्यास बढ़ने पर कैमरे के सामने हंसी या आँसू निकालना मिनटों का खेल हो जाता है।जब आप एक्टिंग क्लास ज्वाइन करेंगे तो वहां आपको इनका मेथड भी सिखाया जायेगा। जैसे रोने का सीन करना है तो कैमरे के सामने जाने से पहले 2 मिनट अपनी साँस रोक लें,फिर कैमरे के सामने जाकर अपना डायलॉग बोलें। इससे आपकी आँखों में आंसू अपने आप आ जायेंगे।
अगर आपके पास महंगा फोटोशूट करवाने का पैसा नहीं है तो कोई बात नहीं, आपका काम अपने मोबाइल से भी चल जाएगा। अपने किसी मित्र को कहें वह आपकी मोबाइल से आपकी भिन्न-भिन्न मुद्राओं और एक्सप्रेशंस के साथ फोटो खींचे जिनमें आप अलग अलग भावनाओं को व्यक्त कर रहे हों।
मुंबई में शुरुवात कैसे करें -
1. रहने की व्यवस्था -
अब आप माया नगरी मुंबई में है। मुंबई में फिल्मों का ज्यादातर काम अंधेरी इलाके में होता है. इस इलाके में बहुत से फिल्म एवं टीवी प्रोडक्शन हाउस के ऑफिस और कलाकारों के निवास भी है। यहां आपको कम रेट में रहने की जगह मिल जाएगी। इसके अलावा वर्सोवा के आरामनगर इलाके में ज्यादातर स्ट्रगलर रहते हैं।रूम शेयरिंग बेसिस पर वहां ये 5-6 लोग मिलकर किराये पर रहते हैं। आप चाहें रूम शेयर करके रहें या अपना अलग फ्लैट लेकर, स्ट्रगल तो सभी का एक जैसा होना है। ऐसी जगहों की जानकारी देने के लिए वहां आपको बहुत से विज्ञापन बोर्ड अथवा पोस्टर मिल जाएंगे जिनमें दिए गए नम्बरों में फोन करके आप किराये आदि की जानकारी ले सकते हैं।
2. एक्टिंग क्लास ज्वाइन करें -
अगर आपका बजट अनुमति दे तो यहां चलने वाली एक्टिंग क्लास भी ज्वाइन की जा सकती है।सफल एक्टिंग स्कूलों में किशोर नमित कपूर का संस्थान आगे है। यहां बहुत से बॉलीवुड सितारों ने ट्रेनिंग ली है यहां 4 माह के कोर्स की फीस लगभग सवा दो लाख रूपये और 9 माह के कोर्स की फीस साढ़े तीन लाख रूपये है।3. मॉडलिंग करें -
दोस्तों मॉडलिंग एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से बहुत बड़े-बड़े स्टार निकलकर बॉलीवुड में सफल हुए हैं। मॉडलिंग एजेंसी से सम्पर्क करके अपना बायोडाटा और फोटोग्राफ वहां छोड़ सकते हैं। मॉडलिंग में काम मिलने के लिए अच्छा चेहरा मोहरा और अच्छी फिजिक काम आ सकती है।4. कास्टिंग डायरेक्टर से मिलें -
काम की तलाश में आपको प्रोडक्शन हाउस जाकर कास्टिंग डायरेक्टर से मिलना होगा क्योंकि फिल्मों में काम देने के लिए जो जिम्मेदार होता है उसका नाम है कास्टिंग डायरेक्टर।
आपको अपना लिंक इसी से जोड़ना है क्योंकि अगर आप किसी निर्माता निर्देशक से मिलेंगे तो वह भी आपको कास्टिंग डायरेक्टर से मिलने को कहेगा।कुछ प्रोडक्शन हाउस के नाम हैं -
1. बालाजी टेलीफिल्म्स
2. जय मेहता प्रोडक्शन हाउस
3. रश्मि शर्मा टेलीफिल्म्स
4. शशि सुमीत प्रोडक्शन
5. डायरेक्टर्स कट प्रोडक्शन
कास्टिंग डायरेक्टर का काम पटकथा में लिखे गए पात्र के अनुरूप डील- डौल और चेहरे -मोहरे वाले कलाकार का चुनाव करके अपने द्वारा चुने लोगों को निर्देशक के सामने पेश करना होता है।
1. बालाजी टेलीफिल्म्स
2. जय मेहता प्रोडक्शन हाउस
3. रश्मि शर्मा टेलीफिल्म्स
4. शशि सुमीत प्रोडक्शन
5. डायरेक्टर्स कट प्रोडक्शन
कास्टिंग डायरेक्टर का काम पटकथा में लिखे गए पात्र के अनुरूप डील- डौल और चेहरे -मोहरे वाले कलाकार का चुनाव करके अपने द्वारा चुने लोगों को निर्देशक के सामने पेश करना होता है।
इसके लिए ऑडिशन लिया जाता है। याद रखें ऑडिशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होता। यदि कोई आपसे पैसे मांगता है तो सतर्क होने की जरूरत है।
कास्टिंग डायरेक्टर से मिलने पर क्या करें -
1. अपने अभिनय क्षेत्र का अनुभव और किसी थिएटर आदि में काम किया हो तो उसके बारे में बताएं। अपना फ़ोन नंबर या कार्ड उन्हें दे सकते हैं।2. अपने मोबाइल से खींची गई फोटो भी उन्हें दिखा सकते हैं। इस फोटो में फेस का क्लोज़अप फ्रंट और राइट -लेफ्ट साइड से लिया हुआ हो।ये फोटो बिना मेकअप खींची हुयी होना चाहिए।
यह न सोचें कि मेकअप करके गोरा दिखने से काम मिलेगा। फोटो में आपका रियल लुक आना चाहिए। क्लोज़अप फोटो के साथ मिड और फुल बॉडी कवर करती हुई फोटो भी रखें।
3. ऑडिशन में हर कोई सेलेक्ट नहीं हो सकता। इसका आधार अभिनय क्षमता के अलावा कहानी की मांग के अनुरूप पात्र का चेहरा मोहरा और फिजिक होता है। जिसका मेल इनसे होगा, कास्टिंग डायरेक्टर उसी का चयन करता है। इसलिए यदि आपको "नॉट फिट" कहा जाए तो निराश होने की कोई जरूरत नहीं है।
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5. टीवी में काम ढूंढें -
आजकल टीवी में भी बहुत सारा काम है क्योंकि दर्जनों टीवी चैनलों में प्रसारण के लिए सीरियल चाहिए। जिन की पूर्ति टीवी प्रोडक्शन हाउस सीरियल बना कर करते हैं। आपको अपना समय प्रोडक्शन हाउस, स्टूडियो और मौका मिलने पर ऑडिशन देने में लगाना होगा। यदि किसी टीवी शो के लिए आपका selection होता है तो आपको पेमेंट, काम करने के 90 दिन बाद ही मिलता है। इस बीच आप कैसे सर्वाइव करते हैं ये आपकी अपनी ज़िम्मेदारी है। शो बनने फिर टेलीकास्ट होने के बाद निर्माता को पैसे मिलते हैं तब वो कलाकारों का भुगतान करता है।
मुंबई में फिल्म और टीवी से जुड़े लोगों के एसोसिएशन होते हैं जिनमें जूनियर आर्टिस्ट से लेकर राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर तक की यूनियन शामिल है। क्योंकि आपको अभिनय के क्षेत्र में जाना है इसलिए किसी भी आर्टिस्ट एसोसिएशन की सदस्यता लेनी होगी।
एसोसिएशन के ऑफिस में जाकर सदस्यता शुल्क और फार्म भरना होगा फिर वह आपको अपना एक कार्ड बना कर देंगे।
सदस्यता कार्ड के जरिए स्टूडियो और फिल्म निर्माण से जुडी जगहों में आप की इंट्री हो सकेगी। फिल्म और टीवी में काम पाने के लिए इस मेम्बरशिप कार्ड का होना अनिवार्य है क्योंकि ज्यादातर प्रोडक्शन हाउस इस कार्ड के बिना काम नहीं देते।
एसोसिएशन के ऑफिस में जाकर सदस्यता शुल्क और फार्म भरना होगा फिर वह आपको अपना एक कार्ड बना कर देंगे।
सदस्यता कार्ड के जरिए स्टूडियो और फिल्म निर्माण से जुडी जगहों में आप की इंट्री हो सकेगी। फिल्म और टीवी में काम पाने के लिए इस मेम्बरशिप कार्ड का होना अनिवार्य है क्योंकि ज्यादातर प्रोडक्शन हाउस इस कार्ड के बिना काम नहीं देते।
6. सदस्य बनें -
CINTAA (Cine & TV Artistes’ Association) जिसके 9000 से अधिक सदस्य हैं, कलाकारों का एक बड़ा संगठन है। यह संगठन कलाकारों और निर्माता के बीच होने वाले किसी भी तरह के विवाद सुलझाने के साथ कलाकारों के हित संवर्धन का कार्य करता है। इसके लिए नीचे दिए पते पर सम्पर्क किया जा सकता है -Mumbai Office
221, Kartik Complex, 2nd Floor,
Opp. Laxmi Industrial Estate,
New Link Road, Andheri (W), Mumbai-400053
+91 22 26730511 / 10
+91 93244 32324. info@cintaa.net
Opp. Laxmi Industrial Estate,
New Link Road, Andheri (W), Mumbai-400053
+91 22 26730511 / 10
+91 93244 32324. info@cintaa.net
Business Hours
10:30am – 7:30pm (Monday to Saturday)
Delhi Office
E-133, Okhla Industrial Estate,Phase III,
New Delhi – 110 020.
New Delhi – 110 020.
+91-11-41518669
7. पॉजिटिव एटीट्यूड रखें -
अपने एटीट्यूड को कभी कमजोर ना होने दें अपने अंदर के टैलेंट को बाहर निकालने की पूरी कोशिश करते रहें याद रखें आप अपने एक्टिंग के दम पर ही लोगों का दिल जीत सकते हैं और वही चीज आपको एक्टर बनाती है कुछ ऐसा कर दिखाइए कि लोग आपको देखे तो यह महसूस करें कि आपके अंदर कोई तो बात है।बिना फ़िल्मी बैकग्राउंड के दिल्ली के रहने वाले शाहरुख खान ने अपनी जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किए। उनकी शुरुवात भी टीवी सीरियल "सर्कस" से हुई थी, लेकिन उनके पास टैलेंट के साथ वो जज्बा था कि मैं मुंबई में सफल होके सुपर स्टार बन के रहूंगा। उन्होंने अपने टैलेंट को दुनिया को दिखा दिया और सुपर स्टार बनें।
8. सबसे बड़ा भ्रम -
एक सबसे बड़ा भ्रम यह है कि बॉलीवुड में अभिनय करने के लिए अच्छा फिजिक और चेहरा मोहरा यानी सिक्स पैक बॉडी होना जरूरी है, पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अच्छी फिजिक होना, टैलेंट का विकल्प कभी नहीं हो सकता।
एक सबसे बड़ा भ्रम यह है कि बॉलीवुड में अभिनय करने के लिए अच्छा फिजिक और चेहरा मोहरा यानी सिक्स पैक बॉडी होना जरूरी है, पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अच्छी फिजिक होना, टैलेंट का विकल्प कभी नहीं हो सकता।
9. ऑडिशन में अपना बेस्ट दें -
1. कैमरे के सामने आकर पहले अपना परिचय दें फिर राइट और लेफ्ट घुमते हुए अपने चेहरे का राइट और लेफ्ट पोज़ दें। इसके बाद आपको जो भी डायलॉग दिए गए हैं, उसे कैमरे के सामने करैक्टर के हिसाब से आवाज़ में उतार -चढ़ाव लाते हुए बोलना होगा।2. पात्र और सीन की सिचुएशन के अनुरूप वहां आपको अभिनय करना होता है। पात्र के अनुसार आपको गेट अप भी दिया जा सकता है।
3. यदि कास्टिंग डायरेक्टर ने आपको कोई costume पहनकर आने को पहले ही बता दिया था तो अपने लिए वैसे कपड़े का इंतज़ाम करके जाए। रोल हिसाब से कुरता, जैकेट आदि पहन कर आने को कह दिया जाता है।
4. ऑडिशन का रिजल्ट जानने के लिए प्रोडक्शन हाउस के बताये गए डेट में स्वयं जाकर सम्पर्क करें। अगर आपकी परफॉर्मेंस अच्छी हुई तो आपको काम मिल सकता है अगर काम ना भी मिले तो निराश होने की जरूरत नहीं है अपना प्रयास जारी रखिए साथ ही अपने एक्टिंग स्किल को सुधारते रहिए।
यह संघर्ष आपको जरूर एक दिन सफल बनाएगा। मनोज कुमार, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन से लेकर आज की पीढ़ी के नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सबकी संघर्ष की गाथा आपने जरूर सुनी या पढ़ी होंगी क्योंकि बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
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Nice Post good information . Check out this article motapa kam karne ke upay .
ReplyDeleteVery helpful information thank you motivational quotes in hindi
ReplyDeletesuperb information sar
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